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Himachal News: एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने विभिन्न एटीएम से उड़ाए 24.65 लाख, जानिए कैसे देता था इस कारनामे को अंजाम - हिमाचल प्रदेश न्यूज

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक निजी कंपनी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने 24.65 लाख रुपये की गड़बड़ी की है. मामले का खुलासा बैंकों का ऑडिट होने पर हुआ. पढ़ें पूरी खबर... (Sirmaur News) (Himachal News).

Himachal News
सांकेतिक तस्वीर.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 5:12 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले में एक हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है. निजी कंपनी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने विभिन्न बैंकों से शातिराना अंदाज में 24.65 लाख रुपये उड़ा लिए. बता दें कि यह वही ऑफिसर था, जो एटीएम में बैंकों में पैसे डालने का काम करता था, लेकिन एटीएम की राशि की ऑडिट हुआ, तो इस शख्स का सारा कारनामा सामने आ गया. संबंधित व्यक्ति ने एक-दो नहीं बल्कि 13 एटीएम से यह लाखों रुपये की गड़बड़ी की है. इसमें औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब का एक एटीएम शामिल है, तो जिला मुख्यालय नाहन के 12 एटीएम हैं, जहां से यह 24.65 लाख रुपये की हेराफेरी को अंजाम दिया गया.

जानिए कैसे देता था हेराफेरी को अंजाम?: दरअसल बैंकों के एटीएम में कैश डालने के लिए देश भर में एक कंपनी अधिकृत है और इसी कंपनी के कर्मचारी एटीएम में कैश डालने का काम करते हैं. नाहन के 12 और कालाअंब के एक एटीएम में राशि डालने की जिम्मेदारी विकास खंड नाहन के तहत रामाधौण क्षेत्र के रहने वाले 50 वर्षीय दीपचंद को एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर सौंपी गई थी. दीपचंद जब भी संबंधित एटीएम में कैश डालने जाता था, तो वहां से एटीएम में बचे कैश को निकाल लेता था और नया कैश डाल देता था.

हालांकि कैश की कमी का अंतर जल्द पता नहीं चलता था. आगे से आगे ट्रांजेक्शन चलती रहती थी. संभवत इसी बात का फायदा उठाकर दीपचंद अपने कारनामे को अंजाम दे रहा था, लेकिन जैसे ही हाल ही में बैंकों का ऑडिट हुआ, तो 24.65 लाख रुपए की हेराफेरी सामने आई. लिहाजा बैंक प्रबंधकों की तरफ से शिकायत के बाद सदर पुलिस थाना नाहन में आरोपी दीपचंद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.

ऐसे हुआ दीपचंद के कारनामे का खुलासा: पुलिस की मानें तो बैंकों में तीन महीने बाद ऑडिट हुआ और लाखों रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई. इसके बाद मुंबई से रिकॉर्ड की पड़ताल की गई. अब सवाल यह उठ रहा था कि आखिर एटीएम से कैश कहां जा रहा है. लिहाजा इस मामले की जांच की गई, तो पता चल गया कि कौन से पिनधारक का कैश कम हुआ है, क्योंकि एटीएम में कैश डालने के लिए कंपनी के कर्मचारी के पास एक पिन या कोड होता है.

जांच में दीपचंद के पिन या कोड में यह सारी हेराफेरी पाई गई और उसका सारा राज खुल गया. शुरूआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि एसबीआई, एचडीएफसी व पोस्ट ऑफिस के एटीएम से यह लाखों रुपये का गोलमाल हुआ है. यह भी बता दें कि कैश की पूर्ति करने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की ही होती है. ऐसे में इस मामले में बैंकों को नुकसान नहीं होना था.

हाई कोर्ट से ली अग्रिम जमानत, 7 लाख की रिकवरी: इस मामले में जब आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हुई, तो आरोपी दीपचंद ने प्रदेश हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली. मामला दर्ज होते ही आरोपी ने सात लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं. पुलिस मामले में आगामी जांच कर रही है.

