नाहन: जिला सिरमौर पंचायत स्तर पर जन जैव विविधता पंजियां निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने वाला हिमाचल का पहला जिला बन गया है. यह जानकारी डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने दी है.
डीसी ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों व पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की मदद से रजिस्टर के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा किया गया है. उन्होंने बताया कि जन जैव विविधता पंजियां निर्माण के कार्यों को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा 31 अगस्त 2020 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.
डीसी ने बताया कि पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (पीबीआर) स्थानीय लोगों का उनके क्षेत्र में पाए जाने वाली जैव विविधता के ज्ञान का दस्तावेज है, जिसमें स्थानीय स्तर पर जैव विविधता संसाधनों की स्थिति, उसके उपयोग, उसके इतिहास व वर्तमान में हो रहे परिवर्तन और जैव विविधता संसाधनों से प्राप्त लाभ और उनके संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों की मदद से इन संसाधनों के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दर्ज की जाती है.
डीसी ने कहा कि जन जैव विविधता पंजियां में स्थानीय जैविक संसाधनों की उपलब्धता और ज्ञान, उनके औषधीय या किसी भी अन्य उपयोग या उनके साथ जुड़े किसी भी अन्य पारंपरिक ज्ञान की व्यापक जानकारी शामिल होती है.
उन्होंने बताया कि पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर के अतंर्गत स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले जैव विविधता संसाधनों और उन्हें प्रभावित करने वाली पारिस्थितिक प्रक्रियाओं के बारे में जैव विविधता प्रबंधन समितियों के द्वारा स्थानीय लोगों से परामर्श कर रजिस्टर तैयार किया जाता है.
डॉ. परूथी ने बताया कि जन जैव विविधता पंजियां जैसे कार्यक्रमों से स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले जैव विविधता के संरक्षण, सतत उपयोग और इससे होने वाले लाभों को स्थानीय स्तर पर सभी लोगों में एक समान लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा.
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