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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को मिली 7 साल की सजा, पढ़ें पूरा मामला - हिमाचल में महिलाओं की सुरक्षा

मामला  2015 का है, जब आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया, जिसकी शिकायत पीड़िता की मां ने शिलाई पुलिस थाना में दर्ज करवाई थी. दोषी का नाबालिग के घर आना-जाना था. वीरेंद्र ने शादी का झांसा देकर नाबलिग से दुष्कर्म किया, जबकि आरोपी शादीशुदा था और उसके पास 3 बच्चे भी है.

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Published : Jun 28, 2019, 5:47 AM IST

Updated : Jun 28, 2019, 1:24 PM IST

नाहनः जिला अदालत ने वीरवार को एक नाबलिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी को 50 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

जिला न्यायवादी मोहिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू निवासी खुड़ द्राबिल, तहसील ददाहू, जिला सिरमौर को अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई है. ये पैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला सिरमौर देवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने सुनाया.

मामला 2015 का है, जब आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया, जिसकी शिकायत पीड़िता की मां ने शिलाई पुलिस थाना में दर्ज करवाई थी. दोषी का नाबालिग के घर आना-जाना था. वीरेंद्र ने शादी का झांसा देकर नाबलिग से दुष्कर्म किया, जबकि आरोपी शादीशुदा था और उसके पास 3 बच्चे भी है.

दोषी ने नाबालिग को किराये के एक कमरे में रोनहाट में रखा और फिर उसे वहां से शिमला ले गया, जहां 20 दिन ठहरने के बाद आरोपी उसे हरियाणा ले गया और जब एक माह के बाद वह वापस आया तो शिलाई पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा. दोषी ने जब नाबालिग के साथ संबंध बनाए, तो वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया, जिसका पुलिस ने डीएनए करवाया तो दोषी ही उस नवजात का जैविक पिता पाया गया.

शिलाई पुलिस ने पूरे मामले में छानबीन कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया. इसी दौरान 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस के आधार पर वीरवार को अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास व 50 हजार की सजा सुनाई.

पढ़ेंः इमरजेंसी के 44 साल: 19 महीने तक नाहन सेंट्रल जेल में हुई गर्मा-गर्म राजनीतिक चर्चा, खूब पढ़ी गई किताबें

नाहनः जिला अदालत ने वीरवार को एक नाबलिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी को 50 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

जिला न्यायवादी मोहिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू निवासी खुड़ द्राबिल, तहसील ददाहू, जिला सिरमौर को अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई है. ये पैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला सिरमौर देवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने सुनाया.

मामला 2015 का है, जब आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया, जिसकी शिकायत पीड़िता की मां ने शिलाई पुलिस थाना में दर्ज करवाई थी. दोषी का नाबालिग के घर आना-जाना था. वीरेंद्र ने शादी का झांसा देकर नाबलिग से दुष्कर्म किया, जबकि आरोपी शादीशुदा था और उसके पास 3 बच्चे भी है.

दोषी ने नाबालिग को किराये के एक कमरे में रोनहाट में रखा और फिर उसे वहां से शिमला ले गया, जहां 20 दिन ठहरने के बाद आरोपी उसे हरियाणा ले गया और जब एक माह के बाद वह वापस आया तो शिलाई पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा. दोषी ने जब नाबालिग के साथ संबंध बनाए, तो वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया, जिसका पुलिस ने डीएनए करवाया तो दोषी ही उस नवजात का जैविक पिता पाया गया.

शिलाई पुलिस ने पूरे मामले में छानबीन कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया. इसी दौरान 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस के आधार पर वीरवार को अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास व 50 हजार की सजा सुनाई.

पढ़ेंः इमरजेंसी के 44 साल: 19 महीने तक नाहन सेंट्रल जेल में हुई गर्मा-गर्म राजनीतिक चर्चा, खूब पढ़ी गई किताबें

Intro:नाहन। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने वीरवार को एक नाबलिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी को 50 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 




Body:जिला न्यायवादी मोहिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू निवासी खुड़ द्राबिल तहसील ददाहू  जिला सिरमौर को अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई है। मामला  2015 का है। आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया, जिसकी शिकायत पीड़िता की मां ने शिलाई पुलिस थाना में दर्ज करवाई थी। दोषी का नाबालिग के घर आना जाना था। वीरेंद्र ने शादी का झांसा देकर नाबलिग से दुष्कर्म किया। जबकि आरोपी शादीशुदा था और उसके पास 3 बच्चे भी है। दोषी ने नाबालिग को किराये के एक कमरे में रोनहाट में रखा और फिर उसे वहां से शिमला ले गया, जहां 20 दिन ठहरने के बाद आरोपी उसे हरियाणा ले गया और जब एक माह के बाद वह वापस आया तो शिलाई पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा। दोषी ने जब नाबालिग के साथ संबंध बनाए, तो वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका पुलिस ने डीएनए करवाया तो दोषी ही उस नवजात का जैविक पिता पाया गया। शिलाई पुलिस ने पूरे मामले में छानबीन कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया। इसी दौरान 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इसी के आधार पर वीरवार को अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास व 50 हजार की सजा सुनाई।


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Last Updated : Jun 28, 2019, 1:24 PM IST
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