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इंडियन टैक्नोमेक महाघोटाला, फिर कंपनी की नीलामी करेगा आबकारी विभाग

करीब 2100 करोड़ रूपये की टैक्स वसूली के मामले में बहुचर्चित इंडियन टैक्नोमेक कंपनी परिसर की एक बार फिर आबकारी एवं कराधान विभाग नीलामी करेगी. सिरमौर जिला के पांवटा साहिब उपमंडल के तहत जगतपुर क्षेत्र में टैक्नोमेक कंपनी का परिसर करीब 200 बीघा में फैला हुआ है.

इंडियन टेक्नोमेक महाघोटाला
Indian Technomac Scam
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Published : Jan 29, 2020, 9:43 PM IST

नाहन: करीब 2100 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली के मामले में बहुचर्चित इंडियन टैक्नोमेक कंपनी परिसर की एक बार फिर आबकारी एवं कराधान विभाग नीलामी करेगी. सिरमौर जिला के पांवटा साहिब उपमंडल के तहत जगतपुर क्षेत्र में टैक्नोमेक कंपनी का परिसर करीब 200 बीघा में फैला हुआ है. अगर आबकारी एवं कराधान विभाग को नीलामी में सफलता हाथ लगती है तो यह हिमाचल प्रदेश में रिकवरी का अब तक का सबसे बड़ा मामला होगा.

दरअसल वर्ष 2019 में हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्स वसूली करने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग ने नीलामी आयोजित की थी, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए कई खरीददारों ने मौके पर पहुंचकर कंपनी परिसर को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसी बीच सरकार द्वारा नोडल अफसर का तबादला यहां से कर दिया गया और नीलामी प्रक्रिया में ज्यादा खरीददार शामिल नहीं हुए.

वीडियो.

अब सरकार ने इंडियन टैक्नोमेक परिसर नीलामी के लिए हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अफसर आबकारी एवं कराधान विभाग में एडीसी रहे जीडी ठाकुर को फिर से तैनात किया है. उनका मुख्यालय पांवटा साहिब तय किया गया है. नोडल अफसर यहां से हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्नोमेक कंपनी परिसर की नीलामी प्रक्रिया को एक बार फिर से अंजाम देंगे.

नीलामी के नए शैड्यूल के साथ आबकारी एवं कराधान विभाग अब संबंधित कंपनी परिसर का पुनः लोक निर्माण विभाग से मूल्यांकन करवाएगा, ताकि आज के बाजार भाव से कंपनी की संपत्तियों के आंकड़े जुटाए जा सकें। विभाग ने मूल्यांकन करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग को दस्तावेज सौंपे हैं. इससे पहले भी विभाग ने हिमकोन के जरिये मूल्यांकन करवाया था. हिमकोन ने अपनी रिपोर्ट में करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की रिपोर्ट दी थी. इसके आधार पर नीलामी प्रक्रिया के दस्तावेज तैयार किए गए थे. यह रिपोर्ट कई साल पहले बनी थी.

आबकारी एवं कराधान विभाग के नोडल अफसर जीडी ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी परिसर को नीलाम करने के लिए हाईकोर्ट ने पूर्व में जो निर्देश दिए थे, उनके अनुसार नीलामी आयोजित की गई थी, लेकिन अब एक बार फिर कंपनी परिसर की नीलामी की जाएगी.

कंपनी शेड्यूल बनाने से पहले लोक निर्माण विभाग को कंपनी परिसर व इसके भीतर तमाम संपत्तियों का मूल्यांकन करने को कहा गया है. मूल्यांकन रिपोर्ट मिलने के बाद पुनः नीलामी शैड्यूल तैयार किया जाएगा. शेड्यूल को अनुमोदन के लिए हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा. हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार तारीख तय होने पर नीलामी की जाएगी. उन्होंने माना कि अगर कंपनी की नीलामी होती है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा रिकवरी का मामला हिमाचल प्रदेश में होगा.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा DC ने चामुंडा मंदिर का किया औचक निरीक्षण, दिए ये निर्देश

नाहन: करीब 2100 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली के मामले में बहुचर्चित इंडियन टैक्नोमेक कंपनी परिसर की एक बार फिर आबकारी एवं कराधान विभाग नीलामी करेगी. सिरमौर जिला के पांवटा साहिब उपमंडल के तहत जगतपुर क्षेत्र में टैक्नोमेक कंपनी का परिसर करीब 200 बीघा में फैला हुआ है. अगर आबकारी एवं कराधान विभाग को नीलामी में सफलता हाथ लगती है तो यह हिमाचल प्रदेश में रिकवरी का अब तक का सबसे बड़ा मामला होगा.

दरअसल वर्ष 2019 में हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्स वसूली करने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग ने नीलामी आयोजित की थी, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए कई खरीददारों ने मौके पर पहुंचकर कंपनी परिसर को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसी बीच सरकार द्वारा नोडल अफसर का तबादला यहां से कर दिया गया और नीलामी प्रक्रिया में ज्यादा खरीददार शामिल नहीं हुए.

वीडियो.

अब सरकार ने इंडियन टैक्नोमेक परिसर नीलामी के लिए हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अफसर आबकारी एवं कराधान विभाग में एडीसी रहे जीडी ठाकुर को फिर से तैनात किया है. उनका मुख्यालय पांवटा साहिब तय किया गया है. नोडल अफसर यहां से हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्नोमेक कंपनी परिसर की नीलामी प्रक्रिया को एक बार फिर से अंजाम देंगे.

