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Prayer In Pahari: बच्चों को जड़ों से जोड़ने का प्रयास, सिरमौर के इस स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा - government school Himachal

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की राजकीय कन्या उच्च पाठशाला ददाहू ने पहाड़ी भाषा में प्रार्थना सभा शुरू कर एक अनूठी पहल की है. स्कूल में होने वाली प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में पहाड़ी बोली (सिरमौरी) को जोड़ते हुए छात्राओं ने राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अतिरिक्त पूरी प्रार्थना सभा पहाड़ी भाषा में की. पढ़ें पूरी खबर... (Dadahu School News) (Prayer In Pahari) (Pahadi Prayer in Sirmour) (Pahadi Prayer in Sirmaur) (Pahari prayer in Himachal government school).

dadahu school sirmaur
सिरमौर के ददाहू स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा.
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Published : Jun 23, 2023, 7:27 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 9:56 PM IST

सिरमौर के ददाहू स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा.

सिरमौर: आपने हिंदी या अंग्रेजी में प्रार्थना सभा सुनी होगी, लेकिन पहाड़ी बोली में पक्का नहीं सुनी होगी. बता दें कि देवभूमि हिमाचल पहाड़ी राज्य है, लेकिन वर्तमान में युवा वर्ग अपनी पहाड़ी बोली को भूलता नजर आ रहा है. लिहाजा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक स्कूल ने बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास करते हुए स्कूल की प्रार्थना सभा पहाड़ी बोली में शुरू करवाई है. यह सराहनीय प्रयास रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के तहत राजकीय कन्या उच्च विद्यालय ददाहू ने किया है. हालांकि अब स्कूल में छुट्टियां हो गई हैं, लेकिन इसके बाद नियमित रूप से पहाड़ी बोली में ही प्रार्थना सभा का आयोजन होगा.

विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना सभा: दरअसल स्कूल में होने वाली प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में पहाड़ी भाषा (सिरमौरी) को जोड़ते हुए छात्राओं ने राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अतिरिक्त पूरी प्रार्थना सभा पहाड़ी भाषा में की. स्कूल में पहले से ही तीन भाषाओं हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में प्रार्थना होती है. अब इसमें पहाड़ी को जोड़कर यह प्रार्थना सभा नियमित रूप से हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और पहाड़ी में होगी.

प्रार्थना के रूप में प्रसिद्ध लोकगीत 'रामो रा नाव' को एकदम ठेठ पहाड़ी में सुर, लय, ताल और साज के साथ गाया गया, जिसका बच्चों ने दिल खोल कर स्वागत किया और अपना भरपूर उत्साह दिखाया. इसके बाद प्रतिज्ञा, नारे और आज का विचार सब का सब एकदम पहाड़ी में हुआ. यह प्रार्थना, ज्ञानोदय प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा भी उच्च विद्यालय की छात्राओं के साथ सामूहिक रूप से आनंदपूर्वक की गई. प्रार्थना सभा का बेहतरीन संचालन नौवीं कक्षा की छात्रा अवंतिका द्वारा किया गया.

कन्या उच्च विद्यालय के सरस्वती सदन की छात्राओं के इस प्रयास में मुख्य अध्यापिका ऊषा रानी का मार्गदर्शन और सदन के इंचार्ज अध्यापक अनन्त आलोक और निशा ठाकुर द्वारा तैयारी करवाई गई. प्रार्थना, छात्र प्रतिज्ञा, आज का विचार, टॉपिक और नारे का विशुद्ध सिरमौरी में अनुवाद अनन्त आलोक द्वारा किया गया, जो स्वयं भी हिंदी और पहाड़ी के लेखक हैं. स्कूल के अध्यापक अनंत आलोक ने बताया कि बच्चों को पहाड़ी बोली से जोड़ने का प्रयास किया गया है. इसके तहत प्रार्थना सभा का आयोजन पहाड़ी भाषा में किया गया. कुल मिलाकर कन्या विद्यालय ददाहू का यह प्रयास सराहनीय है, जिसकी खूब सराहना की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Maa Shoolini Mela 2023: भव्य शोभायात्रा के साथ सोलन शहर में राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले का आगाज

सिरमौर के ददाहू स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा.

सिरमौर: आपने हिंदी या अंग्रेजी में प्रार्थना सभा सुनी होगी, लेकिन पहाड़ी बोली में पक्का नहीं सुनी होगी. बता दें कि देवभूमि हिमाचल पहाड़ी राज्य है, लेकिन वर्तमान में युवा वर्ग अपनी पहाड़ी बोली को भूलता नजर आ रहा है. लिहाजा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक स्कूल ने बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास करते हुए स्कूल की प्रार्थना सभा पहाड़ी बोली में शुरू करवाई है. यह सराहनीय प्रयास रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के तहत राजकीय कन्या उच्च विद्यालय ददाहू ने किया है. हालांकि अब स्कूल में छुट्टियां हो गई हैं, लेकिन इसके बाद नियमित रूप से पहाड़ी बोली में ही प्रार्थना सभा का आयोजन होगा.

विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना सभा: दरअसल स्कूल में होने वाली प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में पहाड़ी भाषा (सिरमौरी) को जोड़ते हुए छात्राओं ने राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अतिरिक्त पूरी प्रार्थना सभा पहाड़ी भाषा में की. स्कूल में पहले से ही तीन भाषाओं हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में प्रार्थना होती है. अब इसमें पहाड़ी को जोड़कर यह प्रार्थना सभा नियमित रूप से हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और पहाड़ी में होगी.

प्रार्थना के रूप में प्रसिद्ध लोकगीत 'रामो रा नाव' को एकदम ठेठ पहाड़ी में सुर, लय, ताल और साज के साथ गाया गया, जिसका बच्चों ने दिल खोल कर स्वागत किया और अपना भरपूर उत्साह दिखाया. इसके बाद प्रतिज्ञा, नारे और आज का विचार सब का सब एकदम पहाड़ी में हुआ. यह प्रार्थना, ज्ञानोदय प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा भी उच्च विद्यालय की छात्राओं के साथ सामूहिक रूप से आनंदपूर्वक की गई. प्रार्थना सभा का बेहतरीन संचालन नौवीं कक्षा की छात्रा अवंतिका द्वारा किया गया.

कन्या उच्च विद्यालय के सरस्वती सदन की छात्राओं के इस प्रयास में मुख्य अध्यापिका ऊषा रानी का मार्गदर्शन और सदन के इंचार्ज अध्यापक अनन्त आलोक और निशा ठाकुर द्वारा तैयारी करवाई गई. प्रार्थना, छात्र प्रतिज्ञा, आज का विचार, टॉपिक और नारे का विशुद्ध सिरमौरी में अनुवाद अनन्त आलोक द्वारा किया गया, जो स्वयं भी हिंदी और पहाड़ी के लेखक हैं. स्कूल के अध्यापक अनंत आलोक ने बताया कि बच्चों को पहाड़ी बोली से जोड़ने का प्रयास किया गया है. इसके तहत प्रार्थना सभा का आयोजन पहाड़ी भाषा में किया गया. कुल मिलाकर कन्या विद्यालय ददाहू का यह प्रयास सराहनीय है, जिसकी खूब सराहना की जा रही है.

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Last Updated : Jun 23, 2023, 9:56 PM IST
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