पांवटा साहिब: केंद्र सरकार द्वारा सभी नागरिकों को अपना आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है, लेकिन आज भी इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है. योजना शुरू हुए 10 साल बीत गए हैं लेकिन जिले में अभी भी कई ऐसे नागरिक हैं जो कच्चे मकानों में टूटी-फूटी छतों के सहारे अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं.
कच्चे मकान में रहने को मजबूर दंपत्ति
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में इस महत्वकांक्षी कार्य को क्रियान्वित करने के लिए नगर निकायों को एजेंसी बनाया गया है. वहीं, ग्रामीण अंचलों में योजना का लाभ दिलाने के लिए पंचायतों को अधिकृत किया गया है, लेकिन आज भी माजरा पंचायत में एक गरीब दंपत्ति टूटे-फूटे घर में जीवन व्यतीत करने को मजबूर है.
कच्चे चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर
इसके अलावा प्रदेश सरकार ने गैस चूल्हा घर-घर देने की बात कही थी, लेकिन माजरा पंचायत का यह दंपत्ति कच्चे चूल्हे पर खाना बना रहा है. पंचायत में चल रही मनमानी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को योजना के अंतर्गत लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, राजनीतिक और सामाजिक रुप से प्रभावी लोग इस आवास योजना का जमकर लाभ ले रहे हैं.
सरकार से पक्के मकान की आस
कृष्णा देवी ने मुख्यमंत्री से आवास योजना के अंतर्गत आवास के लिए गुहार लगाई है. यह बेसहारा दंपत्ति टूटे-फूटे घर में रहने को मजबूर है. उन्हें यह मालूम नहीं है कि तूफान आने पर कब उनकी छत गिर जाए. प्रदेश सरकार के द्वारा हर घर में गैस चूल्हा देने की बात की जा रही है लेकिन माजरा गांव का यह दंपत्ति अभी भी बिना गैस चूल्हे के खाना बना रहा है. कच्चे चूल्हे से बुजुर्ग दंपत्ति खाना बना रहा है. उसी कमरे में रह भी रहा है.
फंड सेक्शन होने पर दिया जाएगा लाभ
इस बारे में विकास खंड अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि उनके पास ऐसा कोई भी केस नहीं आया है. यदि कोई ऐसा दंपत्ति है तो वह उनसे मिले, ताकि वह आवास योजना के तहत उनको घर दे सकें. उन्होंने कहा कि अभी तक माजरा क्षेत्र में 50 से अधिक लोगों को आवास योजना से जोड़ा गया है और इस दंपत्ति को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.
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