शिमलाः हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने जोर देकर कहा है कि योगासन को प्राथमिक कक्षाओं से लेकर उच्च शिक्षा तक में अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाए. उन्होंने कहा युवा पीढ़ी में आ रही निराशा हताशा और नशे की लत का एकमात्र समाधान योग है. उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा योगासन को खेल का दर्जा दिया जाना ऐतिहासिक कदम है.
राज्यस्तरीय ऑनलाइन योगासन खेल प्रतियोगिता के समापन पर बोले शान्ता कुमार
शांता कुमार रविवार को हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय ऑनलाइन योगासन खेल प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे. समारोह की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योग गुरु एवं हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ के चेयरमैन प्रोफेसर जीडी शर्मा ने की.
योग को अनिवार्य बनाकर उच्च शिक्षा तक ले जाएं
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से योग को अनिवार्य बनाकर उच्च शिक्षा तक ले जाएं. कक्षा के अनुसार योग और ध्यान का स्तर धीरे-धीरे बढ़ाएं. यदि बचपन से योग जीवन का हिस्सा बन जाएगा तो नई पीढ़ी भारत के समग्र विकास में सही अर्थो में पूर्ण योगदान कर सकेगी. उन्होंने कहा कि हमारा कानून किसी को दंड तो दे सकता है लेकिन संस्कार उत्पन्न नहीं कर सकता. नई पीढ़ी का निर्माण सिर्फ संस्कारों से हो सकता है.
विवेक के बिना विज्ञान विनाश का कारण
उन्होंने चेतावनी दी कि विवेक के बिना विज्ञान विनाश का कारण बन रहा है. उन्होंने कहा कि दो बार हार्ट सर्जरी और हाल ही में कोरोना के संक्रमण से ग्रस्त होकर भी वह स्वस्थ हो गए. इस का एकमात्र कारण यह है कि वे पिछले 40 वर्षों से योग के प्रति समर्पित हैं.
प्रोफेसर जीडी शर्मा ने बताया
प्रोफेसर जीडी शर्मा ने कहा कि योग ऋषियों द्वारा विश्व को दी गई अनुपम भेंट है. यहां हमारा दायित्व है कि हम नई पीढ़ी को योग से जोड़ने और संपूर्ण विश्व में योग के माध्यम से शांति और सद्भाव लाने का प्रयास करें.
राष्ट्रीय योगासन खेल संघ ने दी जानकारी
राष्ट्रीय योगासन खेल संघ के तकनीकी निदेशक ने हिमाचल प्रदेश में योगासन खेल के प्रचार-प्रसार के प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की. इससे पूर्व संघ के प्रदेश अध्यक्ष लीलाधर शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. संघ के उपाध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि शांता कुमार का आभार जताते हुए कहा कि वह भी योग को शिक्षा में अनिवार्य विषय बनाने के लिए सरकार से बात करें.
प्रदेश योगासन खेल प्रतियोगिता 7 मार्च से लेकर 21 मार्च तक चली और इसमें 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. महासचिव विनोद योगाचार्य और तकनीकी समिति के अध्यक्ष पंकज डडवाल ने फाइनल राउंड में विजेता बने प्रतिभागियों के नाम घोषित किए.
विजेताओं के नाम
सीनियर बॉयज वर्ग में निकेतन पुंडीर (सिरमौर) प्रथम, अमित ठाकुर (मंडी )द्वितीय, दीक्षित (सोलन) तृतीय, और ओंकार सिंह (बिलासपुर) चतुर्थ स्थान पर रहे. जूनियर बॉयज वर्ग में हितेश कुमार प्रथम, पीयूष मेहता (शिमला)द्वितीय, हर्षवर्धन सिंह कंवर (शिमला) तृतीय. जूनियर गर्ल्स वर्ग में पूरबा भट्टी (शिमला) प्रथम, नीतिका द्वितीय, श्रुति (सोलन) तृतीय, सानवी राजटा (शिमला) चतुर्थ, दीक्षिता ऊना पांचवें स्थान पर रही.
सीनियर गर्ल्स वर्ग में भारती (कुल्लू) प्रथम स्थान पर कौशल्या देवी (शिमला) द्वितीय, कमलेश (बिलासपुर) तृतीय वैशाली (बिलासपुर) चतुर्थ और साक्षी (बिलासपुर) पांचवें स्थान पर रहीं. सब जूनियर बॉयज वर्ग में विश्वजीत (कांगड़ा) प्रथम, अभिषेक (सिरमौर) द्वितीय, संदीप (सिरमौर) तृतीय, तरुण ठाकुर (सिरमौर) चतुर्थ, और यशवंत पांचवें स्थान पर रहे. सब जूनियर गर्ल्स वर्ग में दिशा डोगरा (हमीरपुर) प्रथम, निधि डोगरा (हमीरपुर) द्वितीय, श्रद्धा तृतीय, श्रद्धा ठाकुर (कांगड़ा) चतुर्थ जयना शर्मा (कांगड़ा) पंचम स्थान पर रहे.
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