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सालवाला में नाग मंदिर पानी में डूबा, ग्रामीणों ने की जीर्णोद्धार की मांग

सालवाला में ऐतिहासिक और प्राचीन नाग मंदिर बारिश के पानी से पूरी तरह भर चुका है. इसके बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. साथ ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है.

Naag temple
नाग मंदिर
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Published : Sep 5, 2020, 3:18 PM IST

पांवटा साहिब: सालवाला में ऐतिहासिक और प्राचीन नाग मंदिर प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहा है. इन दिनों ये मंदिर बारिश के पानी से पूरी तरह भर चुका है. इसके बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. साथ ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है.

ये मंदिर यहां के लोगों के बीच आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है. इसलिए इस मंदिर में स्थानीय लोग अपनी नई फसल का पहला हिस्सा चढ़ाने भी आते हैं. नवरात्रों में यहां पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. उस समय यहां हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण इस साल इस मंदिर में पानी भर गया है.

वीडियो

ग्रामीणों ने बताया कि भारी बारिश के चलते इस साल ये प्राचीन मंदिर पानी में डूब गया है. उन्होंने कहा कि यह काफी प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर से कई श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है. हर साल दशहरे से 2 दिन बाद यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है. वहीं, प्रशासन की अनदेखी के चलते इस मंदिर के लिए कोई भी आर्थिक योजना उपलब्ध नहीं करवाई गई है, जिससे की इस मंदिर का जीर्णोद्धार हो सके.

Naag temple
पानी में डूबा नाग मंदिर

एसडीएम लायक राम वर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. मंदिर से पानी निकालने के लिए जल्द ही कोई रणनीति बनाई जाएगी. इस बारे में तहसीलदार को आदेश दे दिए गए हैं.

प्रदेश सरकार एक ओर प्राचीन धरोहरों को संग्रहित करने के लिए प्रयासरत है. वहीं, कई ऐसी भी जगहें हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर यहां पर्यटन की संभानवनाएं बढ़ सकती हैं. इससे क्षेत्र का विकास होगा. साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकते हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार के दावों की खुली पोल, जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को विवश हैं ग्रामीण

पांवटा साहिब: सालवाला में ऐतिहासिक और प्राचीन नाग मंदिर प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहा है. इन दिनों ये मंदिर बारिश के पानी से पूरी तरह भर चुका है. इसके बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. साथ ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है.

ये मंदिर यहां के लोगों के बीच आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है. इसलिए इस मंदिर में स्थानीय लोग अपनी नई फसल का पहला हिस्सा चढ़ाने भी आते हैं. नवरात्रों में यहां पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. उस समय यहां हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण इस साल इस मंदिर में पानी भर गया है.

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ग्रामीणों ने बताया कि भारी बारिश के चलते इस साल ये प्राचीन मंदिर पानी में डूब गया है. उन्होंने कहा कि यह काफी प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर से कई श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है. हर साल दशहरे से 2 दिन बाद यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है. वहीं, प्रशासन की अनदेखी के चलते इस मंदिर के लिए कोई भी आर्थिक योजना उपलब्ध नहीं करवाई गई है, जिससे की इस मंदिर का जीर्णोद्धार हो सके.

Naag temple
पानी में डूबा नाग मंदिर

एसडीएम लायक राम वर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. मंदिर से पानी निकालने के लिए जल्द ही कोई रणनीति बनाई जाएगी. इस बारे में तहसीलदार को आदेश दे दिए गए हैं.

प्रदेश सरकार एक ओर प्राचीन धरोहरों को संग्रहित करने के लिए प्रयासरत है. वहीं, कई ऐसी भी जगहें हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर यहां पर्यटन की संभानवनाएं बढ़ सकती हैं. इससे क्षेत्र का विकास होगा. साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकते हैं.

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