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हर्षवर्धन चौहान का सुरेश कश्यप पर पलटवार, कहा: मिली हार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की बौखलाहट स्वाभाविक - कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान

कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए तीखा प्रहार किया है. सरकारी कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP State President Suresh Kashyap) के बयान पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि चुनाव में मिली हार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की बौखलाहट स्वाभाविक है. इसलिए भाजपा के नेता बयानबाजी कर रहे हैं.

कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान
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Published : Dec 30, 2022, 5:11 PM IST

कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान.

नाहन: शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए तीखा प्रहार किया है. सरकारी कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP State President Suresh Kashyap) के बयान पर हर्षवर्धन चौहान ने साफ किया कि प्रदेश को कैसे चलाना हैं, यह वर्तमान कांग्रेस सरकार का काम है, क्योंकि बीजेपी ने चुनाव में वोट एंठेने के इरादे से बिना किसी योजना के करीब 900 सरकारी कार्यालय खोल दिए. (Harshvardhan Chauhan on Suresh Kashyap).

हर्षवर्धन चौहान वीरवार को जिला मुख्यालय नाहन में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे. विधायक हर्षवर्धन ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप का बोलना स्वभाविक है, क्योंकि उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा उनकी बौखलाहट स्वभाविक है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव में वोट एंठेने के मकसद से बिना किसी बजट व योजना के बहुत से सरकारी कार्यालय खोले थे. इन्हें खोलने के बावजूद भी भाजपा को चुनाव में कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है. लिहाजा भाजपा नेताओं को इन कार्यालयों को डिनोटिफाई करने पर तकलीफ भी हो रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश को कैसे चलाना हैं, यह काम वर्तमान कांग्रेस सरकार का है. भाजपा जाते-जाते समय रेवड़ियों के भाव सरकारी कार्यालय खोल गए. पूर्व सरकार ने अंतिम 6 महीनों में ही करीब 900 सरकारी कार्यालय खोल दिए. इसमें डीएसपी, आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, बिजली बोर्ड आदि शामिल हैं. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अकेल बिजली बोर्ड के लिए 32 कार्यालय पूर्व सरकार ने खोल दिए. जबकि हैरानी की बात यह है कि पिछले 40 सालों में बिजली बोर्ड के 6 सरकारी कार्यालय ही खोले गए थे. इसके विपरीत पिछले 6 महीने में 32 बिजली बोर्ड के कार्यालय खोल दिए गए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली बोर्ड 1858 करोड़ केनुकसान में है. आज सरकारी कर्मचारियों को देने के लिए वेतन नहीं है. सरकारी खजाने को पूर्व की सरकार खाली गई है. आज प्रदेश पर 75000 करोड़ रुपये का कर्ज है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार ने पिछले 6 महीनों में जो सरकारी कार्यालय खोले थे, उन्हें चलाने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये सालाना पैसे की जरूरत है. हैरानी की बात यह है कि पूर्व सरकार ने इन कार्यालयों के लिए कोई नई नियुक्तियां नहीं की.(Denotification of govt institutions in Himachal).

पुराने सरकारी कार्यालयों से उठाकर यहां एक या दो कर्मचारी तैनात कर दिए गए. भाजपा की इस नीति से न तो पुराने सरकारी कार्यालय ठीक से चल पा रहे हैं और न ही नए कार्यालय. लिहाजा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीतिगत फैसला लेते हुए पिछले 6 महीने में नियमों को दरकिनार कर खोले गए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया है. साथ ही जनहित में जो कार्यालय होंगे, उन्हें दोबारा से सरकार खोलेगी. इस दौरान हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu) द्वारा लिए जा रहे निर्णयों का भी स्वागत किया.

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कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान.

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हर्षवर्धन चौहान वीरवार को जिला मुख्यालय नाहन में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे. विधायक हर्षवर्धन ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप का बोलना स्वभाविक है, क्योंकि उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा उनकी बौखलाहट स्वभाविक है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव में वोट एंठेने के मकसद से बिना किसी बजट व योजना के बहुत से सरकारी कार्यालय खोले थे. इन्हें खोलने के बावजूद भी भाजपा को चुनाव में कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है. लिहाजा भाजपा नेताओं को इन कार्यालयों को डिनोटिफाई करने पर तकलीफ भी हो रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश को कैसे चलाना हैं, यह काम वर्तमान कांग्रेस सरकार का है. भाजपा जाते-जाते समय रेवड़ियों के भाव सरकारी कार्यालय खोल गए. पूर्व सरकार ने अंतिम 6 महीनों में ही करीब 900 सरकारी कार्यालय खोल दिए. इसमें डीएसपी, आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, बिजली बोर्ड आदि शामिल हैं. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अकेल बिजली बोर्ड के लिए 32 कार्यालय पूर्व सरकार ने खोल दिए. जबकि हैरानी की बात यह है कि पिछले 40 सालों में बिजली बोर्ड के 6 सरकारी कार्यालय ही खोले गए थे. इसके विपरीत पिछले 6 महीने में 32 बिजली बोर्ड के कार्यालय खोल दिए गए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली बोर्ड 1858 करोड़ केनुकसान में है. आज सरकारी कर्मचारियों को देने के लिए वेतन नहीं है. सरकारी खजाने को पूर्व की सरकार खाली गई है. आज प्रदेश पर 75000 करोड़ रुपये का कर्ज है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार ने पिछले 6 महीनों में जो सरकारी कार्यालय खोले थे, उन्हें चलाने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये सालाना पैसे की जरूरत है. हैरानी की बात यह है कि पूर्व सरकार ने इन कार्यालयों के लिए कोई नई नियुक्तियां नहीं की.(Denotification of govt institutions in Himachal).

पुराने सरकारी कार्यालयों से उठाकर यहां एक या दो कर्मचारी तैनात कर दिए गए. भाजपा की इस नीति से न तो पुराने सरकारी कार्यालय ठीक से चल पा रहे हैं और न ही नए कार्यालय. लिहाजा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीतिगत फैसला लेते हुए पिछले 6 महीने में नियमों को दरकिनार कर खोले गए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया है. साथ ही जनहित में जो कार्यालय होंगे, उन्हें दोबारा से सरकार खोलेगी. इस दौरान हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu) द्वारा लिए जा रहे निर्णयों का भी स्वागत किया.

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