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भगानी साहिब से पांवटा साहिब पहुंचा गुरुद्वारा नगर कीर्तन, संतों की उमड़ी भीड़ - नगर कीर्तन पांवटा साहिब

पांवटा साहिब शहर में युवाओं ने साहिबजादा अजीत सिंह (गुरुगोविंद सिंह के सबसे बड़े बेटे) के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. ये नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री भगानी साहिब से पांच प्यारो की अगुवाई में शुरू हुआ

Nagar Kirtan Paonta Sahib
नगर कीर्तन पांवटा साहिब
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Published : Feb 11, 2020, 11:03 AM IST

पांवटा साहिब: हर साल की तरह पांवटा साहिब शहर में युवाओं ने साहिबजादा अजीत सिंह (गुरुगोविंद सिंह के सबसे बड़े बेटे) के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. ये नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री भगानी साहिब से पांच प्यारो की अगुवाई में शुरू हुआ.

नगर कीर्तन गुरुद्वारा तीरगड़ी साहिब, सिंगपुरा, खोहडावाला से होता हुआ ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचा. नगर कीर्तन के दौरान हजारों की तादाद में यात्री पैदल चल कर भगानी से पांवटा साहिब पहुंचे. गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी में गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांवटा साहिब में अपने जीवन का पहला धर्मयुद्ध भंगाणी में लड़ा और जीत प्राप्त की थी.

वीडियो

इसी दौरान गुरु गोबिंद सिंह को भंगाणी में ही अपने पहले पुत्र के जन्म की सूचना मिली, जिससे खुश होकर उन्होंने अपने पुत्र का नाम अजीत रखा. इस खुशी में सिख फौज व संगत हर्षोल्लास के साथ गुरबाणी गायन करती हुई पांवटा साहिब पहुंची थी.

गुरुद्वारा प्रबंधक हरजिंदर सिंह ने बताया कि भगानी साहिब सुंदर पालकी व नगर कीर्तन पांवटा साहिब गुरुद्वारा पहुंचा, जहां पर पालकी का भव्य रुप से स्वागत किया गया. इस आयोजन में हजारों की तादाद में संगत मौजूद रहे. महिलाएं व छोटे बच्चों ने भी नगर कीर्तन में भाग लिया.

ये भी पढ़ें: रिटायर्ड मेजर के वायरल वीडियो मामले में आया नया मोड़, पत्नी ने किए ये खुलासे

पांवटा साहिब: हर साल की तरह पांवटा साहिब शहर में युवाओं ने साहिबजादा अजीत सिंह (गुरुगोविंद सिंह के सबसे बड़े बेटे) के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. ये नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री भगानी साहिब से पांच प्यारो की अगुवाई में शुरू हुआ.

नगर कीर्तन गुरुद्वारा तीरगड़ी साहिब, सिंगपुरा, खोहडावाला से होता हुआ ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचा. नगर कीर्तन के दौरान हजारों की तादाद में यात्री पैदल चल कर भगानी से पांवटा साहिब पहुंचे. गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी में गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांवटा साहिब में अपने जीवन का पहला धर्मयुद्ध भंगाणी में लड़ा और जीत प्राप्त की थी.

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इसी दौरान गुरु गोबिंद सिंह को भंगाणी में ही अपने पहले पुत्र के जन्म की सूचना मिली, जिससे खुश होकर उन्होंने अपने पुत्र का नाम अजीत रखा. इस खुशी में सिख फौज व संगत हर्षोल्लास के साथ गुरबाणी गायन करती हुई पांवटा साहिब पहुंची थी.

गुरुद्वारा प्रबंधक हरजिंदर सिंह ने बताया कि भगानी साहिब सुंदर पालकी व नगर कीर्तन पांवटा साहिब गुरुद्वारा पहुंचा, जहां पर पालकी का भव्य रुप से स्वागत किया गया. इस आयोजन में हजारों की तादाद में संगत मौजूद रहे. महिलाएं व छोटे बच्चों ने भी नगर कीर्तन में भाग लिया.

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Intro:भगानी साहिब से पहुंचा पांवटा इतिहासिक गुरुद्वारा नगर कीर्तन।
साहिबजादा अजीत सिंह के जन्मदिन पर 10 मार्च को खालसा फतेह आयोजन।
जगह-जगह संतो के खाने-पीने की लगे थे सौल
संतों की उमड़ी, भीड़Body:दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी के भंगानी साहिब का पहला धर्म युद्ध फतहि अते साहिबजादा बाबा अजीत सिंह के जन्मदिन दिहाड़े सोमवार को नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री भवानी साहब से गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब तक पहुंचे हर वर्ष की तरह इलाके के नौजवान निवासीयो ने साहिबजादा अजीत सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष पर नगर कीर्तन का आयोजन किया जो कि गुरुद्वारा श्री भगानी साहब से सुबह 7:00 बजे सुंदर पालकी में श्री गुरुद्वारा ग्रंथ साहिब जी की छत्रर छाया के नीचे और पांच प्यारो की अगुवाई में आरंभ हुआ गुरुद्वारा तीरगड़ी साहिब सिंगपुरा खोहडावाला पूरूवाला बांगरन शिवपुर हरिपुर टोहाना भगरनी दडीसाहिब बहेड़ेवाला शुभखेड़ा से होता हुआ शाम ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचा। समूह संगत इस फतेह मार्च में बढ़-चढ़कर संगति पहुंची अपने जीवन यात्रा करके गुरुद्वारा की खुशियां प्राप्त की वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह नगर कीर्तन के दौरान सभी संगतो ने कहि नगर कीर्तन के दौरान हजारो की तादात में यात्रियों पैदल चल कर भगानी से पांवटा साहिब पहुचे जगह-जगह लोगों को सुविधाओं के लिए शॉल का आयोजन भी किया गया था

गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी में गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांवटा साहिब में अपने जीवन का पहला धर्मयुद्ध भंगाणी में लडा और जीत प्राप्त की। इसी दौरान गुरु जी को भंगाणी में ही अपने पहले पुत्र के जन्म की सूचना मिली। जिससे प्रसन्नचित गुरु जी ने पुत्र का नाम अजीत रखा। इस खुशी में सिख फौज व संगत हर्षोल्लास के साथ गुरबाणी गायन करती हुई पांवटा साहिब पहुंची। इसे खालसा फतेह मार्च का नाम दिया गया।

Conclusion:गुरुद्वारा प्रबंधक हरजिंदर सिंह ने बताया कि भगानी साहिब सुंदर पालकी म नगर कीर्तन पांवटा साहिब गुरुद्वारा पहुंचा जहां पर पालकी का भव्य रुप से स्वागत किया गया। इस आयोजन में हजारों की तादाद में संगत में मौजूद रहे महिलाएं व छोटे बच्चे ने नगर कीर्तन में भाग लिया। सभी पंडितों के लिए यहां पर भोजन की व्यवस्था व व्यंजन की हर प्रकार के प्रबंध किए गए हैं।

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