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Shri Renukaji Dam project: श्री रेणुकाजी बांध प्रभावित परिवार इस तारीख तक दे सकते हैं दावे व आपत्तियां - डीसी सिरमौर सुमित खिमटा

श्री रेणुकाजी बांध परियोजना से प्रभावित परिवार 16 मई से 14 जून 2023 तक अपने दावे व आपत्तियां लिखित रुप में श्री रेणुकाजी बांध परियोजना कार्यालय ददाहू व संबंधित तहसीलदार कार्यालय में पंजीकृत कर सकते हैं. श्री रेणुकाजी बांध परियोजना से 1408 परिवार प्रभावित हो रहे हैं.

Shri Renuka Ji Dam Project in Nahan Sirmaur.
श्री रेणुका बांध प्रभावित परिवार इस तारीख तक कर सकते हैं दावे व आक्षेप.
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Published : May 16, 2023, 5:00 PM IST

जानकारी देते हुए उपायुक्त सिरमौर एवं समाहर्ता सिरमौर सुमित खिमटा.

नाहन: देश की राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ददाहू में गिरि नदी पर प्रस्तावित श्री रेणुकाजी बांध निर्माण की कवायदें तेज हो गई हैं. हालांकि इसके निर्माण के लिए जल्द ही फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन निर्माण से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इसी कड़ी में रेणुका जी बांध परियोजना के प्रभावित 16 मई से 14 जून 2023 तक अपने दावे व आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं.

'श्री रेणुकाजी बांध परियोजना से 1408 परिवार प्रभावित': इस संदर्भ में उपायुक्त सिरमौर एवं समाहर्ता सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि ये दावे व आक्षेप श्री रेणुकाजी बांध परियोजना कार्यालय ददाहू और तहसीलदार ददाहू, संगड़ाह, नौहराधार, राजगढ़ व पच्छाद के कार्यालयों में प्रस्तुत किए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि श्री रेणुकाजी बांध परियोजना में 20 पंचायतों के कुल 1408 परिवार मुख्य परियोजना से प्रभावित परिवार हैं, जिन्हें मुआवजा प्रदान किया गया है. इन प्रभावित परिवारों में 297 परिवारों की भूमि और घर, जबकि 481 परिवारों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसी प्रकार 40 परिवारों के मकान व संरचना और 587 परिवारों की शामलात भूमि का अधिग्रहण किया गया है. जबकि 3 और परिवार भी परियोजना से प्रभावित हैं.

'16 मई से 14 जून तक दे सकते हैं दावे व आपत्तियां': डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि श्री रेणुका बांध प्रभावित परिवारों की विस्तृत सूचियां डीसी सिरमौर की आधिकारिक वैबसाईट पर उपलब्ध हैं, जहां पर इसका अवलोकन किया जा सकता है. इसके अलावा आमजन की जानकारी हेतु संबंधित पटवार वृतों, पंचायत कार्यालयों में भी यह सूची 16 मई से 14 जून 2023 तक अवलोक के लिए उपलब्ध रहेगी. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित व्यक्ति जिनकी भूमि या घर इस परियोजना हेतु अधिगृहित हुए हैं और अगर उनका नाम इस सूची में सम्मिलित नहीं है या त्रृटिपूर्ण सम्मिलित है, उन्हें सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया है कि इस संबंध में यदि किसी का कोई दावा या आपत्ती हो, तो वह लिखित रूप में श्री रेणुकाजी बांध परियोजना कार्यालय ददाहू व संबंधित तहसीलदार कार्यालय में 16 मई से 14 जून प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक व्यक्तिगत रूप से या पंजीकृत डाक द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं. इसके बाद प्राप्त दावे व आपत्तियां मान्य नहीं होंगी. डीसी खिमटा ने बताया कि दावे व आपत्ती प्राप्त होने की अवधि समाप्त होने के 15 दिन के भीतर अंतिम रूप से सूचि को अधिसूचित कर दिया जाएगा.

'500 करोड़ रुपये की राशि से बनेगा श्री रेणुकाजी बांध': बता दें कि इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास कर चुके हैं. जल्द ही फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. वहीं, प्रबंधन के अनुसार परियोजना का कार्य शुरू होने से पूर्व तीन सुरंगों का निर्माण किया जाएगा. ये सुरंगे डेढ़-डेढ़ किलोमीटर लंबी होंगी, ताकि नदी के पानी का बहाव मोड़कर इन सुरंगों की ओर किया जा सके. जानकारी के अनुसार इस कार्य पर लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी है. उल्लेखनय है कि वर्ष 2018 में परियोजना का प्राकलन 6947 करोड़ रुपये का है. इसमें पानी की आपूर्ति पर 6647.46 करोड़, जबकि बिजली पर 299 करोड़ रुपये की लागत शामिल है. परियोजना परिव्यय का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार की ओर से वहन किया जाएगा. यहां 24 किलोमीटर लंबी झील बनेगी. 1508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा. परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव और 7000 की आबादी प्रभावित होगी.

