नाहन: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में स्थित कोविड-19 लैब के लिए सरकार ने करीब 32 लाख रूपए की लागत की एक ओर आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध करवा दी है.15 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह मशीन उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी.
लिहाजा बीते दिन गुरूवार से लैब में दूसरी आरटीपीसीआर मशीन ने भी काम करना शुरू कर दिया है. दरअसल 10 जून 2020 को शुरू की गई जिला की एकमात्र सरकारी कोविड-19 लैब में अब तक एक ही आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध थी, जिससे प्रतिदिन 700 से 800 सैंपलों की ही जांच हो पा रही थी, लेकिन अब सरकार ने भी सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए है. लिहाजा लैब को दूसरी आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध होने से अब प्रतिदिन 2000 सैंपल की जांच हो सकेगी.
अब तक एक मशीन पर था वर्कलोड
इस बाबत डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने विस्तार से जानकारी दी. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि पहले 500 से 700 सैंपलों की जांच की जा रही थी. आरटीपीसीआर मशीन 2 घंटे में 94 सैंपलों की जांच हो पाती है. मशीन पर 14 घंटे काम किया जा रहा था, इतनी देर तक मशीन को चलाना संभव नहीं हो पा रहा था. एक दिन में अधिकतर 1200 सैंपल की भी जांच कोविड लैब में की गई है.
प्रतिदिन हो सकेगी 2 हजार सैंपल की जांच
डीसी ने बताया कि 15 मई को मुख्यमंत्री ने नाहन मेडिकल कॉलेज में पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. इसी दौरान मुख्यमंत्री ने आरटीपीसीआर की एक और मशीन देने की घोषणा की थी, जिसने पिछले कल से यहां काम करना शुरू कर दिया है. अब प्रतिदिन 2000 तक सैंपल की जांच की जा सकेगी. सरकार ने जिला सिरमौर के लिए प्रतिदिन 1920 सैंपलों का टारगेट रखा है, लेकिन अब जांच करने की क्षमता 2000 के आसपास है.
तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. रोजाना संक्रमितों की संख्या में भी गिरावट आ रही है. लिहाजा तीसरी लहर की आशंका भी जताई गई है. ऐसे में सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से भी निपटने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं, जिसके तहत जहां नई व्यवस्थाएं जुटाई गई है, तो वहीं सैंपल की संख्या को भी बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए है. ऐसे में सैंपलों की जांच में तेजी लाने की दिशा में काम किया जा रहा है.
भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना की रफ्तार पड़ी धीमी! जानिए इस 'जंग' से लड़ने के लिए सरकार की क्या है तैयारी