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डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए प्रशासन गंभीर, जागरूकता अभियान के तहत हॉस्पिटल्स में मुफ्त दी जाएंगी दवाईयां

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Published : Apr 18, 2019, 5:55 PM IST

डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर सिरमौर प्रशासन गंभीर. डीसी बोले- शिक्षण संस्थानों के माध्यम से किया जाएगा जागरूक. स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश जारी.

डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सिरमौर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

नाहन: बदलते मौसम को देखते हुए सिरमौर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है. प्रशासन ने डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है.

इस जागरूकता अभियान को लेकर सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को भी अभियान के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि घरों व आसपास पानी के इकट्ठा होने से डेंगू और मलेरिया के मच्छर उत्पन्न होते हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया रोग के फैलने की संभावनाएं उत्पन्न हो जाती है. इन रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इन रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है.

nahan
डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सिरमौर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो आशा वर्कर्स के माध्यम से पंचायत स्तर पर इस अभियान को जारी रखे, ताकि रोगों के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो. उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया व डेंगू रोग के उपचार के लिए दवाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रखें. डेंगू और मलेरिया के रोगी को सरकारी अस्पताल में निशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.

आपको बता दें कि पिछले साल डेंगू ने प्रदेश को बुरी तरह से अपनी चपेट में लिया था. प्रदेश में चार दिसंबर 2018 डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 4700 के पार हो चुका था, जबकि छह लोगों की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार चार दिसंबर तक प्रदेशभर में डेंगू से ग्रस्त मरीजों की सबसे अधिक संख्या जिला बिलासपुर में थी. जहां पर डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 2000 को पार कर गया था. दूसरे नंबर पर जिला सोलन था, जहां पर डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 1700 को पार कर चुका था. इस दौरान प्रदेश के अस्पतालों में अब तक डेंगू के संदिग्ध 18015 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई थी. इनमें 4739 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई थी.

डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सिरमौर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

प्रदेश की राजधानी शिमला में भी कई लोग डेंगू का शिकार हुए थे. जहां शिमला में डेंगू के मरीजों को आंकड़ा 133 के करीब पहुंच गया था. डेंगू के सबसे ज्यादा आंकड़े जिला बिलासपुर में सामने आए थे, जहां से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा संबंध रखते हैं. ऐसे में डेंगू प्रदेश के गले की फांस बन गया था और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती. हालांकि स्वास्थ्य विभाग काफी हद तक डेंगू से रोकथाम में विफल साबित हुआ था.

किस जिले में डेंगू के सामने आए थे कितने मामले

जिला मरीज

बिलासपुर 2035

कांगड़ा 148

कुल्लू 4

हमीरपुर 12

मंडी 588

सोलन 1720

सिरमौर 10

शिमला 133

ऊना 81

चंबा 8

ये है डेंगू के लक्षण
ठंड के साथ तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, लाल-गुलाबी चकत्ते, नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उलटी में खून, बेहोशी आना, ब्लड प्रेशर अनियंत्रित और अंत में मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है.

ऐसे करें बचाव

-घर, ऑफिस के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें.

-घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें.

-मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए पानी की टंकी बंद रखें.

-खिड़की- दरवाजों पर जाली लगाएं.

-कीटनाशक का छिड़काव करें.

-शरीर पूरी तरह ढक कर रखें.

-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

-बुखार होने पर पैरासिटामोल लें.

-एस्प्रिन (डिस्प्रिन, इकोस्प्रिन) या पेनकिलर बिल्कुल न लें.

नाहन: बदलते मौसम को देखते हुए सिरमौर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है. प्रशासन ने डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है.

इस जागरूकता अभियान को लेकर सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को भी अभियान के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि घरों व आसपास पानी के इकट्ठा होने से डेंगू और मलेरिया के मच्छर उत्पन्न होते हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया रोग के फैलने की संभावनाएं उत्पन्न हो जाती है. इन रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इन रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है.

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डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सिरमौर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो आशा वर्कर्स के माध्यम से पंचायत स्तर पर इस अभियान को जारी रखे, ताकि रोगों के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो. उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया व डेंगू रोग के उपचार के लिए दवाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रखें. डेंगू और मलेरिया के रोगी को सरकारी अस्पताल में निशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.

