सिरमौर: जिला सिरमौर के संगड़ाह बीडीओ कार्यालय से 10,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस द्वारा रंगे हाथों दबोचे गए आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे जेई प्रदीप शर्मा को जिला प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर संबंधित कंपनी को भी अवगत करवाया दिया है. वहीं, आरोपी जेई को 5 दिन की पुलिस हिरासत में बाद अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई. उधर, बीडीओ कार्यालय संगड़ाह पहले ही इस मामले की पूरी रिपोर्ट ग्रामीण विकास निदेशालय को भेज चुका है.
जानकारी के अनुसार आरोपी जेई बीडीओ कार्यालय संगड़ाह में तैनात था. वर्ष 2015 में वाटरशेड प्रोजेक्ट के तहत बतौर जेई की आउटसोर्स के आधार पर उसकी तैनाती हुई थी. साल 2020 से वह मनरेगा के तहत सेवाएं दे रहा था. वर्तमान में वह बीडीओ संगड़ाह कार्यालय में तैनात था. निजी कंपनी के माध्यम से उसकी तैनाती हुई थी. बता दें कि गत 4 अप्रैल को विजिलेंस की टीम ने संगड़ाह में दबिश देकर बीडीओ कार्यालय में तैनात उक्त जेई को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
ग्राम पंचायत संगड़ाह के तहत खरदिया मोड़ से पालर खड्ड तक सड़क के लिए राशि स्वीकृत हुई और इसी का एस्टीमेट बनाने की एवज में आरोपी ने रिश्वत की डिमांड की थी. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से की, जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए दबोचा था. इसके बाद अदालत ने आरोपी को 5 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए थे. पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उसे दोबारा से अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई.
डीसी सिरमौर आरके गौतम ने बताया कि आउटसोर्स पर तैनात आरोपी जेई प्रदीप शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है. इस संबंध में संबंधित कंपनी को भी लिखित तौर पर अवगत करवा दिया गया है. स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की एसपी अंजुम आरा ने आरोपी को जमानत मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया था.
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