ये भी पढ़ें: नाहन के बोहलियों गांव में पहुंच गई हाथियों की टोली, सहम उठे लोग, कैमरे में कैद की तस्वीरें

जानकारी देते हुए उपायुक्त सिरमौर एवं समाहर्ता सिरमौर सुमित खिमटा.

नाहन: देश की राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ददाहू में गिरि नदी पर प्रस्तावित श्री रेणुकाजी बांध निर्माण की कवायदें तेज हो गई हैं. हालांकि इसके निर्माण के लिए जल्द ही फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन निर्माण से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इसी कड़ी में रेणुका जी बांध परियोजना के प्रभावित 16 मई से 14 जून 2023 तक अपने दावे व आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं.

'श्री रेणुकाजी बांध परियोजना से 1408 परिवार प्रभावित': इस संदर्भ में उपायुक्त सिरमौर एवं समाहर्ता सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि ये दावे व आक्षेप श्री रेणुकाजी बांध परियोजना कार्यालय ददाहू और तहसीलदार ददाहू, संगड़ाह, नौहराधार, राजगढ़ व पच्छाद के कार्यालयों में प्रस्तुत किए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि श्री रेणुकाजी बांध परियोजना में 20 पंचायतों के कुल 1408 परिवार मुख्य परियोजना से प्रभावित परिवार हैं, जिन्हें मुआवजा प्रदान किया गया है. इन प्रभावित परिवारों में 297 परिवारों की भूमि और घर, जबकि 481 परिवारों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसी प्रकार 40 परिवारों के मकान व संरचना और 587 परिवारों की शामलात भूमि का अधिग्रहण किया गया है. जबकि 3 और परिवार भी परियोजना से प्रभावित हैं.

'16 मई से 14 जून तक दे सकते हैं दावे व आपत्तियां': डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि श्री रेणुका बांध प्रभावित परिवारों की विस्तृत सूचियां डीसी सिरमौर की आधिकारिक वैबसाईट पर उपलब्ध हैं, जहां पर इसका अवलोकन किया जा सकता है. इसके अलावा आमजन की जानकारी हेतु संबंधित पटवार वृतों, पंचायत कार्यालयों में भी यह सूची 16 मई से 14 जून 2023 तक अवलोक के लिए उपलब्ध रहेगी. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित व्यक्ति जिनकी भूमि या घर इस परियोजना हेतु अधिगृहित हुए हैं और अगर उनका नाम इस सूची में सम्मिलित नहीं है या त्रृटिपूर्ण सम्मिलित है, उन्हें सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया है कि इस संबंध में यदि किसी का कोई दावा या आपत्ती हो, तो वह लिखित रूप में श्री रेणुकाजी बांध परियोजना कार्यालय ददाहू व संबंधित तहसीलदार कार्यालय में 16 मई से 14 जून प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक व्यक्तिगत रूप से या पंजीकृत डाक द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं. इसके बाद प्राप्त दावे व आपत्तियां मान्य नहीं होंगी. डीसी खिमटा ने बताया कि दावे व आपत्ती प्राप्त होने की अवधि समाप्त होने के 15 दिन के भीतर अंतिम रूप से सूचि को अधिसूचित कर दिया जाएगा.

'500 करोड़ रुपये की राशि से बनेगा श्री रेणुकाजी बांध': बता दें कि इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास कर चुके हैं. जल्द ही फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. वहीं, प्रबंधन के अनुसार परियोजना का कार्य शुरू होने से पूर्व तीन सुरंगों का निर्माण किया जाएगा. ये सुरंगे डेढ़-डेढ़ किलोमीटर लंबी होंगी, ताकि नदी के पानी का बहाव मोड़कर इन सुरंगों की ओर किया जा सके. जानकारी के अनुसार इस कार्य पर लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी है. उल्लेखनय है कि वर्ष 2018 में परियोजना का प्राकलन 6947 करोड़ रुपये का है. इसमें पानी की आपूर्ति पर 6647.46 करोड़, जबकि बिजली पर 299 करोड़ रुपये की लागत शामिल है. परियोजना परिव्यय का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार की ओर से वहन किया जाएगा. यहां 24 किलोमीटर लंबी झील बनेगी. 1508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा. परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव और 7000 की आबादी प्रभावित होगी.

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