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बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों का सहारा बनेगा अपना घर, 45 कमरों के आश्रम में DC ने हर सुविधा देने का किया वादा

लोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि अपना घर चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है. संस्था को अपना घर चलाने की स्वीकृति भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गों को अपने बच्चे मिलेंगे.

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Published : Jun 23, 2019, 9:31 PM IST

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठों में से एक मां बालासुंदरी के चरणों में बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित इस भवन को अपना घर का नाम दिया जा रहा है. डीसी सिरमौर ललित जैन के प्रयासों से बेसहारा लोगों के इस अपने घर को एक निजी संस्था चलाएगी, जिसे प्रशासन की तरफ से स्वीकृति मिल गई है.

वीडियो.

सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. इस चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है. संस्था को अपना घर चलाने की स्वीकृति भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गों को अपने बच्चे मिलेंगे.

डीसी ने उम्मीद जताई कि यह संस्थान प्रदेश के अग्रिणी संस्थान बनकर उभरेगा. उन्होंने बताया कि नवनिर्मित किए गए इस संस्थान में 45 कमरे बनाए गए हैं. तीन बड़ी डोरमेटरिज है. ललित जैन ने बताया कि अपना घर में बेसहारा लोगों को मेडिकल, मैस की सुविधा देने की कोशिश भी की जाएगी. घर में सदस्यों को हर तरह की ट्रेनिंग देने की कोशिश की जाएगी, ताकि व्यक्ति अकेला न बैठे और कुछ प्रोडक्टिव करें. साथ ही मनोरंजन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भी यहां स्थित है, तो यहां रहने वाले बच्चे स्कूल भी जा सकेंगे. एक घर में जो सुविधाएं होती है, वह हर प्रकार की सुविधाएं यहां प्रदान की जाएंगी.

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठों में से एक मां बालासुंदरी के चरणों में बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित इस भवन को अपना घर का नाम दिया जा रहा है. डीसी सिरमौर ललित जैन के प्रयासों से बेसहारा लोगों के इस अपने घर को एक निजी संस्था चलाएगी, जिसे प्रशासन की तरफ से स्वीकृति मिल गई है.

वीडियो.

सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. इस चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है. संस्था को अपना घर चलाने की स्वीकृति भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गों को अपने बच्चे मिलेंगे.

डीसी ने उम्मीद जताई कि यह संस्थान प्रदेश के अग्रिणी संस्थान बनकर उभरेगा. उन्होंने बताया कि नवनिर्मित किए गए इस संस्थान में 45 कमरे बनाए गए हैं. तीन बड़ी डोरमेटरिज है. ललित जैन ने बताया कि अपना घर में बेसहारा लोगों को मेडिकल, मैस की सुविधा देने की कोशिश भी की जाएगी. घर में सदस्यों को हर तरह की ट्रेनिंग देने की कोशिश की जाएगी, ताकि व्यक्ति अकेला न बैठे और कुछ प्रोडक्टिव करें. साथ ही मनोरंजन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भी यहां स्थित है, तो यहां रहने वाले बच्चे स्कूल भी जा सकेंगे. एक घर में जो सुविधाएं होती है, वह हर प्रकार की सुविधाएं यहां प्रदान की जाएंगी.

Intro:नोट: संबंधित खबर के शाॅट मेल पर भेजे गए हैं, जबकि डीसी के बाइट स्क्रिप्ट के साथ मोजो पर है, कृपया शाॅट मेल से उठा लें। 

-त्रिलोकपुर में बेसहारों के लिए अपना घर बनकर तैयार, मिलेगी घर जैसी सुविधाएं 
-डीसी सिरमौर ललित जैन के प्रयास लाए रंग, निजी संस्था चलाएंगी अपना घर 
नाहन। उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठों में से एक मां बालासुंदरी के चरणों में बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है। त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा यह नवनिर्मित भवन जिसे अपना घर का नाम दिया जा रहा है, बनकर तैयार हो गई है। डीसी सिरमौर ललित जैन के प्रयासों से बेसहारों के इस अपने घर को एक निजी संस्था चलाएगी, जिसे प्रशासन की तरफ से स्वीकृति मिल गई है। ऐसे में अब कोई भी बेसहारा व्यक्ति बिना छत के नहीं रहेगा और उसे यहां हर वो सुविधा मिल सकेगी, जोकि एक घर में मिलती है।  


Body:जिले के डीसी ललित जैन ने बताया कि त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा अपना घर जो बेसहारा लोगों के लिए होगा, वह बनकर तैयार हो चुका है। इसको चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है। त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट से उक्त संस्था को इसे चलाने की स्वीकृति भी दे दी है। जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गो को अपने बच्चे मिलेंगे। 
डीसी सिरमौर ने उम्मीद जताई कि यह संस्थान प्रदेश के अग्रीणी संस्थान बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित किए गए इस संस्थान में 45 कमरेें बनाए गए हैं। तीन बड़ी डोरमेटरिज है। प्रयास किए जाएंगे कि यहां पर रहने वाले बेसहारा लोगों को मेडिकल, मैस की सुविधा भी मिल सके। साथ ही हरकरघा आदि की ट्रैनिंग भी दी जाएगी, ताकि व्यक्ति अकेला न बैठे और कुछ प्रोडेक्टिव करें। साथ ही इंटरटेनमेंट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही सरकारी स्कूल भी यहां स्थित है, तो यहां रहने वाले बच्चे स्कूल भी जा सकेंगे। एक घर में जो सुविधाएं होती है, वह हर प्रकार की सुविधाएं यहां प्रदान की जाएंगी। 
बाइट: ललित जैन, डीसी सिरमौर 


Conclusion:कुल मिलाकर जिला प्रशासन व त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए किया गए यह कार्य सराहनीय कदम है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन का यह प्रयास कितना रंग लाता है। 
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