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पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा माता बालासुंदरी गौसदन, DC ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

कालाअंब-पांवटा साहिब नेशनल हाइवे-7 पर नाहन से 4 किलोमीटर दूर दोसड़का के पास माता बालासुंदरी गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. ये जानकारी डीसी सिरमौर आरके परूथी ने दी.

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Published : Jul 21, 2019, 9:55 AM IST

नाहन: जिला सिरमौर के डीसी आरके परूथी ने शनिवार को नाहन से 4 किलोमीटर दूर स्थित माता बालासुंदरी गौसदन का जायजा लिया. गौसदन के विकास को लेकर डीसी सिरमौर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की और कई निर्देश जारी किए. उन्होंने गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बात कही.

डीसी सिरमौर आरके परूथी ने कहा कि माता बालासुंदरी गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. गौसदन में मिनी हर्बल गार्डन बनाने के लिए औषधीय पौधे रोपे जाएंगे. उन्होंने कहा कि गौसदन को अपने पैरों पर खड़ा करने और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए गौसदन में गोबर के उपले, गोबर ब्रिक्स (ईंटें) व गोबर से गमले भी तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.

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परूथी ने बताया कि गौसदन में गौ अर्क बनाने का काम भी शुरू किया जाएगा. इसके अलावा यहां एक ट्रेनिंग सेंटर खोलने के बारे भी चर्चा की गई. डीसी ने कहा कि ये गौसदन एक टूरिस्ट प्लेस बने, इसके लिए यहां पर एक एक्यूप्रेशर ट्रैक का निर्माण किया जाएगा. साथ ही लोगों को गाय को पालने के बारे में जानकारी दी जाएगी.

गौरतलब है कि माता बाला सुंदरी गौसदन में बेसहारा पशुधन को रखा गया है. यहां पर बेकार समझ आवारा छोड़ी गई गायों को सहारा दिया गया है, जोकि इलाज के बाद दुधारू बन चुकी हैं. वर्तमान में गौसदन में करीब 70 गाय हैं. गौ संरक्षण की दिशा में जहां माता बालासुंदरी गौसदन पिछले कई वर्षो से प्रयासरत है, वहीं डीसी सिरमौर द्वारा दिए गए सुझावों पर अगर काम शुरू होता है, तो निसंदेह ये स्थल पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सकेगा.

ये भी पढ़ें-कुल्लू के पिरडी में 2 स्कूटी की आपस में टक्कर, 3 घायल

नाहन: जिला सिरमौर के डीसी आरके परूथी ने शनिवार को नाहन से 4 किलोमीटर दूर स्थित माता बालासुंदरी गौसदन का जायजा लिया. गौसदन के विकास को लेकर डीसी सिरमौर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की और कई निर्देश जारी किए. उन्होंने गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बात कही.

डीसी सिरमौर आरके परूथी ने कहा कि माता बालासुंदरी गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. गौसदन में मिनी हर्बल गार्डन बनाने के लिए औषधीय पौधे रोपे जाएंगे. उन्होंने कहा कि गौसदन को अपने पैरों पर खड़ा करने और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए गौसदन में गोबर के उपले, गोबर ब्रिक्स (ईंटें) व गोबर से गमले भी तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.

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परूथी ने बताया कि गौसदन में गौ अर्क बनाने का काम भी शुरू किया जाएगा. इसके अलावा यहां एक ट्रेनिंग सेंटर खोलने के बारे भी चर्चा की गई. डीसी ने कहा कि ये गौसदन एक टूरिस्ट प्लेस बने, इसके लिए यहां पर एक एक्यूप्रेशर ट्रैक का निर्माण किया जाएगा. साथ ही लोगों को गाय को पालने के बारे में जानकारी दी जाएगी.

गौरतलब है कि माता बाला सुंदरी गौसदन में बेसहारा पशुधन को रखा गया है. यहां पर बेकार समझ आवारा छोड़ी गई गायों को सहारा दिया गया है, जोकि इलाज के बाद दुधारू बन चुकी हैं. वर्तमान में गौसदन में करीब 70 गाय हैं. गौ संरक्षण की दिशा में जहां माता बालासुंदरी गौसदन पिछले कई वर्षो से प्रयासरत है, वहीं डीसी सिरमौर द्वारा दिए गए सुझावों पर अगर काम शुरू होता है, तो निसंदेह ये स्थल पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सकेगा.

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Intro:गौ के गोबर से उपले बनाने, गोबर की ब्रिक्स-गमले भी होंगे तैयार 
-डीसी ने हर्बन गार्डन बनाने के साथ-साथ दिए अन्य कई कार्य करने के निर्देश
नाहन। कालाअंब-पांवटा साहिब नेशनल हाइवे-7 पर नाहन से 4 किलोमीटर दूर दोसड़का के समीप माता बालासुंदरी गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। यह जानकारी डीसी सिरमौर डा. आरके परूथी ने दी। डीसी सिरमौर गौसदन का जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे थे। 


Body:दरअसल माता बाला सुंदरी गौ सदन में बेसहारा पशुधन को रखा गया है। यहां पर बेकार समझ आवारा छोड़ी गई गायों सहारा दिया गया है, जोकि ईलाज के बाद दुधारू बन चुकी है। वर्तमान में गौसदन में करीब 70 गाय हैं। गौसदन के विकास को लेकर डीसी सिरमौर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की। गौसदन की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए डीसी ने अधिकारियों को कई सुझाव देते हुए उन पर कार्य करने के निर्देश जारी किए।

मीडिया से बातचीत करते हुए डीसी डा. आरके परूथी ने कहा कि माता बालासुंदरी गौसदन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। हर्बन गार्डन बनाने बनाने के लिए कहा गया है, ताकि यहां औषधीय पौधे रोपे जा सके। उन्होंने कहा कि गौसदन को अपने पैरों पर खड़ा करने व अधिक आकर्षक बनाने के लिए गौसदन में गोबर के उपले, गोबर ब्रिक्स (ईंटे) व गोबर से गमले भी तैयार किए जाएंगे, इन सब बातों को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा कर निर्देश दिए गए है। साथ ही गौ अर्क बनाने का कार्य भी शुरू किया जाएगा। इसके अलावा यहां एक ट्रेनिंग सैंटर भी खोलने बारे भी चर्चा की गई। डीसी ने कहा कि यह गौसदन एक टूरिस्ट प्लेस बने, इसके लिए यहां पर एक एक्यूप्रेशर ट्रेक का निर्माण किया जाएगा। मिनी हर्बन गार्डन तैयार किया जाएगा। साथ ही लोगों को यह जानकारी भी देंगे कि गाय पालना कितना अच्छा होता है। 
बाइट: डा. आरके परूथी, डीसी सिरमौर 



Conclusion:कुल मिलाकर गौ संरक्षण की दिशा में जहां माता बालासुंदरी गौसदन पिछले कई वर्षो से प्रयासरत है, वहीं डीसी सिरमौर द्वारा दिए गए सुझावों पर यदि काम शुरू होता है, तो निसंदेह यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सकेगा। 
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