नाहन: डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में कोविड की थर्ड वेव की संभावना के दृष्टिगत 30 बैडिड पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह वार्ड शिशुओं के लिए सभी आवश्यक उपचार सुविधाएं जैसे वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई व अन्य मेडिकल उपकरणों से लैस होगा.
विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने यह जानकारी देते हुए शनिवार को नाहन में बताया कि मेडिकल कॉलेज कोरोना रोगियों के उपचार के लिए कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ दिन-रात रोगियों की सेवा में जुटे हैं.
शुरू में 20 बेड की सुविधा थी
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि डॉक्टर यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुरू में कोविड के मामले आने के समय 20 बेड की सुविधा थी, जिनमें सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी, जबकि वर्तमान में अस्पताल में 1.25 करोड़ रुपये की लागत से 300 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट के साथ 30 आईसीयू कोविड बेड सहित कुल 80 कोविड बेड की उपलब्धता के साथ रोगियों का उपचार किया जा रहा है.
65 स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि कोविड रोगियों की बेहतर देखभाल के लिए फौरी तौर पर 50 स्टाफ नर्सों और 20 वार्ड बॉयज की अस्थाई नियुक्ति की गई है. प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में 65 स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां कमीशन के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में की गई हैं.
कोविड रोगियों के उपचार और देखभाल के साथ सावधानी बरतते हुए इमरजेंसी में आने वाले अन्य रोगियों की भी जांच की जा रही है. इसी प्रकार महिला रोगियों की जांच भी गायनोकोलॉजिस्ट द्वारा लगातार की जा रही है.
ब्लैक फंगस के लिए भी तैयार मेडिकल कॉलेज
डॉ. राजीव बिंदल ने बताया कि डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ब्लैक फंगस के मामलों को मॉनिटर करने के लिए चिकित्सकों की टीम नोटिफाई करके एक पैनल बना दिया है. इस पैनल में स्पेशलिस्ट ईएनटी, आई डेंटल, सर्जरी, मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी के एक्सपर्ट शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कोविड पेशेंट में ब्लैक फंगस के संभावित खतरे के दृष्टिगत कोविड रोगियों की भी लगतातर मॉनिटरिंग की जा रही है.
ये भी पढ़ें- कांग्रेस में गुटबाजी! बाली के बैनर से वीरभद्र सिंह का चेहरा गायब, नाराज समर्थकों ने होर्डिंग फाड़े