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त्रिलोकपुर के मां बालासुंदरी लंगर को A+ ग्रेड, भोग योजना के तहत FSSAI ने दिया प्रमाण पत्र

उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक मां बालासुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार से प्रमाण पत्र जारी किया है. एफएसएसआई ने मंदिर को 115 में से 104 अंक दिए हैं. यानी त्रिलोकपुर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता ए प्लस ग्रेड की पाई गई है.

A plus grade to Balasundari Langar
फोटो.
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Published : Apr 9, 2021, 4:23 PM IST

नाहनः भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा संचालित भोग योजना के तहत प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया बालासुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर को गुणवत्तापूर्ण लंगर मुहैया करवाने के लिए बेहतर स्थान पर आंका गया है. जिसके लिए त्रिलोकपुर मंदिर न्यास को प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

त्रिलोकपुर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता को ए प्लस ग्रेड

दरअसल त्रिलोकपुर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता ए प्लस ग्रेड की पाई गई है. बालासुंदरी मंदिर न्यास को प्राधिकरण के मापदंडों के अनुसार ए प्लस ग्रेड का लंगर मुहैया करवाने के लिए 115 में से 105 अंक मिले हैं. ट्रस्ट की ओर से बनाए जाने वाले लंगर की जांच के लिए कुछ अरसे पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की टीम ने दौरा किया था. लंगर के बनने वाले भोजन के लिए राशन कहां से खरीदा जाता है, कहां उसका भंडारण किया जाता है और कहां और कैसे वातावरण में बनाया जाता है, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

वीडियो.

डीसी सिरमौर ने दी जानकारी

मीडिया से बात करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने त्रिलोकपुर मंदिर न्यास को भोग स्कीम के तहत गुणवत्तापूर्ण लंगर प्रदान करने के लिए 115 में से 104 अंक मिले हैं. 7 अप्रैल को इसका प्रमाण पत्र मिला है.

एफएसएसआई के मापदंडों के अनुसार लंगर की गुणवत्ता काफी अच्छी

एफएसएसआई के मापदंडों के अनुसार त्रिलोकपुर मंदिर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता काफी अच्छी पाई गई है. यहां लंगर तैयार करने के लिए पूरी सुरक्षा बरती जाती है. लंगर तैयार करने वालों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी. लंगर की पूरी जांच करने के बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

अग्रणी मंदिरों में से एक है त्रिलोकपुर मंदिर न्यास

डीसी सिरमौर ने यह भी कहा कि त्रिलोकपुर मंदिर न्यास अग्रणी मंदिरों में से एक हैं, जिन्हें भोग योजना के तहत यह प्रमाण पत्र मिला है.

ये भी पढ़ेंः- कसौली सेक्स रैकेट: पुलिस रिमांड पर भेजे गए 8 आरोपी, बयान दर्ज कर परिजनों को सौंपी गईं 9 लड़कियां

नाहनः भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा संचालित भोग योजना के तहत प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया बालासुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर को गुणवत्तापूर्ण लंगर मुहैया करवाने के लिए बेहतर स्थान पर आंका गया है. जिसके लिए त्रिलोकपुर मंदिर न्यास को प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

त्रिलोकपुर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता को ए प्लस ग्रेड

दरअसल त्रिलोकपुर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता ए प्लस ग्रेड की पाई गई है. बालासुंदरी मंदिर न्यास को प्राधिकरण के मापदंडों के अनुसार ए प्लस ग्रेड का लंगर मुहैया करवाने के लिए 115 में से 105 अंक मिले हैं. ट्रस्ट की ओर से बनाए जाने वाले लंगर की जांच के लिए कुछ अरसे पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की टीम ने दौरा किया था. लंगर के बनने वाले भोजन के लिए राशन कहां से खरीदा जाता है, कहां उसका भंडारण किया जाता है और कहां और कैसे वातावरण में बनाया जाता है, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

वीडियो.

डीसी सिरमौर ने दी जानकारी

मीडिया से बात करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने त्रिलोकपुर मंदिर न्यास को भोग स्कीम के तहत गुणवत्तापूर्ण लंगर प्रदान करने के लिए 115 में से 104 अंक मिले हैं. 7 अप्रैल को इसका प्रमाण पत्र मिला है.

एफएसएसआई के मापदंडों के अनुसार लंगर की गुणवत्ता काफी अच्छी

एफएसएसआई के मापदंडों के अनुसार त्रिलोकपुर मंदिर में परोसे जाने वाले लंगर की गुणवत्ता काफी अच्छी पाई गई है. यहां लंगर तैयार करने के लिए पूरी सुरक्षा बरती जाती है. लंगर तैयार करने वालों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी. लंगर की पूरी जांच करने के बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

अग्रणी मंदिरों में से एक है त्रिलोकपुर मंदिर न्यास

डीसी सिरमौर ने यह भी कहा कि त्रिलोकपुर मंदिर न्यास अग्रणी मंदिरों में से एक हैं, जिन्हें भोग योजना के तहत यह प्रमाण पत्र मिला है.

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