नाहन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल से वोकल के मंत्र पर सिरमौर प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है. कोरोना संकटकाल के बीच मेड-इन-सिरमौर जिला बनाने की शुरू की गई मुहिम में जिला ने एक ओर कदम बढ़ाया है. अब जिला में मेड-इन-सिरमौर लड़ियां तैयार की जा रही हैं.
दरअसल सिरमौर प्रशासन का प्रयास है कि इस बार दीपावली पर घरों इत्यादि को रोशन करने के लिए जिला में ही तैयार रंग-बिरंगी लड़ियां तैयार की जाएं और इसी दिशा में कार्य भी चल रहा है. फिलहाल मोगीनंद क्षेत्र में इन लड़ियों को तैयार किया जा रहा है.
प्रशासन का प्रयास है कि इनकी अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ इनके दाम भी उचित हो. मेड-इन-सिरमौर के तहत ये लडियां जिला का तीसरा प्रोडक्ट होगा, जिन्हें इस बार दीवाली पर बाजार में बिक्री हेतू उतारा जाएगा.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि केंद्र सरकार के लोकल से वोकल के संदेश को बढ़ावा देने के इरादे से जिला को मेड-इन-सिरमौर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. पहले चरण में सैलून संचालकों हेतू एप्रेन तैयार किए गए थे, जिसके बाद दूसरे उत्पाद के रूप में महिला मंडलों द्वारा पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखत हेतू सरसों, गेंदे आदि के बीज का इस्तेमाल कर विशेष राखियां तैयार की गई और अब उसी तर्ज पर मोगीनंद क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले उद्यमी अरूण कुमार के सहयोग से मेड-इन-सिरमौर लडियां तैयार की जा रही हैं.
इलेक्ट्रिक सामान का हब बनाने के प्रयास
जिला को इलेक्ट्रिक सामान का हब बनाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और इस वर्ष इलेक्ट्रिक सामान की असेम्बलिंग पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन अगले वर्ष इलेक्ट्रिक सामान भी जिला में ही तैयार होगा. डीसी सिरमौर डॉ. परूथी ने फिलहाल प्रथम चरण में इस वर्ष मेटिरियल दिल्ली से लाया जा रहा है, जिससे असेम्बल कर क्वालिटी प्रोडक्ट तैयार किया जा रहा है.
दूसरे चरण में इस्तेमाल होने वाले सामान की प्रोडक्शन भी जिला में ही शुरू करवाई जाएगी. इसके लिए भी नए उद्यमियों की पहचान की जा रही है. सिरमौर को एक अलग पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि दीपावली पर रंग-बिरंगी रोशनियों वाली लडियों की काफी डिमांड रहती है और बाजार में अधिकतर चीन से आयातित लड़ियां ही बिकती हैं, लेकिन इस बार सिरमौर जिला मेड-इन-सिरमौर लडियों के साथ जगमगाए, इसको लेकर प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है.