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ये शख्स गंवा चुका है आंखों की रोशनी, फिर भी जरूरतमंद लोगों के लिए बना मसीहा

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Published : Feb 16, 2021, 4:04 PM IST

समाजसेवी सरबजीत सिंह करीब 14 साल पहले अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं. मगर सेवा का जज्बा उनमें अब भी बरकरार है. सरबजीत सिंह ने राशन वितरण करने के लिए सिख युवाओं की एक विशेष टीम तैयार की है, जो लोगों तक राशन पहुंचाती है.

सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन
सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन

नाहन: समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो हर मुश्किल का सामना कर इंसान जरूरमंद लोगों के लिए सीना तान कर खड़ा रहता है. कुछ ऐसा ही जज्बा नाहन से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति में भी देखने को मिलता है. दरअसल आज हम आपको सरबजीत सिंह नाम के एक ऐसे ही समाजसेवी से रूबरू करवा जा रहे हैं, जोकि आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद भी जरूरतमंद परिवारों के लिए एक मसीहा के तौर पर कार्य कर रहे हैं.

वीडियो

आंखों की रोशनी गंवाने के बाद भी जरूरतमंदों की सेवा

बता दें कि समाजसेवी सरबजीत सिंह करीब 14 साल पहले अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं. मगर सेवा का जज्बा उनमें अब भी बरकरार है. यही वजह है कि हर महीने 100 से अधिक जरूरतमंद परिवारों के घर में निशुल्क राशन पहुंचता है. बातचीत में सरबजीत सिंह ने बताया कि नाहन में करीब 3 साल पहले श्री गुरुद्वारा दशम अस्थान के बैनर तले दशमेश रोटी बैंक की स्थापना की गई, जहां से हर माह तकरीबन 100 परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाता है.

सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन
सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन

लोगों को बांट रहे मुफ्त राशन

सरबजीत सिंह ने बताया कि राशन वितरण करने के लिए सिख युवाओं की एक विशेष टीम तैयार की है, जो लोगों तक राशन पहुंचाती है. उनका कहना है कि वह चाहते हैं कि समाज में कोई भी व्यक्ति खाली पेट न रहे और इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए. कोरोना काल ने जब बहुत से लोगों के रोजगार छीन लिए और भूखे रहने तक की नौबत आन पड़ी, उस मुश्किल के दौर में भी सरबजीत सिंह की प्रेरणा से करीब 15 हजार लोगों तक मदद पहुंचाई गई. सरबजीत सिंह ने बताया कि कोरोना काल में करीब 15 हजार लोगों की मदद की गई. अपनी टीम के जरिये उन्होंने लोगों को मुफ्त राशन के साथ-साथ कोरोना महामारी के बारे में जागरूक भी किया. सरबजीत सिंह ने कहा कि कोरोना के समय में लोगों को सही मायने में मदद की जरूरत थी और इस दौरान उन्होंने हर जरूरतमंद व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने की कोशिश की.
लाभार्थियों ने सरबजीत सिहं का जताया आभार
वहीं, सरबजीत सिंह से हर माह मदद प्राप्त करने वाले जरूरत लोगों ने बताया कि उनकी बदौलत हर माह उन्हें रोशन मिलता है. जरूरतमंद लाभार्थी इसके लिए सरबजीत सिंह का कोटि-कोटि आभार भी जताते हैं. नाहन के रहने वाले सरबजीत सिंह शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे, मगर आंखों की रोशनी चले जाने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी. सरबजीत मौजूदा में चंडीगढ़ में रहते हैं और हर माह लोगों को राशन वितरित करने नाहन पहुंचते हैं. कुल मिलाकर सरबजीत सिंह का समाज सेवा का यह जज्बा काबिले तारीफ है.

ये भी पढ़ें- आज ढालपुर में मनाया जा रहा बसंत उत्सव, भगवान रघुनाथ देंगे आशीर्वाद

नाहन: समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो हर मुश्किल का सामना कर इंसान जरूरमंद लोगों के लिए सीना तान कर खड़ा रहता है. कुछ ऐसा ही जज्बा नाहन से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति में भी देखने को मिलता है. दरअसल आज हम आपको सरबजीत सिंह नाम के एक ऐसे ही समाजसेवी से रूबरू करवा जा रहे हैं, जोकि आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद भी जरूरतमंद परिवारों के लिए एक मसीहा के तौर पर कार्य कर रहे हैं.

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आंखों की रोशनी गंवाने के बाद भी जरूरतमंदों की सेवा

बता दें कि समाजसेवी सरबजीत सिंह करीब 14 साल पहले अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं. मगर सेवा का जज्बा उनमें अब भी बरकरार है. यही वजह है कि हर महीने 100 से अधिक जरूरतमंद परिवारों के घर में निशुल्क राशन पहुंचता है. बातचीत में सरबजीत सिंह ने बताया कि नाहन में करीब 3 साल पहले श्री गुरुद्वारा दशम अस्थान के बैनर तले दशमेश रोटी बैंक की स्थापना की गई, जहां से हर माह तकरीबन 100 परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाता है.

सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन
सरबजीत सिंह ने जरूरतमंदों को बांटा राशन

लोगों को बांट रहे मुफ्त राशन

सरबजीत सिंह ने बताया कि राशन वितरण करने के लिए सिख युवाओं की एक विशेष टीम तैयार की है, जो लोगों तक राशन पहुंचाती है. उनका कहना है कि वह चाहते हैं कि समाज में कोई भी व्यक्ति खाली पेट न रहे और इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए. कोरोना काल ने जब बहुत से लोगों के रोजगार छीन लिए और भूखे रहने तक की नौबत आन पड़ी, उस मुश्किल के दौर में भी सरबजीत सिंह की प्रेरणा से करीब 15 हजार लोगों तक मदद पहुंचाई गई. सरबजीत सिंह ने बताया कि कोरोना काल में करीब 15 हजार लोगों की मदद की गई. अपनी टीम के जरिये उन्होंने लोगों को मुफ्त राशन के साथ-साथ कोरोना महामारी के बारे में जागरूक भी किया. सरबजीत सिंह ने कहा कि कोरोना के समय में लोगों को सही मायने में मदद की जरूरत थी और इस दौरान उन्होंने हर जरूरतमंद व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने की कोशिश की.
लाभार्थियों ने सरबजीत सिहं का जताया आभार
वहीं, सरबजीत सिंह से हर माह मदद प्राप्त करने वाले जरूरत लोगों ने बताया कि उनकी बदौलत हर माह उन्हें रोशन मिलता है. जरूरतमंद लाभार्थी इसके लिए सरबजीत सिंह का कोटि-कोटि आभार भी जताते हैं. नाहन के रहने वाले सरबजीत सिंह शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे, मगर आंखों की रोशनी चले जाने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी. सरबजीत मौजूदा में चंडीगढ़ में रहते हैं और हर माह लोगों को राशन वितरित करने नाहन पहुंचते हैं. कुल मिलाकर सरबजीत सिंह का समाज सेवा का यह जज्बा काबिले तारीफ है.

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