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उपलब्धि: धावक सुनील शर्मा ने 36 घंटों में नापा वाणा से रोट्री नंदा ट्रैक

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Published : Oct 6, 2020, 6:42 PM IST

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिला में वाणा से रोट्री नंदा ट्रैक कठिन ट्रैकों में शुमार है. दरअसल देश के खूबसूरत एवं कठिन ट्रैकों में शुमार उत्तराखंड राज्य के जिला चमोली के वाणा से रोट्री नंदा घुंघटी हिमपर्वत शिखर 108 किलोमीटर (आना-जाना) को अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने अपने दल के साथ 36 घंटों में नाप डाला.

International ultra marathon runner Sunil Sharma tracks Rotary Nanda from Vana in 36 hours
फोटो.

नाहन: हिमाचली बेटे अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज की है. अब उन्होंने 36 घंटे में रोट्री नंदा ट्रैक को नाप डाला है. आमतौर पर इस 108 किलोमीटर ट्रैक को नापने में 5 से 7 दिन लग जाते हैं.

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिला में यह कठिन ट्रैकों में शुमार है. दरअसल देश के खूबसूरत एवं कठिन ट्रैकों में शुमार उत्तराखंड राज्य के जिला चमोली के वाणा से रोट्री नंदा घुंघटी हिमपर्वत शिखर 108 किलोमीटर (आना-जाना) को अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने अपने दल के साथ 36 घंटों में नाप डाला.

वीडियो.

108 किलोमीटर के इस ट्रैक पर आम लोगों को 5 से 7 दिन लग जाते हैं. यानी हिमाचली बेटे ने एक और रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया है. नाहन पहुंचने पर सुनील शर्मा ने बताया कि समुद्रतल से करीब 18000 फीट की हाइट पर हाई एल्टीट्यूड की प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने इस ट्रैक को 36 घंटों में पूरा किया.

सुनील शर्मा ने बताया कि वह उत्तराखंड के चमोली जिला के वाणा गांव में हाई एल्टीट्यूड प्रैक्टिस के लिए गए हुए थे, जहां पर चमोली जिला के वाण गांव के स्थानीय 7-8 युवकों व युवतियों का एक दल भी उनके साथ लगातार दौड़ता रहा.

उन्होंने बताया कि चमोली जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट, कलम सिंह, उदय सिंह, विनोद सिंह, कुंवर सिंह, भागीरथी बिष्ट, राजू, तारा, विरेंद्र भी उनके साथ शमिल रहे. वाण गांव के नवयुवकों एवं युवतियों से वाण से रोट्री तक कम से कम समय में बिना रूके, बिना रात्रि विश्राम किए एवं अधिक संसाधनों के बगैर ही वाण से रोट्री तक जाने एवं आने की सहासिक ट्रैकिंग अंतरराष्ट्रीय अल्टा मैराथन धावक सुनील शर्मा के साथ की.

इस ट्रैक पर सबसे बेहतर दौड़ने वाले युवती भागीरथी को सुनील शर्मा अपने साथ नाहन लेकर आए हैं, जहां पर उसे अल्ट्रा मैराथन दौड़ का प्रशिक्षण देंगे, ताकि वह भविष्य में भारत को रिप्रेजेंट कर सके. सुनील शर्मा ने बताया कि रोट्री नंदा घुंघटी हिमपर्वत शिखर के लिए 12 वर्षों में आयोजित होने वाली श्रीनंदा देवी राजजात यात्रा के पूजा स्थल होमकुंड़ से करीब 4 किमी ऊपर स्थित है.

यह ट्रैक देवाल ब्लॉक के वाण गांव से शुरू होता हैं. पदयात्रियों को सर्वाधिक कष्टकारी 16500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्यूंरागली को 2 बार पार करना पड़ता हैं. इस दौरान वाण से गैरोली पातल, वेदनी बुग्याल, पातरन चैनिया, कैलुवाविनायक, बगुवावासा, रूपकुंड, ज्यूंरागली, शिलासमुद्र, हेमकुंड जैसे दुनिया के अद्भुत स्थानों में शुमार स्थानों से गुजरते हुए रोट्री तक जाया जा सकता हैं.

