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World Obesity Day 2023: बदल रहा पहाड़ियों का लाइफस्टाइल, मोटापे के हो रहे शिकार

देशभर में शनिवार को विश्व मोटापा दिवस यानी वर्ल्ड ओबेसिटी डे मनाया जाएगा. इसे हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद लोगों को ओबेसिटी यानी मोटापे से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना है.

World Obesity Day 2023
World Obesity Day 2023
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Published : Mar 3, 2023, 9:36 PM IST

Updated : Mar 4, 2023, 6:03 AM IST

विश्व मोटापा दिवस पर आईजीएमसी के डॉक्टर.

World Obesity Day 2023: हिमाचल प्रदेश के लोगों को काफी मेहनती माना जाता है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के लोगों को काफी चलना पड़ता है. जिससे वे स्वास्थ्य के लिहाज से काफी सेहतमंद माने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से हिमाचल के लोगों में भी ओबेसिटी (मोटापा) मो के मामले सामने आ रहे हैं. जो प्रदेश के लोगों के लिए काफी चिंता का विषय है.

2020 से मार्च 4 को हर साल देशभर में वर्ल्ड ओबेसिटी डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मोटापे से होने वाली बिमारी के प्रति जागरूक करना है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने शिमला स्थित आईजीएमसी के चिकित्सकों से वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने एब्डोमिनल ओबेसिटी के कारण और इससे बचने के उपाय बताइए.

डायबिटीज-हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण- आईजीएमसी के चिकित्सकों ने बताया कि माेटापा डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण देता है. माेटापे से मधुमेय राेग हाेने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. वजन बढ़ने से आर्थराइटिस, दिल, लिवर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां हो सकती हैं. माेटापा के कारण पेट संबंधी बीमारियां, जिनमें गैस, बदहजमी और अपच की समस्या हर समय बनी रहती है. रात काे नींद न आना और डिप्रेशन में रहना भी इसके कारण हैं.

खराब लाइफस्टाइल से हो रहा मोटापा- चिकित्सकों ने बताया कि दाे दशकाें के खराब लाइफस्टाइल ने माेटापा बढ़ा दिया है. पहले लाेग कई किलाेमीटर का सफर पैदल तय करते थे. लेकिन अब घर-घर सड़क पहुंच गई है. लाेग गाड़ियाें में सफर करते हैं. पैदल चलना लाेग भूल ही गए हैं. इससे माेटापा बढ़ता जा रहा है. लाेग अब व्यायाम नहीं करते इसलिए भी माेटापा बढ़ रहा है. देर रात तक जागे रहना और नींद कम लेना भी इसके कारण हैं.

फूड हैबिट और लाइफस्टाइल से दूर हाेगा माेटापा- आइजीएमसी में विशेषज्ञ डॉ. हितेश का कहना है कि पैदल चलना काफी नहीं है. बदलता लाइफ स्टाइल जंक फूड का सेवन व्यायाम न करना मोटापा के लिए जिम्मेवार है. उनका कहना है कि पहले ऐज के साथ मोटापा आता था, लेकिन अब युवाओं व बच्चों में भी मोटापा आ रहा है जो एक चिंता का विषय है. उनका कहना है कि आईजीएमसी में हार्ट अटैक के जितने मामले आते है उसमें मोटापा भी अटैक का एक कारण होता है.

सीजनल फ्रूट और सब्जियों का करें प्रयोग- अच्छी फूड हैबिट और लाइफ स्टाइल अपनाने से माेटापे काे कंट्राेल किया जा सकता है. जंक फूड न खाएं और जितना हाे सकता है घर में बना खाना ही खाएं. सीजनल जूस पिएं. आर्टिफिशियल जूस न पिएं. सब्जियाें काे अपने भाेजन में शामिल करें. जंक फूड, पेय पदार्थों का अधिक सेवन करने और फलों और सब्जियों का सेवन कम करने से व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है. कई लोगों को दिन में खाना खाने के बाद सोने की आदत होती है जो मोटापे का कारण बनती है. हम अगर अपनी आदतें बदलेंगे ताे निश्चित ताैर पर माेटापा दूर रहेगा.

ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटी करें- डायटीशियन याचना शर्मा का कहना है कि आज कल का लाइफस्टाइल बिल्कुल बदल गया है. बच्चे हो बूढ़े हो या जवान लोग जंक फूड ज्यादा खाते हैं और खाना खाने के बाद एक जगह बैठे रहते हैं. उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे भी पूरा दिन फोन में फंसे होते हैं. जिससे उनको भूख का एहसास नहीं होता बच्चे चिप्स, कुरकुरे से ही अपना पेट भरते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनको ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटी करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: IGMC में 6 मार्च से शुरू होगा न्यू ओपीडी ब्लॉक, मरीजों को मिलेगी राहत

विश्व मोटापा दिवस पर आईजीएमसी के डॉक्टर.

World Obesity Day 2023: हिमाचल प्रदेश के लोगों को काफी मेहनती माना जाता है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के लोगों को काफी चलना पड़ता है. जिससे वे स्वास्थ्य के लिहाज से काफी सेहतमंद माने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से हिमाचल के लोगों में भी ओबेसिटी (मोटापा) मो के मामले सामने आ रहे हैं. जो प्रदेश के लोगों के लिए काफी चिंता का विषय है.

2020 से मार्च 4 को हर साल देशभर में वर्ल्ड ओबेसिटी डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मोटापे से होने वाली बिमारी के प्रति जागरूक करना है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने शिमला स्थित आईजीएमसी के चिकित्सकों से वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने एब्डोमिनल ओबेसिटी के कारण और इससे बचने के उपाय बताइए.

डायबिटीज-हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण- आईजीएमसी के चिकित्सकों ने बताया कि माेटापा डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण देता है. माेटापे से मधुमेय राेग हाेने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. वजन बढ़ने से आर्थराइटिस, दिल, लिवर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां हो सकती हैं. माेटापा के कारण पेट संबंधी बीमारियां, जिनमें गैस, बदहजमी और अपच की समस्या हर समय बनी रहती है. रात काे नींद न आना और डिप्रेशन में रहना भी इसके कारण हैं.

खराब लाइफस्टाइल से हो रहा मोटापा- चिकित्सकों ने बताया कि दाे दशकाें के खराब लाइफस्टाइल ने माेटापा बढ़ा दिया है. पहले लाेग कई किलाेमीटर का सफर पैदल तय करते थे. लेकिन अब घर-घर सड़क पहुंच गई है. लाेग गाड़ियाें में सफर करते हैं. पैदल चलना लाेग भूल ही गए हैं. इससे माेटापा बढ़ता जा रहा है. लाेग अब व्यायाम नहीं करते इसलिए भी माेटापा बढ़ रहा है. देर रात तक जागे रहना और नींद कम लेना भी इसके कारण हैं.

फूड हैबिट और लाइफस्टाइल से दूर हाेगा माेटापा- आइजीएमसी में विशेषज्ञ डॉ. हितेश का कहना है कि पैदल चलना काफी नहीं है. बदलता लाइफ स्टाइल जंक फूड का सेवन व्यायाम न करना मोटापा के लिए जिम्मेवार है. उनका कहना है कि पहले ऐज के साथ मोटापा आता था, लेकिन अब युवाओं व बच्चों में भी मोटापा आ रहा है जो एक चिंता का विषय है. उनका कहना है कि आईजीएमसी में हार्ट अटैक के जितने मामले आते है उसमें मोटापा भी अटैक का एक कारण होता है.

सीजनल फ्रूट और सब्जियों का करें प्रयोग- अच्छी फूड हैबिट और लाइफ स्टाइल अपनाने से माेटापे काे कंट्राेल किया जा सकता है. जंक फूड न खाएं और जितना हाे सकता है घर में बना खाना ही खाएं. सीजनल जूस पिएं. आर्टिफिशियल जूस न पिएं. सब्जियाें काे अपने भाेजन में शामिल करें. जंक फूड, पेय पदार्थों का अधिक सेवन करने और फलों और सब्जियों का सेवन कम करने से व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है. कई लोगों को दिन में खाना खाने के बाद सोने की आदत होती है जो मोटापे का कारण बनती है. हम अगर अपनी आदतें बदलेंगे ताे निश्चित ताैर पर माेटापा दूर रहेगा.

ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटी करें- डायटीशियन याचना शर्मा का कहना है कि आज कल का लाइफस्टाइल बिल्कुल बदल गया है. बच्चे हो बूढ़े हो या जवान लोग जंक फूड ज्यादा खाते हैं और खाना खाने के बाद एक जगह बैठे रहते हैं. उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे भी पूरा दिन फोन में फंसे होते हैं. जिससे उनको भूख का एहसास नहीं होता बच्चे चिप्स, कुरकुरे से ही अपना पेट भरते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनको ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटी करनी चाहिए.

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Last Updated : Mar 4, 2023, 6:03 AM IST
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