नाहन: बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय नाहन में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन किया.
गिरीनगर, पांवटा साहिब, ददाहू और नाहन यूनिट के कर्मचारियों ने बिजली संशोधन बिल-2020 और कुछ राज्यों में बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में ये धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने बिजली संशोधन बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की. यूनियन ने केंद्र सरकार से तुरंत संशोधित बिल को वापस लेने की मांग की है.
इस दौरान हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष भगवान दास ने कहा कि बिजली संशोधन बिल-2020 के आ जाने से बिजली वितरण में काम कर रही कंपनियों को दो या इससे ज्यादा कंपनियों में बांटना अनिवार्य होगा और बिजली के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी हाथों में देने का रास्ता साफ हो जाएगा.
राज्य उपाध्यक्ष भगवान दास ने कहा कि बिजली संशोधन बिल को ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी के उद्देश्य से लाया जा रहा है, जिसका खमियाजा हिमाचल जैसे राज्यों की जनता और कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा. जहां उत्पादन संचार एवं वितरण के कार्यों को एक ही कंपनी के पास रखा गया है.
इस बिल के पास होते ही वर्तमान में बिजली वितरण में कार्यरत कंपनियां तहस-नहस हो जाएंगी, जिससे इसमें कार्यरत कर्मचारियों की नौकरियों पर भी खतरा पैदा हो जाएगा. भगवान दास ने कहा कि प्रदेश में बिजली बिलों की क्रॉस सब्सिडी की प्रथा भी खत्म हो जाएगी.
इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत दरों में कई गुणा बढ़ोतरी भी होगी. यूनियन ने इस संशोधित बिल-2020 का विरोध करते हुए केंद्र सरकार से तुरंत प्रभाव से इसे वापस लेने की मांग की है.
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन ने ये ऐलान भी किया कि अगर इस संशोधित बिल को तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
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