पांवटा साहिब: कोरोना संकट की इस घड़ी में आज अपने ही अपनों का साथ छोड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमित शव को परिजन या रिश्तेदार छूने से भी डर रहे हैं. ऐसे में पांवटा साहिब नगर परिषद के सफाई कर्मी कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे है. सफाई कर्मियों ने अब तक 34 संक्रमित शवों का दाह संस्कार किया है.
अपनों से दूर रहकर लोगों की कर रहे सेवा
सफाई कर्मी करीब 15 दिनों से अपने घर से दूर हैं. अपनी जान की परवाह किए बगैर प्रोटोकॉल के तहत कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. संकट की इस घड़ी में ये लोग बखूबी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. ऐसे समय में हर फ्रंटलाइन वॉरियर्स चाहे वो चिकित्सक हो या पैरा मेडिकल स्टाफ सभी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.
दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील
सफाई कर्मचारी रामदयाल का कहना है की अपनी जान की परवाह किए बिना 15 दिनों से अपनों से दूर रह कर कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. वहीं, श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध करवाने वाले तबारक आलम का कहना है कि अपनों की परवाह किए बिना वो यहां सेवा भावना से काम कर रहे हैं.
कर्मचारी सम्मान के पात्र
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी ने कहा कि इन कर्मियों ने एक मिसाल कायम की है. एक दिन तो इन कर्मचारियों ने 6 संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया. इन्हें खाना खाने तक का मौका नहीं मिला. ऐसे कर्मचारी सम्मान के पात्र हैं. एसएस नेगी ने बताया कि कर्मियों को पीपीई किट समेत जरूरी सामान उपलब्ध करवाया गया है.
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