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Sirmaur: बचपन में लगी गंभीर चोट का जवानी में इलाज, 10 सालों तक ऑपरेशन के लिए करना पड़ा इंतजार

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक 20 साल के युवक का इलाज जवानी में जाकर हुआ है. हालांकि चोट बचपन में लगी थी. क्या है पूरा मामला? पढ़ें पूरी खबर...

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बचपन में लगी गंभीर चोट का जवानी में इलाज
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Published : May 31, 2023, 8:06 PM IST

बचपन में लगी गंभीर चोट का जवानी में इलाज

नाहन: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में स्थित डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में करीब 10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शिलाई के रहने वाले एक 20 वर्षीय युवक टीटू शर्मा के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया. हालांकि यह ऑपरेशन हाल ही में 23 मई को किया गया, लेकिन लंबे इंतजार के बाद बेटे का इलाज होने के बाद उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है. फिलहाल युवक अभी मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती है और अब उसकी स्थिति पहले से ज्यादा सुधार है.

दरअसल मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक व ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ. नवीन गुप्ता के नेतृत्व में 7 डॉक्टरों वाली टीम ने इस कूल्हे के जोड़ के सफल प्रत्यारोपण के ऑपरेशन को सफल तरीके से अंजाम दिया. मरीज टीटू शर्मा ने बताया कि वह 10 वर्ष की उम्र में जब 5वीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहा था, तो उस दौरान खेलते-खेलते उसे गंभीर चोट लग गई. परिजन उसे उत्तराखंड के देहरादून स्थित एक अस्पताल में ले गए. वहां डॉक्टरों ने राय दी कि उसके कूल्हे में काफी चोट लगी है. कूल्हे के जोड़ का प्रत्यारोपण होगा, लेकिन अभी उसकी उम्र कम हैं. 18 वर्ष की आयु के बाद ही यह ऑपरेशन संभव हो पाएगा.

ऐसे में इंतजार करने की बजाय दूसरा कोई रास्ता नहीं था. टीटू ने बताया कि बचपन में लगी चोट के कारण ऑपरेशन न होने की वजह से समय के साथ-साथ तकलीफ भी बढ़ती गई. पूरा पांव (पैर) सूख रहा था. इसकी वजह से 4 इंच पैर छोटा भी हो गया था. उठने-बैठने में काफी दिक्कत होती थी. यहां तक कि इस अवधि में वह बैठकर शौच करने में भी पूरी तरह से असमर्थ थे. कई बार दर्द भी असहनीय होता था. अब मैडीकल कॉलेज में कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया गया.

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अस्पताल में उपचाराधीन मरीज.

वहीं भर्ती मरीज टीटू शर्मा के पिता राजू राम ने भरी आंखों के बीच बताया कि बचपन में बेटे के कूल्हे में गंभीर चोट लग गई. देहरादून अस्पताल से डॉक्टर ने राय दी कि कूल्हे का ऑपरेशन होगा, लेकिन यह 18 वर्ष की आयु के बाद ही संभव है. 10 वर्षों तक बेटे की तकलीफ देखते-देखते समय गुजारा. बताया कि बेटे को मैडीकल कॉलेज लेकर आए, तो यहां डाक्टरों ने कूल्हे का सफल ऑपरेशन किया. यह भी बताया कि सरकार की हिमकेयर योजना के तहत मेडिकल कॉलेज नाहन में कूल्हे के जोड़ का निशुल्क प्रत्यारोपण किया गया. साथ ही दवाइयां भी निशुल्क ही उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके लिए उन्होंने सरकार का भी आभार जताया.

उधर मेडिकल कॉलेज के मेडिकल अधीक्षक डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि कोविड के चलते पिछले करीब 2 वर्षों से नाहन मेडिकल कॉलेज में कूल्हे व जोहड़ों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे थे, जिन्हें अब शुरू कर दिया गया है. इसी के तहत 23 मई को टीटू शर्मा नाम के मरीज के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया गया. यह मरीज काफी समय से इससे परेशान चल रहा था. अब मेडिकल कॉलेज में नियमित रूप से यह ऑपरेशन किए जाएंगे.

