शिमला: दिल दहला देने वाले शिमला के चार साल के बच्चे मास्टर युग के अपहरण व निर्मम हत्या के मामले में दोषियों की फांसी की सजा के पुष्टिकरण की सुनवाई अब 20 मार्च को होगी. दो दिन से युग हत्याकांड के तीन दोषियों को सत्र न्यायालय से दी गई सजा-ए-मौत की पुष्टिकरण के लिए हाई कोर्ट में रेफरेंस के तौर पर आए मामले में सुनवाई चल रही है. मंगलवार को भी सुनवाई हुई, लेकिन ये पूरी न हो सकी. अब हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में 20 मार्च को सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है. दोषियों की फांसी की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. सोमवार को भी इसमें सुनवाई हुई और अदालत ने इसे आगामी दिन यानी मंगलवार को भी जारी रखने का निर्णय लिया. अब ये सुनवाई 20 मार्च को होगी.
इस केस की सुनवाई हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल व न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की खंडपीठ कर रही है. मंगलवार को खंडपीठ के समक्ष युग हत्याकांड के दो दोषियों की तरफ से दलीलें दी गई. उल्लेखनीय है कि निचली अदालत से दोषियों को फांसी की सजा दी गई है. इस पर सभी दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. शिमला के राम बाजार के एक कारोबारी के चार साल के बेटे मास्टर युग का पड़ौस में रहने वाले तीन युवकों तेजेंद्र पाल, विक्रांत बख्शी व चंद्र शर्मा ने अपहरण कर लिया था.
अपहरण के बाद दोषियों ने मासूम को यातनाएं देते हुए मार डाला और शव को भराड़ी के टैंक में फैंक दिया था. टैंक से मासूम युग का कंकाल बरामद हुआ था. कोर्ट में मामला चला और शिमला के सेशन जज न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत ने तीनों को फांसी की सजा सुनाई थी. न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था. तीनों दोषियों ने 14 जून 2014 को शिमला के राम बाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में शिमला के उपनगर भराड़ी में पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने मासूम को भयानक यातनाएं देने के बाद उसके शरीर में पत्थर बांध कर पानी से भरे टैंक में फैंक दिया था.
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