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Himachal Education Loan: हिमाचल सरकार बेहतर शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को देगी 20 लाख तक का लोन, जाने डिटेल्स

प्रदेश के युवाओं का भविष्य संवारने के लिए सुक्खू सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्याॢथयों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए ऋण योजना लागू की है. पढ़ें पूरी खबर.. (Yashwant Singh Student Loan Scheme In Himachal) (Himachal Education Loan)

Yashwant Singh Student Loan Scheme In Himachal
हिमाचल सरकार बेहतर शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को देगी 20 लाख तक का लोन
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 10:19 PM IST

शिमला:प्रदेश सरकार ने छात्रों को उच्च शिक्षा देने के लिए बेहद कम ब्याज पर एजुकेशन लोन देने की व्यवस्था की है, इसके लिए सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है. इसमें एक फीसदी ब्याज पर छात्रों को लोन मिलेगा. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना लागू की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे.

4 लाख से कम होनी चाहिए परिवार की वार्षिक आय: दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, उस परिवार का छात्र इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बैंक को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने में समय लग रहा है, संबंधित संस्थान को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर एक कोष बनाया जाएगा ताकि छात्र को संस्थान में प्रवेश लेने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.

नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ करेगा MOU समझौता: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग से पात्र छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के बदले ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए नोडल बैंक नामित करेगी. उन्होंने कहा कि नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा. उन्होंने कहा कि ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी पसंद के संस्थान में प्रवेश पाने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा और योजना के तहत अपने आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके बाद विद्यार्थी को प्रवेश में चयनित होने का प्रमाणन करने से संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे. विद्यार्थी के पात्र पाए जाने पर उच्च शिक्षा निदेशक ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत पात्र विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि योजना के तहत विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं.

60 फीसदी अंक लेने वाले मेधावी छात्र होंगे पात्र: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली कक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पैरा मेडिकल फार्मेसी, नर्सिंग, विधि इत्यादि में डिप्लोमा डिग्री कोर्स और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, बहुतकनीकी संस्थानों से तकनीकी कोर्स व मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए एक प्रतिशत ब्याज़ की दर से ऋण लेने के लिए पात्र होंगे.

ऋण की सुविधा प्राप्त करने के लिए आयु सीमा 28 वर्ष: मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक ऋण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पंजीकरण एवं प्रवेश तिथि को आयु सीमा 28 वर्ष निर्धारित की गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित अवधि में योजना के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग शिकायत निवारण अधिकारी नामित करेगा, जिसके पास छात्र ईमेल, डाक या किसी डिजिटल माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब छात्रों को उनकी क्षमता के अनुरूप जीवन में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगी.

ये भी पढ़ें: CM Sukhu Helicopter Landing: सीएम सुक्खू की सुरक्षा में बड़ी चूक, हमीरपुर में हेलीपैड पर बेसहारा पशुओं ने किया स्वागत, मच गई भगदड़

शिमला:प्रदेश सरकार ने छात्रों को उच्च शिक्षा देने के लिए बेहद कम ब्याज पर एजुकेशन लोन देने की व्यवस्था की है, इसके लिए सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है. इसमें एक फीसदी ब्याज पर छात्रों को लोन मिलेगा. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना लागू की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे.

4 लाख से कम होनी चाहिए परिवार की वार्षिक आय: दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, उस परिवार का छात्र इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बैंक को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने में समय लग रहा है, संबंधित संस्थान को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर एक कोष बनाया जाएगा ताकि छात्र को संस्थान में प्रवेश लेने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.

नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ करेगा MOU समझौता: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग से पात्र छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के बदले ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए नोडल बैंक नामित करेगी. उन्होंने कहा कि नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा. उन्होंने कहा कि ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी पसंद के संस्थान में प्रवेश पाने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा और योजना के तहत अपने आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके बाद विद्यार्थी को प्रवेश में चयनित होने का प्रमाणन करने से संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे. विद्यार्थी के पात्र पाए जाने पर उच्च शिक्षा निदेशक ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत पात्र विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि योजना के तहत विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं.

60 फीसदी अंक लेने वाले मेधावी छात्र होंगे पात्र: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली कक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पैरा मेडिकल फार्मेसी, नर्सिंग, विधि इत्यादि में डिप्लोमा डिग्री कोर्स और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, बहुतकनीकी संस्थानों से तकनीकी कोर्स व मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए एक प्रतिशत ब्याज़ की दर से ऋण लेने के लिए पात्र होंगे.

ऋण की सुविधा प्राप्त करने के लिए आयु सीमा 28 वर्ष: मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक ऋण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पंजीकरण एवं प्रवेश तिथि को आयु सीमा 28 वर्ष निर्धारित की गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित अवधि में योजना के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग शिकायत निवारण अधिकारी नामित करेगा, जिसके पास छात्र ईमेल, डाक या किसी डिजिटल माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब छात्रों को उनकी क्षमता के अनुरूप जीवन में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगी.

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