नीलामी के नए शैड्यूल के साथ आबकारी एवं कराधान विभाग अब संबंधित कंपनी परिसर का पुनः लोक निर्माण विभाग से मूल्यांकन करवाएगा, ताकि आज के बाजार भाव से कंपनी की संपत्तियों के आंकड़े जुटाए जा सकें। विभाग ने मूल्यांकन करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग को दस्तावेज सौंपे हैं. इससे पहले भी विभाग ने हिमकोन के जरिये मूल्यांकन करवाया था. हिमकोन ने अपनी रिपोर्ट में करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की रिपोर्ट दी थी. इसके आधार पर नीलामी प्रक्रिया के दस्तावेज तैयार किए गए थे. यह रिपोर्ट कई साल पहले बनी थी.

आबकारी एवं कराधान विभाग के नोडल अफसर जीडी ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी परिसर को नीलाम करने के लिए हाईकोर्ट ने पूर्व में जो निर्देश दिए थे, उनके अनुसार नीलामी आयोजित की गई थी, लेकिन अब एक बार फिर कंपनी परिसर की नीलामी की जाएगी.

कंपनी शेड्यूल बनाने से पहले लोक निर्माण विभाग को कंपनी परिसर व इसके भीतर तमाम संपत्तियों का मूल्यांकन करने को कहा गया है. मूल्यांकन रिपोर्ट मिलने के बाद पुनः नीलामी शैड्यूल तैयार किया जाएगा. शेड्यूल को अनुमोदन के लिए हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा. हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार तारीख तय होने पर नीलामी की जाएगी. उन्होंने माना कि अगर कंपनी की नीलामी होती है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा रिकवरी का मामला हिमाचल प्रदेश में होगा.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा DC ने चामुंडा मंदिर का किया औचक निरीक्षण, दिए ये निर्देश

Intro:-सफलता हाथ लगी, तो हिमाचल में रिकवरी का होगा अब तक का सबसे बड़ा मामला
-हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा नीलामी शैड्यूल
नाहन। करीब 2100 करोड़ रूपए की टैक्स वसूली के मामले में बहुचर्चित इंडियन टैक्नोमेक कंपनी परिसर की एक बार फिर आबकारी एवं कराधान विभाग नीलामी करेगी। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब उपमंडल के तहत जगतपुर क्षेत्र में टैक्नोमेक कंपनी का परिसर करीब 200 बीघा में फैला हुआ है। यदि आबकारी एवं कराधान विभाग को नीलामी में सफलता हाथ लगती है तो यह हिमाचल प्रदेश में रिकवरी का अब तक का सबसे बड़ी मामला होगा। खुद विभागीय अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं।

Body:दरअसल पिछले साल हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्स वसूली करने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग ने नीलामी आयोजित की थी, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए कई खरीददारों ने मौके पर पहंुचकर कंपनी परिसर को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसी बीच सरकार द्वारा नोडल अफसर का तबादला यहां से कर दिया गया और नीलामी प्रक्रिया में ज्यादा खरीददार शामिल नहीं हुए। लिहाजा टैक्स वसूली की कवायदों को झटका लगा।
अब सरकार ने इंडियन टैक्नोमेक परिसर नीलामी के लिए हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अफसर आबकारी एवं कराधान विभाग में एडीसी रहे जीडी ठाकुर को पुनः तैनात किया है। उनका मुख्यालय पांवटा साहिब तय किया गया है। नोडल अफसर यहां से हाईकोर्ट के आदेशों पर टैक्नोमैक कंपनी परिसर की नीलामी प्रक्रिया को पुनः अंजाम देंगे।
नीलामी के नए शैड्यूल के साथ आबकारी एवं कराधान विभाग अब संबंधित कंपनी परिसर का पुनः लोक निर्माण विभाग से मूल्यांकन करवाएगा, ताकि आज के बाजार भाव से कंपनी की संपत्तियों के आंकड़े जुटाए जा सकें। विभाग ने मूल्यांकन करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग को दस्तावेज सौंपे हैं। इससे पहले भी विभाग ने हिमकोन के जरिये मूल्यांकन करवाया था। हिमकोन ने अपनी रिपोर्ट में करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की रिपोर्ट दी थी। इसके आधार पर नीलामी प्रक्रिया के दस्तावेज तैयार किए गए थे। यह रिपोर्ट कई साल पहले बनी थी।
आबकारी एवं कराधान विभाग के नोडल अफसर जीडी ठाकुर ने ईटीवी से बातचीत करते हुए बताया कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी परिसर को नीलाम करने के लिए हाईकोर्ट ने पूर्व में जो निर्देश दिए थे, उनके अनुसार नीलामी आयोजित की गई थी, लेकिन अब एक बार फिर कंपनी परिसर की नीलामी की जाएगी। कंपनी शैड्यूल बनाने से पहले लोक निर्माण विभाग को कंपनी परिसर व इसके भीतर तमाम संपत्तियों का मूल्यांकन करने को कहा गया है। मूल्यांकन रिपोर्ट मिलने के बाद पुनः नीलामी शैड्यूल तैयार किया जाएगा। शैड्यूल को अनुमोदन के लिए हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। हाईकोर्ट के आदेशों अनुसार तारीख तय होने पर नीलामी की जाएगी। उन्होंने माना कि यदि कंपनी की नीलामी होती है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा रिकवरी का मामला हिमाचल प्रदेश में होगा।
बाइट: जीडी ठाकुर, नोडल अफसर, एक्साइज विभाग Conclusion:
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