नाहनः सिरमौर जिला में 2015 में बच्चे का अपहरण कर फिरौती की डिमांड करने के मामले में जिला न्यायाधीश देवेंद्र शर्मा की अदालत ने आरोपी दंपति को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को 3-3 साल के कठोर कारावास व 17-17 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.
इसी तरह धारा 343 और 34 आईपीसी में 1 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार जुर्माना, धारा 323 और 34 में 6 माह का साधारण कारावास और 1000 रुपए जुर्माना व धारा 201 और 34 आईपीसी में 1 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.
मामले की पैरवी कर रहे एमके शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि नरेश कुमार निवासी बागनंद त्रिलोकपुर ने 29 जनवरी 2015 को पुलिस थाना कालाअंब में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके छोटे भाई रामेश्वर का बेटा केशव घर नहीं लौटा. जिसकी तलाश व पूछताछ उन्होंने आसपास के क्षेत्रों व रिश्तेदारों में की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा.
इसके बाद 30 जनवरी को नरेश के पड़ोसी किराएदार शकील अहमद के मोबाइल पर प्रीति ने फोन किया और अपहरण किए गए बच्चे केशव के बारे में उसके ताया नरेश से बात करवाने को कहा. इस दौरान बात करने पर प्रीति ने केशव के अपहरण की बात कही और बदले में 15 लाख की फिरौती की मांग की.
मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस ने मोबाइल ईएमआई नंबर के आधार पर श्याम सुंदर निवासी अजीतपुर उत्तर प्रदेश का पाया. श्याम सुंदर, बच्चे के ताया नरेश के पड़ोस में ही पत्नी प्रीति के साथ रहता था. इस बारे में जब पुलिस ने प्रीति से पूछताछ की तो उसने बच्चे के बारे में कोई जानकारी होने से मना कर दिया.
इसके बाद 31 जनवरी 2015 को रात्रि करीब 9 बजे जब श्याम सुंदर और प्रीति के कमरे की तलाशी ली गई तो केशव फोल्डिंग की चारपाई के नीचे लिटाया हुआ पाया गया. केशव के शरीर पर 11 चोटों के निशान पाए गए. इस पर पुलिस ने आरोपी दंपति को हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया. इसी मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर दोषी प्रीति व श्याम सुंदर को सजा सुनाई.