पांवटा साहिबः कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के चलते फूलों के कारोबार पर भी ग्रहण लग गया था. फूल कारोबार ठप होने से फूल कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ. लॉकडाउन में पाबंदियों से सैकड़ों हेक्टेयर में तैयार फूलों की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही गयी थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव और नगर निकाय के चुनाव में फूलों की मांग बढ़ने से फूल कारोबारियों को बड़ी राहत मिली.
देवभूमि के चुनावी माहौल में जिला सिरमौर के पावंटा साहिब में फूल-मालाओं से जुड़े छोटे-बड़े कारोबारियों की आय में इजाफा हुआ. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से फूल-मालाओं के कारोबार में भारी मंदी देखने को मिली. चुनावी माहौल में फूलों की मांग बढ़ने से फूल कारोबारियों को इसका फायदा मिला है.
फूल कारोबार को मिली गति
इससे पहले हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखने वाले नवरात्रों में फूल कारोबारियों को कारोबार के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद थी. नवरात्रों के दौरान फूल कारोबार पटरी पर लौटा और हिमाचल में हुए चुनावों ने पटरी पर लौटे फूल कारोबार को गति देने का काम किया.
फूल कारोबारी खुश
फूल कारोबार के एक बार फिर गति पकड़ने से कारोबारी काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अब धीरे-धीरे उनका कारोबार रफ्तार पकड़ रहा है. चुनाव के दौरान कारोबार अच्छा खासा रहा और चुनावों में फूल-मालाओं की मांग बढ़ने से उनके कारोबार में भी वृद्धि हुई.
रोटी का इंतजाम करना भी बन गया था चुनौती
फूल कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि कोरोना के दौरान उनके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी एक बड़ी चुनौती बन गया था, लेकिन गतिविधियों के शुरू होने के बाद उनका जीवन भी पटरी पर लौटा है. चुनावों ने तो उनके कारोबार को और ज्यादा फायदा दिया.
कोरोना के दौरान फूल कारोबार से जुड़े लोग काफी परेशान थे क्योंकि गतिविधियां बंद होने के की वजह से फूल कारोबार फूलों की मांग बिल्कुल खत्म हो गई थी. पंचायती चुनावों में फूलों की दोगुनी मांग देखने को मिली, जिससे फूल कारोबारियों के चेहरे खिले हैं.
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