पांवटा साहिब: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज बड़ी संख्या में कुशल मजदूरों को रोजगार प्रदान करता है. कोविड के गहरे संकट के साथ यह पतन की कगार पर पहुंच गया है. पांवटा चेंबर ऑफ कॉमर्स के सतीश गोयल की मानें तो सरकार को औद्योगिक क्षेत्र की ओर भी ध्यान देना चाहिए. बड़े पैकेज औद्योगिक क्षेत्र में लाने चाहिए ताकि आने वाले समय में हिमाचल की तरक्की हो और उद्योगों में काम कर रहे स्टाफ सहित मजदूरों को अच्छा मुनाफा मिल सके.
कोरोना कर्फ्यू ने तोड़ी व्यापारियों की कमर
हिमाचल प्रदेश के पांवटा शहर के औद्योगिक क्षेत्र में कामकाज न के बराबर चल रह है. ऐसे में उद्योगों के साथ जुड़े हुए सभी लोगों के कामकाज बहुत निचले स्तर पर आ गए हैं. काम में कमी आई क्योंकि लॉकडाउन की आशंका के कारण कुशल मजदूर गांव लौट गए थे. शहर में सैकड़ों उद्योगों में श्रमिकों की संख्या में गिरावट आ गई है. कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए पहले ही अधिकांश श्रमिक मजदूर अपने राज्यों में पलायन कर गए थे. बचे हुए मजदूरों से काम करवाया जा रहा है, ऐसे में काम में भी गिरावट आई है. पांवटा साहिब में कई मेडिसनल प्लांट हैं. कोरोनाकाल में रॉ मटेरियल न आने की वजह से इन कामों में भी गिरावट आई है.
'ओद्योगिक क्षेत्र की ओर ध्यान देने की जरुरत'
कोरोना संक्रमण के चलते उद्योगों में मजदूरों के संख्याओं को भी घटा दिया गया था, ऐसे में उद्योगों में उत्पादन की कमी आई. जहां से 10 गाड़ियां प्रोडक्शन के बाद भेजी जाती थी, इन दिनों एक गाड़ी भेजना भी मुश्किल हो गया है. पांवटा शहर में कई उद्योग हैं जिनसे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. वर्तमान स्थिति की बात की जाए उद्योगों में मजदूरों की संख्या कम हो गई है. ऐसे में रोजगार भी कम मिल रहा है.
उत्पादन के काम में गिरावट आई है, जिससे सीधा नुकसान उद्योग मालिक, स्टाफ, मजदूरों, ट्रांसपोर्ट और प्रदेश सरकार को भी पहुंच रहा है. पांवटा चेंबर ऑफ कॉमर्स के सतीश गोयल और सिरमौर माइनिंग एसोसिएशन की मानें तो सरकार को औद्योगिक क्षेत्र की ओर भी ध्यान देना चाहिए. बड़े पैकेज औद्योगिक क्षेत्र में लाने चाहिए ताकि आने वाले समय में हिमाचल की तरक्की हो और उद्योगों में काम कर रहे स्टाफ सहित मजदूरों को अच्छा मुनाफा मिल सके.
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