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अब मेडिकल कॉलेज नाहन में नहीं होगी नेटवर्क की परेशानी, स्पीड के साथ-साथ बढ़ेगी कनेक्टिविटी

डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में कामकाज निपटाने के लिए चुनौती बनी नेटवर्क समस्या अब कॉलेज प्रशासन को नहीं सताएगी. इस मेडिकल कॉलेज को बेहतर नेटवर्क सुविधा से जोड़ा गया है, जिससे लोगों को नेटवर्क से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी.

Medical College Nahan connected to better network facility
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Published : Nov 23, 2019, 9:33 AM IST

नाहन: जिला सिरमौर के डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में कामकाज निपटाने के लिए चुनौती बनी नेटवर्क समस्या अब कॉलेज प्रशासन को नहीं सताएगी. अब नेटवर्क की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी.

दरअसल मेडिकल कॉलेज को 97 हजार रुपए की सालाना लीज लाइन से जोड़ा गया है. इस सुविधा से मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

इससे पहले आयुष्मान व हिम केयर कार्ड बनवाने वाले लोगों के नेटवर्क समस्या के चलते कई दिनों तक स्वास्थ्य कार्ड नहीं बन पाते थे. दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ती थी. अब ओएफसी से कॉलेज के जुड़ने के बाद स्वास्थ्य कार्ड बनाने वाले लोगों को 1 दिन में ही सुविधा मिलेगी. साथ ही मेडिकल कॉलेज से संबंधित कोई भी डाटा तुरंत अपलोड होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

इतनी होगी स्पीड
ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ी गई लीज लाइन से मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कामकाज निपटाने के लिए 4 MB प्रति सेकेंड स्पीड मिलेगी. लिहाजा कॉलेज प्रशासन को 4MB अपलोडिंग के साथ-साथ डाउनलोडिंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. यह ब्रॉडबैंड से पूरी तरह से अलग है. ब्रॉडबैंड सुविधा में 1 MB से ऊपर अपलोड नहीं किया जा सकता, जबकि ओएफसी से जुड़ी इस लाइन में 4MB स्पीड की सुविधा मिलेगी.

क्या कहते हैं कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक
मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीडी शर्मा ने बताया कि कॉलेज में नेटवर्क स्पीड की दिक्कत दूर हो गई है. बीएसएनएल ने कॉलेज को ओएफसी से जोड़ दिया है. इस पर सालाना 97 हजार रुपए का खर्चा आएगा.

गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से मेडिकल कॉलेज नेटवर्क स्पीड के साथ-साथ कनेक्टिविटी संबंधी दिक्कतें झेल रहा था. इससे न केवल लोग बल्कि कर्मचारी वर्ग भी परेशान था. अब तक मेडिकल कॉलेज को वाई-फाई के सहारे चलाया जा रहा था, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा था. लिहाजा अब यह दिक्कत दूर होने से बड़ी समस्या से निजात मिली है.

नाहन: जिला सिरमौर के डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में कामकाज निपटाने के लिए चुनौती बनी नेटवर्क समस्या अब कॉलेज प्रशासन को नहीं सताएगी. अब नेटवर्क की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी.

दरअसल मेडिकल कॉलेज को 97 हजार रुपए की सालाना लीज लाइन से जोड़ा गया है. इस सुविधा से मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

इससे पहले आयुष्मान व हिम केयर कार्ड बनवाने वाले लोगों के नेटवर्क समस्या के चलते कई दिनों तक स्वास्थ्य कार्ड नहीं बन पाते थे. दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ती थी. अब ओएफसी से कॉलेज के जुड़ने के बाद स्वास्थ्य कार्ड बनाने वाले लोगों को 1 दिन में ही सुविधा मिलेगी. साथ ही मेडिकल कॉलेज से संबंधित कोई भी डाटा तुरंत अपलोड होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

इतनी होगी स्पीड
ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ी गई लीज लाइन से मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कामकाज निपटाने के लिए 4 MB प्रति सेकेंड स्पीड मिलेगी. लिहाजा कॉलेज प्रशासन को 4MB अपलोडिंग के साथ-साथ डाउनलोडिंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. यह ब्रॉडबैंड से पूरी तरह से अलग है. ब्रॉडबैंड सुविधा में 1 MB से ऊपर अपलोड नहीं किया जा सकता, जबकि ओएफसी से जुड़ी इस लाइन में 4MB स्पीड की सुविधा मिलेगी.

क्या कहते हैं कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक
मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीडी शर्मा ने बताया कि कॉलेज में नेटवर्क स्पीड की दिक्कत दूर हो गई है. बीएसएनएल ने कॉलेज को ओएफसी से जोड़ दिया है. इस पर सालाना 97 हजार रुपए का खर्चा आएगा.

गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से मेडिकल कॉलेज नेटवर्क स्पीड के साथ-साथ कनेक्टिविटी संबंधी दिक्कतें झेल रहा था. इससे न केवल लोग बल्कि कर्मचारी वर्ग भी परेशान था. अब तक मेडिकल कॉलेज को वाई-फाई के सहारे चलाया जा रहा था, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा था. लिहाजा अब यह दिक्कत दूर होने से बड़ी समस्या से निजात मिली है.

Intro:-97 हजार की सालाना लीज लाइन से जुड़ा कॉलेज
- अब आयुष्मान व हिम केयर कार्ड बनाने में नहीं लगेंगे कई दिन
नाहन। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में कामकाज निपटाने के लिए चुनौती बनी नेटवर्क समस्या अब कॉलेज प्रशासन को नहीं सताएगी। यही नहीं नेटवर्क की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी।


Body:दरअसल मेडिकल कॉलेज को 97 हजार रुपए की सालाना लीज लाइन से जोड़ा गया है। इस सुविधा से मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जबकि इससे पहले आयुष्मान व हिम केयर कार्ड बनवाने वाले लोगों के नेटवर्क समस्या के चलते कई दिनों तक स्वास्थ्य कार्ड नहीं बन पाते थे। दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ती थी। अब ओएफसी से कॉलेज के जुड़ने के बाद स्वास्थ्य कार्ड बनाने वाले लोगों को 1 दिन में ही सुविधा मिलेगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज से संबंधित कोई भी डाटा तुरंत अपलोड होगा।

इतनी होगी स्पीड
ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ी गई लीज लाइन से मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कामकाज निपटाने के लिए 4 MB प्रति सेकेंड स्पीड मिलेगी। लिहाजा कॉलेज प्रशासन को 4MB अपलोडिंग के साथ-साथ डाउनलोडिंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह ब्रॉडबैंड से पूरी तरह से अलग है। ब्रॉडबैंड सुविधा में 1 MB से ऊपर अपलोड नहीं किया जा सकता। जबकि ओएफसी से जुड़ी इस लाइन में 4MB स्पीड की सुविधा मिलेगी।

क्या कहते हैं कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक?
मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीडी शर्मा ने बताया कि कॉलेज में नेटवर्क स्पीड की दिक्कत दूर हो गई है। बीएसएनएल ने कॉलेज को ओएफसी से जोड़ दिया है। इस पर सालाना 97 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
बाइट : डॉ डीडी शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक


Conclusion:गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से मेडिकल कॉलेज नेटवर्क स्पीड के साथ-साथ कनेक्टिविटी संबंधी दिक्कतें झेल रहा था। इससे न केवल लोग बल्कि कर्मचारी वर्ग भी परेशान था। अब तक मेडिकल कॉलेज को वाईफाई के सहारे चलाया जा रहा था, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा था। लिहाजा अब यह दिक्कत दूर होने से बड़ी समस्या से निजात मिली है।
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