शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया. प्रदेश में मध्य और ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में फिर से सर्दी शुरू हो गई है, क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी हुई, जबकि राज्य के कई हिस्सों में कहीं भारी बारिश तो कहीं हल्की बारिश हुई है. एक बार फिर प्रदेश में शीत लहर शुरू होने से लोग ठंड ने ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है.
हिमाचल में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट: लाहौल-स्पीति जिले के गोंडला और केलांग में 5.5 सेमी और 3.2 सेमी हिमपात हुआ, जबकि चंबा के भरमौर में सबसे अधिक 30 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद मंडी के जोगिंदर नगर में 19 मिमी और कुल्लू के बंजार में 18.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है. ताजा बर्फबारी और बारिश के कारण प्रदेश में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आई,जोंकी सामान्य से 2 से 8 डिग्री कम रहा है. वहीं, सुंदरनगर, शिमला, भुंतर, कांगड़ा, नाहन के कुछ हिस्सों में तेज आंधी ने भी लोगों की बेचैनी बढ़ाई, जबकि नूरपुर और बिलासपुर में तेज हवाओं ने अपना कहर ढाया. हालांकि, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में फसलों और फलों को खासा नुकसान पहुंचा है.
आज मौसम रहेगा खराब: इस दौरान मौसम विभाग ने प्रदेश में आज गरज और बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. निचली और मध्य पहाड़ियों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना भी जताई है. इस बीच मौसम विभाग के अनुसार आज ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश और हिमपात होने की बात कही है. बता दें कि सर्दियों के दौरान कम बारिश होने के कारण लोगों को चिंता थी कि गर्मियों में पानी के प्राकृतिक स्रोत सूख जाएंगे. जिससे सिंचाई के लिए पानी के साथ-साथ पीने के पानी की भी कमी आएगी,लेकिन लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं.
'मौजूदा हिमपात किसानों के लिए वरदान': क्वारिंग गांव के पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष रिगजिन सम्फलेल हार्पा ने कहा कि उन्होंने अपने गांव से शिमला के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और स्थानीय विधायक रवि ठाकुर के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी स्थिति से अवगत करवाया. रिगजिन ने कहा कि बारिश और हिमपात का मौजूदा दौर किसानों के लिए वरदान है, क्योंकि यह वन संपदा के लिए पोषण प्रदान करेगा. हालांकि, लाहौल के गांवों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करना बहुत जरुरी है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति के लोगों की मुख्य मांग सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करना है और इस समस्या का समाधान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.
'नुकसान का मुआवजा देने की मांग': वहीं, इस बीच प्रदेश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश और खराब मौसम की स्थिति के कारण फसलों के नुकसान पर चिंतित माकपा नेता और शिमला जिला महासचिव संजय चौहान ने रविवार को सरकार से नुकसान का तुरंत आकलन करने और किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने का आग्रह किया. संजय चौहान ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में गेहूं, सेब, नाशपाती और अन्य फलों और बेमौसम सब्जियों को नुकसान हुआ है और किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. जिसके लिए सरकार को किसानों बागवानों को मुआवजा देकर उन्हें राहत प्रदान करनी चाहिए.
'बारिश की कमी में आई 53 प्रतिशत कमी': मार्च 2023 के दौरान 85 प्रतिशत कम बारिश वाले लाहौल और स्पीति के जनजातीय जिले में समय-समय पर बर्फबारी और बारिश देखी जा रही है, जिससे मई में बारिश की कमी में 53 प्रतिशत तक कमी आई है. हालांकि ,इस दौरान बारिश और बर्फबारी के कारण प्रदेश में नुकसान भी काफी ज्यादा देखने को मिला है. जहां एक ओर प्रदेश में किसानों बागवानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में खराब मौसम और लगातार हो रही भारी बारिश के चलते 16 सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि 719 ट्रांसफार्मर बुरी तरह प्रभावित हो कर बंद पड़ गए हैं.
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