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कोरोना के कारण गहराया औद्योगिक संकट, उद्योगों को करोड़ों का नुकसान

कोरोना वायरस के कारण औद्योगिक संकट गहराता जा रहा है. उद्योगों से न केवल मजदूरों को रोजगार मिलता है, बल्कि सरकार को भी अच्छा टैक्स मिलता है. कोरोना के संकट के बीच औद्योगिक क्षेत्र में काफी मंदी देखने को मिल रही है.

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Published : Jun 13, 2021, 9:04 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस की बढ़ोतरी और लॉकडाउन के कारण औद्योगिक संकट पैदा हुआ है. उद्योगों से न केवल मजदूरों को रोजगार मिलता है, बल्कि सरकार को भी अच्छा टैक्स मिलता है. ऐसे में अब कोरोना संकट के बीच औद्योगिक क्षेत्र में काफी मंदी देखने को मिल रही है.

शहर की औद्योगिक इकाइयों में वर्तमान में कामकाज में मंडी उत्पादन में कमी, माल की घटती मांग और कच्चे माल के साथ-साथ तैयार उत्पादों पर उद्योग के चेयरमैन का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से माल कम तैयार किया जा रहा है और अन्य राज्यों से यहां पर कच्चा माल कम भेजा जा रहा है. ऐसे में संकट के दौर में उन्हें भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

औद्योगिक कामों में काफी गिरावट

पांवटा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश गोयल ने बताया कि लॉकडाउन लगने से औद्योगिक कामों में काफी गिरावट आई है. मजदूर नहीं मिल पाए, ट्रांसपोर्टेशन की परेशानी और लेबर को मंगाने के लिए कई गाड़ियों का इंतजाम भी किया गया, लेकिन समय रहते सुविधाएं नहीं मिल पाईं.

अधिकतर उद्योग बंद रहे

सतीश गोयल ने कहा कि मेडिकल्स प्लांट तो चले हैं, लेकिन जैसे ऑक्सीजन प्लांट नहीं चल पाया. स्टील के प्लांट, मुर्गी दाना पाउडर इत्यादि के प्लांट को बंद रखा गया, क्योंकि कच्चा माल बाहरी राज्यों से नहीं आ पाया. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि अधिकतर उद्योग बंद रहे. इस बीच ट्रक ऑपरेटर ने भी 6 रुपये प्रति किलोमीटर किराया बढ़ा दिया.

माल की ढुलाई नहीं हो पा रही थी

माइनिंग ऑनर एसोसिएशन सिरमौर के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट एकदम रुकने से पाउडर बनाने वाले उद्योगों में तो बहुत नुकसान देखने को मिला. उन्होंने कहा कि उद्योगों का खर्चा, स्टाफ का खर्चा लेवल का खर्चा उनके ऊपर एकदम से आ गया. उन्होंने कहा कि माल की ढुलाई नहीं हो पा रही थी.

10 से 20 करोड़ का नुकसान खनिज उद्योग को हुआ है

उन्होंने कहा कि अधिकतर ट्रक अन्य राज्यों में खड़े थे और यहां से ट्रक अन्य राज्यों में जाने के लिए कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती थी. उन्होंने कहा कि 10 से 20 करोड़ का नुकसान खनिज उद्योग को हुआ है तो करोड़ों का लॉस सरकार को भी रॉयल्टी का हुआ है. उन्होंने कहा कि 300 से 400 ट्रक रोजाना बाहरी राज्यों में जाते थे और आते थे, लेकिन अब मात्र सौ का आंकड़ा पार करना भी इन दिनों मुश्किल हो गया है.

ये भी पढ़ें- सीएम और राज्यपाल ने महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस की बढ़ोतरी और लॉकडाउन के कारण औद्योगिक संकट पैदा हुआ है. उद्योगों से न केवल मजदूरों को रोजगार मिलता है, बल्कि सरकार को भी अच्छा टैक्स मिलता है. ऐसे में अब कोरोना संकट के बीच औद्योगिक क्षेत्र में काफी मंदी देखने को मिल रही है.

शहर की औद्योगिक इकाइयों में वर्तमान में कामकाज में मंडी उत्पादन में कमी, माल की घटती मांग और कच्चे माल के साथ-साथ तैयार उत्पादों पर उद्योग के चेयरमैन का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से माल कम तैयार किया जा रहा है और अन्य राज्यों से यहां पर कच्चा माल कम भेजा जा रहा है. ऐसे में संकट के दौर में उन्हें भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

औद्योगिक कामों में काफी गिरावट

पांवटा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश गोयल ने बताया कि लॉकडाउन लगने से औद्योगिक कामों में काफी गिरावट आई है. मजदूर नहीं मिल पाए, ट्रांसपोर्टेशन की परेशानी और लेबर को मंगाने के लिए कई गाड़ियों का इंतजाम भी किया गया, लेकिन समय रहते सुविधाएं नहीं मिल पाईं.

अधिकतर उद्योग बंद रहे

सतीश गोयल ने कहा कि मेडिकल्स प्लांट तो चले हैं, लेकिन जैसे ऑक्सीजन प्लांट नहीं चल पाया. स्टील के प्लांट, मुर्गी दाना पाउडर इत्यादि के प्लांट को बंद रखा गया, क्योंकि कच्चा माल बाहरी राज्यों से नहीं आ पाया. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि अधिकतर उद्योग बंद रहे. इस बीच ट्रक ऑपरेटर ने भी 6 रुपये प्रति किलोमीटर किराया बढ़ा दिया.

माल की ढुलाई नहीं हो पा रही थी

माइनिंग ऑनर एसोसिएशन सिरमौर के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट एकदम रुकने से पाउडर बनाने वाले उद्योगों में तो बहुत नुकसान देखने को मिला. उन्होंने कहा कि उद्योगों का खर्चा, स्टाफ का खर्चा लेवल का खर्चा उनके ऊपर एकदम से आ गया. उन्होंने कहा कि माल की ढुलाई नहीं हो पा रही थी.

10 से 20 करोड़ का नुकसान खनिज उद्योग को हुआ है

उन्होंने कहा कि अधिकतर ट्रक अन्य राज्यों में खड़े थे और यहां से ट्रक अन्य राज्यों में जाने के लिए कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती थी. उन्होंने कहा कि 10 से 20 करोड़ का नुकसान खनिज उद्योग को हुआ है तो करोड़ों का लॉस सरकार को भी रॉयल्टी का हुआ है. उन्होंने कहा कि 300 से 400 ट्रक रोजाना बाहरी राज्यों में जाते थे और आते थे, लेकिन अब मात्र सौ का आंकड़ा पार करना भी इन दिनों मुश्किल हो गया है.

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