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नाहन में बागवान राजीव बंसल ने की सेब की पैदावार, लोगों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

नाहन में बागवान राजीव बंसल ने सेब की पैदावार की है. इसके चलते ये सेब सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए हैं. दरअसल, सेब की पैदावार प्रदेश के ऊपरी इलाकों में होती है. ऐसे में प्रदेश के निचले इलाकों में सेब की पैदावार होना सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है.

Rajeev Bansal
राजीव बंसल
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Published : Jul 5, 2020, 5:55 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई व गर्म क्षेत्रों में भी अब बागवान सेब का उत्पादन कर रहे हैं. इसी के तहत जिला मुख्यालय नाहन में भी बागवान राजीव बंसल ने सेब की पैदावार की है. इन दिनों राजीव बंसल के बगीचे में लगे सेब सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए हैं.

दरअसल राजीव बंसल इस सेब की काफी पैदावार को बाजार में बेच भी चुके हैं. वैसे राजीव बंसल पेशे से एक दुकानदार हैं, लेकिन बागवानी के शौक के चलते उन्होंने अपने खेतों में सेब को उगाने का फैसला लिया और उनका यह फैसला कारगर भी साबित हुआ. यही वजह है कि आज उनके बगीचे में सेब की पैदावार देखी जा सकती है.

वीडियो

बागवान राजीव बंसल ने बताया कि सेब हिमाचल की शान माना जाता है. सेब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में ही होता है, लेकिन उन्होंने कम ऊंचाई वाले क्षेत्र नाहन में भी सेब को उगाने का फैसला लिया और उसी का परिणाम है कि आज सेब की पैदावार हुई है. अन्ना वैरायटी का यह सेब काफी अच्छी किस्म का निकला है. दो साल के बाद इस बार उन्हें करीब 1 क्विंटल सेब मिला है.

उधर, बागवानी विभाग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश के निचले क्षेत्रों में सेब की अन्ना प्रजाति की पैदावार होती है. अन्ना सेब की लो चिलिंग वैरायटी है. इसके लिए महज 250 से 300 चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों सोलन, बिलासपुर, सिरमौर जहां गुठलीदार फलों का उत्पादन हो सकता है, वहां पर अन्ना प्रजाति का सेब भी उगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना के 326 एक्टिव केस, संक्रमितों का कुल आंकड़ा हुआ 1046

नाहन: हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई व गर्म क्षेत्रों में भी अब बागवान सेब का उत्पादन कर रहे हैं. इसी के तहत जिला मुख्यालय नाहन में भी बागवान राजीव बंसल ने सेब की पैदावार की है. इन दिनों राजीव बंसल के बगीचे में लगे सेब सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए हैं.

दरअसल राजीव बंसल इस सेब की काफी पैदावार को बाजार में बेच भी चुके हैं. वैसे राजीव बंसल पेशे से एक दुकानदार हैं, लेकिन बागवानी के शौक के चलते उन्होंने अपने खेतों में सेब को उगाने का फैसला लिया और उनका यह फैसला कारगर भी साबित हुआ. यही वजह है कि आज उनके बगीचे में सेब की पैदावार देखी जा सकती है.

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बागवान राजीव बंसल ने बताया कि सेब हिमाचल की शान माना जाता है. सेब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में ही होता है, लेकिन उन्होंने कम ऊंचाई वाले क्षेत्र नाहन में भी सेब को उगाने का फैसला लिया और उसी का परिणाम है कि आज सेब की पैदावार हुई है. अन्ना वैरायटी का यह सेब काफी अच्छी किस्म का निकला है. दो साल के बाद इस बार उन्हें करीब 1 क्विंटल सेब मिला है.

उधर, बागवानी विभाग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश के निचले क्षेत्रों में सेब की अन्ना प्रजाति की पैदावार होती है. अन्ना सेब की लो चिलिंग वैरायटी है. इसके लिए महज 250 से 300 चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों सोलन, बिलासपुर, सिरमौर जहां गुठलीदार फलों का उत्पादन हो सकता है, वहां पर अन्ना प्रजाति का सेब भी उगाया जा सकता है.

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