नाहन: केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही विद्युतीकरण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन ऐसे विद्युतीकरण का क्या फायदा जिससे जान का खतरा बना हो. ऐसी बिजली का होना से न होने से अच्छा है. जिला सिरमौर की दुर्गम पंचायत शिल्ला के गांव चढ़ेऊ में करंट का खतरा बढ़ रहा है. लोगों ने करंट से बचने के लिए खुद ही बिजली के तारों को लकड़ी के फट्टों के सहारे टिकाकर ऊंचा किया हैं, लेकिन इस ओर बिजली विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
गांव में बिजली के तारें घरों की छतों पर झूल रही हैं और इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार बिजली बोर्ड के अधिकारियों व कर्मियों को की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पाई है. ग्रामीणों का बोर्ड की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है.
स्थानीय निवासी विनोद कुमार ने कहा कि शिल्ला पंचायत के तहत इस गांव में बिजली के तार घरों की छत को छू कर गुजर रही हैं. ग्रामीणों ने कई बार बिजली बोर्ड के टिंबी और शिलाई विद्युत कार्यालय में शिकायत की है, लेकिन बिजली विभाग ने न तो पोल हटाए और न ही बिजली की लाइन बदली है. उन्होंने कहा कि कई बार बारिश और तेज हवाओं के चलते बिजली के तार आपस में टकराते हैं. इससे मकान की छतें करंट पकड़ लेती हैं और इस कारण गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना रहता है.
विनोद ने बताया कि कुछ लोगों ने खुद ही अपने छत पर लकड़ी से सहारा देकर तार की ऊंचाई बढ़ाई है, जिससे बिजली की तार छत को न छूए पाए. उन्होंने बिजली बोर्ड और सरकार से मांग की है कि गांव में बिजली के तार से बड़ी दुर्घटना होने से पहले ही बिजली के पोल बदलें जाएं और केबल वाली बिजली लाइन बिछाई जाए.
हैरानी की बात यह है कि इस गंभीर मामले को फरवरी माह टिंबी में आयोजित जनमंच में भी ग्रामीणों ने मुद्दा उठाया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. नतीजतन लोगों की जान पर बनी हुई है.
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