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कोरोना की वजह से थमी जिंदगी... पकड़ने लगी रफ्तार, देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट - डीसी डॉ. आरके परुथी

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सिरमौर जिला के डीसी डॉ. आरके परुथी ने बताया कि आर्थिक व्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए जिला की सभी 228 पंचायतों में मनरेगा के कार्य करने की स्वीकृति दी गई है, ताकि वार्ड स्तर पर मनरेगा के तहत जो भी लोग कार्य करना चाहते हैं, उन्हें घर के नजदीक ही रोजगार मिल सके.

MNREGA work in nahan, नाहन में मनरेगा कार्य
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Published : May 12, 2020, 5:43 PM IST

नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से थमी जिंदगी की रफ्तार अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां अधिकतर कार्य शुरू किए जा चुके है, वहीं मुश्किल के इस दौर से निकलते हुए लोगों को दोबारा रोजगार भी मिलना शुरू हो गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया, तो पाया कि पुनः काम शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है और और पिछला करीब डेढ़ महीना मुश्किलों के दौर से गुजरते हुए निकाला है. दरअसल सिरमौर जिला में विभिन्न कार्यों के साथ मनरेगा के काम भी शुरू कर दिए गए हैं.

वीडियो.

खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों की आर्थिकी को पुनः पटरी पर लाने के प्रयास हो रहे हैं. इसी के तहत जिला सिरमौर के 6 विकास खंडों में मनरेगा के अंतर्गत अब तक 1515 कार्यों पर काम शुरू हो चुका है, जिसमें साढ़े 12 हजार के करीब श्रमिकों को रोजगार मिला है. खास बात यह है कि कोविड-19 के तहत सभी कार्यों पर पूरी सावधानी बरती जा रही है. वहीं, जिला प्रशासन के अनुसार अब पंचायतों में बीआरजीएफ के तहत भी कार्य शुरू किए जा सकते हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के और द्वार फिर खुल जाएंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सिरमौर जिला के डीसी डॉ. आरके परुथी ने बताया कि आर्थिक व्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए जिला की सभी 228 पंचायतों में मनरेगा के कार्य करने की स्वीकृति दी गई है, ताकि वार्ड स्तर पर मनरेगा के तहत जो भी लोग कार्य करना चाहते हैं, उन्हें घर के नजदीक ही रोजगार मिल सके.

MNREGA work in nahan, नाहन में मनरेगा कार्य
फोटो.

डीसी ने बताया कि मनरेगा के तहत शुरू किए गए कार्यों में भी नियम यही है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और हैंडवाशिंग की सुविधा हो. साथ ही श्रमिक मास्क लगाकर ही काम करें. उन्होंने बताया कि अब तक जिला के 6 विकास खंडों में 1515 कार्य मनरेगा के चले हुए हैं और साढ़े 12 हजार के करीब लोग काम कर रहे हैं. डीसी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मनरेगा में काम शुरू होने से पैसों की सरकुलेशन बढ़ेगी और इक्नॉमी रिवाइव होगी. डीसी ने यह भी बताया कि मनरेगा के अलावा 14वें वित्त आयोग व प्लानिंग हेड की राशि को भी पंचायतें खर्च कर सकती हैं और वार्ड स्तर पर कार्य किए जा सकते हैं.

ईटीवी से बातचीत में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों ने अपने पिछले डेढ़ महीने के मुश्किल समय को सांझा करते हुए पुनः कार्य शुरू होने पर सरकार व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है. मनरेगा श्रमिकों का कहना था कि कोरोना वायरस की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से कार्य पूरी तरह से बंद पड़े थे. घर चलाने में भी काफी दिक्कतें आ रही थी, लेकिन अब पुनः काम शुरू हुआ है, तो उन्हें काफी राहत मिली है. इसके लिए वह सरकार का आभार व्यक्त करते हैं.