बता दें कि ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ. नवीन गुप्ता के नेतृत्व में ऑर्थो विभाग से डॉ. विनोद गुप्ता, डॉ. विवेक कुमार, डा. सन्नी, डा. दीक्षित गौतम, एनिथिसिया विभाग से डॉ. सोनाली कौशल व डॉ. मोहिनी सहित स्टाफ नर्स व ओट टैक्नीशियन की टीम ने टीटू शर्मा के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण कर उसे नया जीवन दिया है. इसके लिए टीटू व उसके पिता राजू राम भी मेडिकल कॉलेज की इस टीम का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

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बचपन में लगी गंभीर चोट का जवानी में इलाज

नाहन: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में स्थित डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में करीब 10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शिलाई के रहने वाले एक 20 वर्षीय युवक टीटू शर्मा के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया. हालांकि यह ऑपरेशन हाल ही में 23 मई को किया गया, लेकिन लंबे इंतजार के बाद बेटे का इलाज होने के बाद उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है. फिलहाल युवक अभी मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती है और अब उसकी स्थिति पहले से ज्यादा सुधार है.

दरअसल मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक व ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ. नवीन गुप्ता के नेतृत्व में 7 डॉक्टरों वाली टीम ने इस कूल्हे के जोड़ के सफल प्रत्यारोपण के ऑपरेशन को सफल तरीके से अंजाम दिया. मरीज टीटू शर्मा ने बताया कि वह 10 वर्ष की उम्र में जब 5वीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहा था, तो उस दौरान खेलते-खेलते उसे गंभीर चोट लग गई. परिजन उसे उत्तराखंड के देहरादून स्थित एक अस्पताल में ले गए. वहां डॉक्टरों ने राय दी कि उसके कूल्हे में काफी चोट लगी है. कूल्हे के जोड़ का प्रत्यारोपण होगा, लेकिन अभी उसकी उम्र कम हैं. 18 वर्ष की आयु के बाद ही यह ऑपरेशन संभव हो पाएगा.

ऐसे में इंतजार करने की बजाय दूसरा कोई रास्ता नहीं था. टीटू ने बताया कि बचपन में लगी चोट के कारण ऑपरेशन न होने की वजह से समय के साथ-साथ तकलीफ भी बढ़ती गई. पूरा पांव (पैर) सूख रहा था. इसकी वजह से 4 इंच पैर छोटा भी हो गया था. उठने-बैठने में काफी दिक्कत होती थी. यहां तक कि इस अवधि में वह बैठकर शौच करने में भी पूरी तरह से असमर्थ थे. कई बार दर्द भी असहनीय होता था. अब मैडीकल कॉलेज में कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया गया.

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अस्पताल में उपचाराधीन मरीज.

वहीं भर्ती मरीज टीटू शर्मा के पिता राजू राम ने भरी आंखों के बीच बताया कि बचपन में बेटे के कूल्हे में गंभीर चोट लग गई. देहरादून अस्पताल से डॉक्टर ने राय दी कि कूल्हे का ऑपरेशन होगा, लेकिन यह 18 वर्ष की आयु के बाद ही संभव है. 10 वर्षों तक बेटे की तकलीफ देखते-देखते समय गुजारा. बताया कि बेटे को मैडीकल कॉलेज लेकर आए, तो यहां डाक्टरों ने कूल्हे का सफल ऑपरेशन किया. यह भी बताया कि सरकार की हिमकेयर योजना के तहत मेडिकल कॉलेज नाहन में कूल्हे के जोड़ का निशुल्क प्रत्यारोपण किया गया. साथ ही दवाइयां भी निशुल्क ही उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके लिए उन्होंने सरकार का भी आभार जताया.

उधर मेडिकल कॉलेज के मेडिकल अधीक्षक डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि कोविड के चलते पिछले करीब 2 वर्षों से नाहन मेडिकल कॉलेज में कूल्हे व जोहड़ों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे थे, जिन्हें अब शुरू कर दिया गया है. इसी के तहत 23 मई को टीटू शर्मा नाम के मरीज के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण किया गया. यह मरीज काफी समय से इससे परेशान चल रहा था. अब मेडिकल कॉलेज में नियमित रूप से यह ऑपरेशन किए जाएंगे.

बता दें कि ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ. नवीन गुप्ता के नेतृत्व में ऑर्थो विभाग से डॉ. विनोद गुप्ता, डॉ. विवेक कुमार, डा. सन्नी, डा. दीक्षित गौतम, एनिथिसिया विभाग से डॉ. सोनाली कौशल व डॉ. मोहिनी सहित स्टाफ नर्स व ओट टैक्नीशियन की टीम ने टीटू शर्मा के कूल्हे के जोड़ का सफल प्रत्यारोपण कर उसे नया जीवन दिया है. इसके लिए टीटू व उसके पिता राजू राम भी मेडिकल कॉलेज की इस टीम का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

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