सुनील शर्मा ने बताया कि इस टैक की जानकारी नाहन एसबीआई शाखा के डिप्टी मैनेजर विक्रम बिष्ट से दी थी. साथ ही दौड़ को पूरा करने में अपना सहयोग भी दिया. कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने वाणा से रोट्री नंदा ट्रैक महज 36 घंटे में नापकर अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

नाहन: हिमाचली बेटे अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज की है. अब उन्होंने 36 घंटे में रोट्री नंदा ट्रैक को नाप डाला है. आमतौर पर इस 108 किलोमीटर ट्रैक को नापने में 5 से 7 दिन लग जाते हैं.

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिला में यह कठिन ट्रैकों में शुमार है. दरअसल देश के खूबसूरत एवं कठिन ट्रैकों में शुमार उत्तराखंड राज्य के जिला चमोली के वाणा से रोट्री नंदा घुंघटी हिमपर्वत शिखर 108 किलोमीटर (आना-जाना) को अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने अपने दल के साथ 36 घंटों में नाप डाला.

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108 किलोमीटर के इस ट्रैक पर आम लोगों को 5 से 7 दिन लग जाते हैं. यानी हिमाचली बेटे ने एक और रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया है. नाहन पहुंचने पर सुनील शर्मा ने बताया कि समुद्रतल से करीब 18000 फीट की हाइट पर हाई एल्टीट्यूड की प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने इस ट्रैक को 36 घंटों में पूरा किया.

सुनील शर्मा ने बताया कि वह उत्तराखंड के चमोली जिला के वाणा गांव में हाई एल्टीट्यूड प्रैक्टिस के लिए गए हुए थे, जहां पर चमोली जिला के वाण गांव के स्थानीय 7-8 युवकों व युवतियों का एक दल भी उनके साथ लगातार दौड़ता रहा.

उन्होंने बताया कि चमोली जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट, कलम सिंह, उदय सिंह, विनोद सिंह, कुंवर सिंह, भागीरथी बिष्ट, राजू, तारा, विरेंद्र भी उनके साथ शमिल रहे. वाण गांव के नवयुवकों एवं युवतियों से वाण से रोट्री तक कम से कम समय में बिना रूके, बिना रात्रि विश्राम किए एवं अधिक संसाधनों के बगैर ही वाण से रोट्री तक जाने एवं आने की सहासिक ट्रैकिंग अंतरराष्ट्रीय अल्टा मैराथन धावक सुनील शर्मा के साथ की.

इस ट्रैक पर सबसे बेहतर दौड़ने वाले युवती भागीरथी को सुनील शर्मा अपने साथ नाहन लेकर आए हैं, जहां पर उसे अल्ट्रा मैराथन दौड़ का प्रशिक्षण देंगे, ताकि वह भविष्य में भारत को रिप्रेजेंट कर सके. सुनील शर्मा ने बताया कि रोट्री नंदा घुंघटी हिमपर्वत शिखर के लिए 12 वर्षों में आयोजित होने वाली श्रीनंदा देवी राजजात यात्रा के पूजा स्थल होमकुंड़ से करीब 4 किमी ऊपर स्थित है.

यह ट्रैक देवाल ब्लॉक के वाण गांव से शुरू होता हैं. पदयात्रियों को सर्वाधिक कष्टकारी 16500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्यूंरागली को 2 बार पार करना पड़ता हैं. इस दौरान वाण से गैरोली पातल, वेदनी बुग्याल, पातरन चैनिया, कैलुवाविनायक, बगुवावासा, रूपकुंड, ज्यूंरागली, शिलासमुद्र, हेमकुंड जैसे दुनिया के अद्भुत स्थानों में शुमार स्थानों से गुजरते हुए रोट्री तक जाया जा सकता हैं.

सुनील शर्मा ने बताया कि इस टैक की जानकारी नाहन एसबीआई शाखा के डिप्टी मैनेजर विक्रम बिष्ट से दी थी. साथ ही दौड़ को पूरा करने में अपना सहयोग भी दिया. कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने वाणा से रोट्री नंदा ट्रैक महज 36 घंटे में नापकर अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

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