पुलिस की जांच जारी: उधर, इस मामले में पूछे जाने पर एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि बैंक प्रबंधकों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना नाहन में मामला दर्ज किया गया है. एटीएम से लाखों रुपए की हेराफेरी को लेकर यह शिकायत दर्ज करवाई गई है. पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें- Chandigarh Shimla NH: चंडीगढ़ शिमला एनएच पर 75 किलोमीटर के पैच पर चल रहा वन लेन ट्रैफिक, 250 पुलिस जवान संभाल रहे ट्रैफिक व्यवस्था

नाहन: सिरमौर जिले में एक हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है. निजी कंपनी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने विभिन्न बैंकों से शातिराना अंदाज में 24.65 लाख रुपये उड़ा लिए. बता दें कि यह वही ऑफिसर था, जो एटीएम में बैंकों में पैसे डालने का काम करता था, लेकिन एटीएम की राशि की ऑडिट हुआ, तो इस शख्स का सारा कारनामा सामने आ गया. संबंधित व्यक्ति ने एक-दो नहीं बल्कि 13 एटीएम से यह लाखों रुपये की गड़बड़ी की है. इसमें औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब का एक एटीएम शामिल है, तो जिला मुख्यालय नाहन के 12 एटीएम हैं, जहां से यह 24.65 लाख रुपये की हेराफेरी को अंजाम दिया गया.

जानिए कैसे देता था हेराफेरी को अंजाम?: दरअसल बैंकों के एटीएम में कैश डालने के लिए देश भर में एक कंपनी अधिकृत है और इसी कंपनी के कर्मचारी एटीएम में कैश डालने का काम करते हैं. नाहन के 12 और कालाअंब के एक एटीएम में राशि डालने की जिम्मेदारी विकास खंड नाहन के तहत रामाधौण क्षेत्र के रहने वाले 50 वर्षीय दीपचंद को एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर सौंपी गई थी. दीपचंद जब भी संबंधित एटीएम में कैश डालने जाता था, तो वहां से एटीएम में बचे कैश को निकाल लेता था और नया कैश डाल देता था.

हालांकि कैश की कमी का अंतर जल्द पता नहीं चलता था. आगे से आगे ट्रांजेक्शन चलती रहती थी. संभवत इसी बात का फायदा उठाकर दीपचंद अपने कारनामे को अंजाम दे रहा था, लेकिन जैसे ही हाल ही में बैंकों का ऑडिट हुआ, तो 24.65 लाख रुपए की हेराफेरी सामने आई. लिहाजा बैंक प्रबंधकों की तरफ से शिकायत के बाद सदर पुलिस थाना नाहन में आरोपी दीपचंद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.

ऐसे हुआ दीपचंद के कारनामे का खुलासा: पुलिस की मानें तो बैंकों में तीन महीने बाद ऑडिट हुआ और लाखों रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई. इसके बाद मुंबई से रिकॉर्ड की पड़ताल की गई. अब सवाल यह उठ रहा था कि आखिर एटीएम से कैश कहां जा रहा है. लिहाजा इस मामले की जांच की गई, तो पता चल गया कि कौन से पिनधारक का कैश कम हुआ है, क्योंकि एटीएम में कैश डालने के लिए कंपनी के कर्मचारी के पास एक पिन या कोड होता है.

जांच में दीपचंद के पिन या कोड में यह सारी हेराफेरी पाई गई और उसका सारा राज खुल गया. शुरूआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि एसबीआई, एचडीएफसी व पोस्ट ऑफिस के एटीएम से यह लाखों रुपये का गोलमाल हुआ है. यह भी बता दें कि कैश की पूर्ति करने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की ही होती है. ऐसे में इस मामले में बैंकों को नुकसान नहीं होना था.

हाई कोर्ट से ली अग्रिम जमानत, 7 लाख की रिकवरी: इस मामले में जब आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हुई, तो आरोपी दीपचंद ने प्रदेश हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली. मामला दर्ज होते ही आरोपी ने सात लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं. पुलिस मामले में आगामी जांच कर रही है.

पुलिस की जांच जारी: उधर, इस मामले में पूछे जाने पर एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि बैंक प्रबंधकों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना नाहन में मामला दर्ज किया गया है. एटीएम से लाखों रुपए की हेराफेरी को लेकर यह शिकायत दर्ज करवाई गई है. पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

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