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अनदेखी का शिकार हो रही रेणुका झील, धीरे-धीरे खो रही अपना वजूद - हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील

अपनी सुंदरता के लिए मशहूर प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. झील का पूर्वी हिस्सा लगातार सूखता जा रहा है. जिसको लेकर प्रशासन किसी तरीके का कोई कदम नहीं उठा रहा है.

रेणुका झील
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Published : Nov 14, 2019, 2:14 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 3:18 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी धार्मिक पर्यटन के लिए देश भर में मशहूर है. पर्यटक इस झील में बोटिंग के साथ-साथ इसकी परिक्रमा करके प्रकृति का आनंद भी लेते हैं, लेकिन प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी के एक हिस्से में दलदल बनने से पर्यटकों में स्थानीय प्रशासन की तरफ खासी नाराजगी है.

बता दें कि ईटीवी भारत की टीम ने जब इस झील की परिक्रमा का जायजा लिया तो पाया कि पिछले कुछ समय से इस झील का एक बड़ा हिस्सा लगातार दलदल में तब्दील होता जा रहा है. झील के इस भाग में झाड़ियां भी पैदा हो गई हैं. इस कारण यह झील अपनी सुंदरता भी खोने लगी है.

वीडियो रिपोर्ट.

नारी आकार की इस झील के पूर्वी भाग को माता का सिर माना जाता है और वहीं पर झील अपना अस्तित्व खोती जा रही है. झील की ऐसी दशा देखकर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी नाखुश है और सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

कोलकाता से आए पर्यटक ने बताया कि इंटरनेट पर स्थान को देखने के बाद यहां आए, लेकिन झील का पूर्वी हिस्सा लगातार सूखता जा रहा है. सरकार को इस ओर कदम उठाने चाहिए, ताकि इस विरासत को बचाया जा सके.

प्राशासन के द्वारा माता रेणुका के रूप में स्थित श्री रेणुका जी झील की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे न केवल पर्यटक आहत है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है. लिहाजा सरकार को झील की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है.

नाहन: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी धार्मिक पर्यटन के लिए देश भर में मशहूर है. पर्यटक इस झील में बोटिंग के साथ-साथ इसकी परिक्रमा करके प्रकृति का आनंद भी लेते हैं, लेकिन प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी के एक हिस्से में दलदल बनने से पर्यटकों में स्थानीय प्रशासन की तरफ खासी नाराजगी है.

बता दें कि ईटीवी भारत की टीम ने जब इस झील की परिक्रमा का जायजा लिया तो पाया कि पिछले कुछ समय से इस झील का एक बड़ा हिस्सा लगातार दलदल में तब्दील होता जा रहा है. झील के इस भाग में झाड़ियां भी पैदा हो गई हैं. इस कारण यह झील अपनी सुंदरता भी खोने लगी है.

वीडियो रिपोर्ट.

नारी आकार की इस झील के पूर्वी भाग को माता का सिर माना जाता है और वहीं पर झील अपना अस्तित्व खोती जा रही है. झील की ऐसी दशा देखकर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी नाखुश है और सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

कोलकाता से आए पर्यटक ने बताया कि इंटरनेट पर स्थान को देखने के बाद यहां आए, लेकिन झील का पूर्वी हिस्सा लगातार सूखता जा रहा है. सरकार को इस ओर कदम उठाने चाहिए, ताकि इस विरासत को बचाया जा सके.

प्राशासन के द्वारा माता रेणुका के रूप में स्थित श्री रेणुका जी झील की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे न केवल पर्यटक आहत है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है. लिहाजा सरकार को झील की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है.

Intro:- प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी के एक हिस्से में दलदल, हालत देख पर्यटक नाखुश
- हिमाचल सरकार इस धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण झील का करें, पर्यटकों ने की मांग
नाहन। हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी धार्मिक पर्यटन के लिए जानी जाती है। यहां पर जहां माता रेणुका के दर्शन होते हैं, वही पर्यटक इस झील में बोटिंग के साथ-साथ इसकी परिक्रमा करके प्रकृति का आनंद भी लेते हैं।


Body:दरअसल अढाई किलोमीटर की परिधि में बनी इस झील की प्राकृतिक छटा सबका मन मोह लेती है। ईटीवी भारत की टीम ने जब इस झील की परिक्रमा का जायजा लिया तो पाया कि पिछले कुछ समय से इस झील का एक बड़ा हिस्सा लगातार दलदल में तब्दील होता जा रहा है ओर इस भाग में झाड़ियां भी पैदा हो गई है। इस कारण से यह झील अपनी सुंदरता भी खोने लगी है। यही नहीं झील के अस्तित्व पर भी लगातार खतरा मंडरा रहा है। नारी आकार की इस झील के पूर्वी भाग को माता का सिर माना जाता है और वहीं पर झील अपना अस्तित्व खोती जा रही है। झील की ऐसी दशा देख बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी नाखुश है और सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि जैसी झील उन्होंने इंटरनेट पर देखी, वहीं उन्हें यहां भी देखने को मिले।
ईटीवी से बातचीत करते हुए कोलकाता से आए पर्यटक ने बताया कि इंटरनेट पर स्थान को देखने के बाद यहां आए, परंतु झील का अगला भाग ठीक व सुंदर है, मगर पूर्वी हिस्सा लगातार सूखता जा रहा है। सरकार को इस ओर कदम उठाने चाहिए, ताकि इस विरासत को बचाया जा सके।
बाइट 1 : पर्यटक कोलकाता
वही सोलन से आए सैलानी ने बताया कि वे लोग पहली बार रेणुका जी आए हैं। झील व स्थान बहुत सुंदर है, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा, जिसे माता का सिर माना जाता है, लगातार दलदल में बदलता जा रहा है। सरकार को एक और ध्यान देने की जरूरत है।
बाइट 2 : पर्यटक सोलन
उधर बनारस से आए पर्यटक ने बताया कि रेणुका बहुत सुंदर स्थल है, लेकिन झील का एक बड़ा भाग दयनीय हालत में है। यह सीधे-सीधे सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और इस और ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
बाइट 3 : पर्यटक बनारस


Conclusion:उल्लेखनीय है कि नारी आकार में माता रेणुका के रूप में स्थित श्री रेणुका जी झील की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे न केवल पर्यटक आहत है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है। लिहाजा समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। अन्यथा झील पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
Last Updated : Nov 14, 2019, 3:18 PM IST
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