आपको बता दें कि पिछले साल डेंगू ने प्रदेश को बुरी तरह से अपनी चपेट में लिया था. प्रदेश में चार दिसंबर 2018 डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 4700 के पार हो चुका था, जबकि छह लोगों की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार चार दिसंबर तक प्रदेशभर में डेंगू से ग्रस्त मरीजों की सबसे अधिक संख्या जिला बिलासपुर में थी. जहां पर डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 2000 को पार कर गया था. दूसरे नंबर पर जिला सोलन था, जहां पर डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 1700 को पार कर चुका था. इस दौरान प्रदेश के अस्पतालों में अब तक डेंगू के संदिग्ध 18015 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई थी. इनमें 4739 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई थी.

डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सिरमौर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

प्रदेश की राजधानी शिमला में भी कई लोग डेंगू का शिकार हुए थे. जहां शिमला में डेंगू के मरीजों को आंकड़ा 133 के करीब पहुंच गया था. डेंगू के सबसे ज्यादा आंकड़े जिला बिलासपुर में सामने आए थे, जहां से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा संबंध रखते हैं. ऐसे में डेंगू प्रदेश के गले की फांस बन गया था और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती. हालांकि स्वास्थ्य विभाग काफी हद तक डेंगू से रोकथाम में विफल साबित हुआ था.

किस जिले में डेंगू के सामने आए थे कितने मामले

जिला मरीज

बिलासपुर 2035

कांगड़ा 148

कुल्लू 4

हमीरपुर 12

मंडी 588

सोलन 1720

सिरमौर 10

शिमला 133

ऊना 81

चंबा 8

ये है डेंगू के लक्षण
ठंड के साथ तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, लाल-गुलाबी चकत्ते, नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उलटी में खून, बेहोशी आना, ब्लड प्रेशर अनियंत्रित और अंत में मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है.

ऐसे करें बचाव

-घर, ऑफिस के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें.

-घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें.

-मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए पानी की टंकी बंद रखें.

-खिड़की- दरवाजों पर जाली लगाएं.

-कीटनाशक का छिड़काव करें.

-शरीर पूरी तरह ढक कर रखें.

-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

-बुखार होने पर पैरासिटामोल लें.

-एस्प्रिन (डिस्प्रिन, इकोस्प्रिन) या पेनकिलर बिल्कुल न लें.

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डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर सिरमौर प्रशासन गंभीर
डीसी बोले शिक्षण संस्थानों के माध्यम से किया जाएगा जागरूक
स्वास्थ्य विभाग को अहम दिशा निर्देश जारी
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलेंगी दवाईयां
आशा वर्कर वर्कर भी लोगो को करेंगी जागरूक
नाहन। बदलते मौसम को देखते हुए सिरमौर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। प्रशासन ने डेंगू और मलेरिया रोग से बचाओ को लेकर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। 
दरअसल सिरमौर जिला के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों में डेंगू और मलेरिया से संबंधित जानकारी दी जाएगी, ताकि यह आमजन तक पहुंच सके। डीसी ललित जैन ने कहा कि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। उन्होने कहा कि घरों व आसपास पानी के इक्टठा होने से डेंगू और मलेरिया के मच्छर उत्पन्न होते हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया रोग के फैलने की संभावनाऐं उत्पन्न हो जाती है। उन्होने कहा कि इन रोगों से बचने के लिए सावधानी करने की आवश्यकता है जिस बारे लोगो को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान आरंभ किया जा रहा है।
बाईट- ललित जैन- डीसी सिरमौर
 उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह आशा वर्कर्स के माध्यम सेे पंचायत स्तर पर इस अभियान को जारी रखे, ताकि मलेरिया अथवा डेंगू रोग के फैलने की संभावना उत्पन्न न हो। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया व डेंगू रोग के उपचार के लिए दवाऐं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रखें। उन्होने कहा कि डेंगू और मलेरिया के रोगी को सरकारी अस्पताल में निःशुल्क दवाऐं उपलब्ध करवाई जाएगी
 बाईट- ललित जैन- डीसी सिरमौर
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