MNREGA work in nahan, नाहन में मनरेगा कार्य
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कुल मिलाकर लॉकडाउन की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से जहां सभी तरह के काम ठप हो गए थे, वहीं अब जिला सिरमौर में भी उद्योगों सहित सरकारी, गैर-सरकारी अधिकतर काम शुरू होने से हजारों कामगारों को पुनः रोजगार मिला है और काफी हद तक जिला प्रशासन बाहरी राज्यों के श्रमिकों की घर वापसी को रोकने में भी कामयाब हुआ है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: बुकिंग कैंसिंल, न पक रही धाम, न बज रहे डीजे

नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से थमी जिंदगी की रफ्तार अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां अधिकतर कार्य शुरू किए जा चुके है, वहीं मुश्किल के इस दौर से निकलते हुए लोगों को दोबारा रोजगार भी मिलना शुरू हो गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया, तो पाया कि पुनः काम शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है और और पिछला करीब डेढ़ महीना मुश्किलों के दौर से गुजरते हुए निकाला है. दरअसल सिरमौर जिला में विभिन्न कार्यों के साथ मनरेगा के काम भी शुरू कर दिए गए हैं.

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खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों की आर्थिकी को पुनः पटरी पर लाने के प्रयास हो रहे हैं. इसी के तहत जिला सिरमौर के 6 विकास खंडों में मनरेगा के अंतर्गत अब तक 1515 कार्यों पर काम शुरू हो चुका है, जिसमें साढ़े 12 हजार के करीब श्रमिकों को रोजगार मिला है. खास बात यह है कि कोविड-19 के तहत सभी कार्यों पर पूरी सावधानी बरती जा रही है. वहीं, जिला प्रशासन के अनुसार अब पंचायतों में बीआरजीएफ के तहत भी कार्य शुरू किए जा सकते हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के और द्वार फिर खुल जाएंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सिरमौर जिला के डीसी डॉ. आरके परुथी ने बताया कि आर्थिक व्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए जिला की सभी 228 पंचायतों में मनरेगा के कार्य करने की स्वीकृति दी गई है, ताकि वार्ड स्तर पर मनरेगा के तहत जो भी लोग कार्य करना चाहते हैं, उन्हें घर के नजदीक ही रोजगार मिल सके.

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डीसी ने बताया कि मनरेगा के तहत शुरू किए गए कार्यों में भी नियम यही है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और हैंडवाशिंग की सुविधा हो. साथ ही श्रमिक मास्क लगाकर ही काम करें. उन्होंने बताया कि अब तक जिला के 6 विकास खंडों में 1515 कार्य मनरेगा के चले हुए हैं और साढ़े 12 हजार के करीब लोग काम कर रहे हैं. डीसी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मनरेगा में काम शुरू होने से पैसों की सरकुलेशन बढ़ेगी और इक्नॉमी रिवाइव होगी. डीसी ने यह भी बताया कि मनरेगा के अलावा 14वें वित्त आयोग व प्लानिंग हेड की राशि को भी पंचायतें खर्च कर सकती हैं और वार्ड स्तर पर कार्य किए जा सकते हैं.

ईटीवी से बातचीत में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों ने अपने पिछले डेढ़ महीने के मुश्किल समय को सांझा करते हुए पुनः कार्य शुरू होने पर सरकार व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है. मनरेगा श्रमिकों का कहना था कि कोरोना वायरस की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से कार्य पूरी तरह से बंद पड़े थे. घर चलाने में भी काफी दिक्कतें आ रही थी, लेकिन अब पुनः काम शुरू हुआ है, तो उन्हें काफी राहत मिली है. इसके लिए वह सरकार का आभार व्यक्त करते हैं.

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कुल मिलाकर लॉकडाउन की वजह से पिछले करीब डेढ़ महीने से जहां सभी तरह के काम ठप हो गए थे, वहीं अब जिला सिरमौर में भी उद्योगों सहित सरकारी, गैर-सरकारी अधिकतर काम शुरू होने से हजारों कामगारों को पुनः रोजगार मिला है और काफी हद तक जिला प्रशासन बाहरी राज्यों के श्रमिकों की घर वापसी को रोकने में भी कामयाब हुआ है.

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