शिमला: बाल संरक्षण (Child Protection) के तहत विभिन्न विभागों में चल रही विविध योजनाओं का लाभ पात्र बच्चों को मिल रहा है या नहीं, इसको लेकर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights) द्वारा बचत भवन में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी सहित सभी विभागों के अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने सभी विभागों से मिल कर बाल अधिकारों के संरक्षण को लेकर निर्देश दिए.
वंदना योगी ने कहा कि आयोग द्वारा आयोजित कार्यशालाओं की कड़ी में यह दसवां जिला है, जिसमें कार्यक्रम आयोजित किया गया है. आगामी दिनों में किन्नौर और लाहौल-स्पीति में भी इस संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं का सामंजस्य और समन्वय बिठाकर दूर करने के लिए हमें गंभीरता से प्रयास करने होंगे.
वंदना योगी ने बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण के प्रति प्रत्येक विभाग को अपनी भूमिका सुनिश्चित कर कार्य का निर्वहन करने के निर्देश दिए.
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा बाल संरक्षण एवं किशोर अधिनियम के संबंध में जानकारी साझा की जा रही है ताकि सम्बद्ध विभाग बिना किसी शंका के प्रभावी रूप से बच्चों के अधिकारों के प्रति कार्य करने में तत्पर हो सके. उन्होंने कहा कि बच्चों की कठिनाइयां कम करने वाले और बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने वाली नीति निर्णयों और दिशा-निर्देशों व निर्देशों की अनुपालना करना प्रत्येक विभाग सुनिश्चित करें ताकि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
वंदना योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) के विभिन्न प्रावधानों और बाल कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीरता बरतें ताकि विषम परिस्थितियां भोग रहे बच्चों के अधिकारों के संरक्षण और उनका उत्थान सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के प्रति तत्परता बरतते हुए कार्य करें. उन्होंने सम्बद्ध विभागों और संस्थाओं को जेजे एक्ट की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए मदद मुहैया करवाने की अपील की. उन्होंने बताया कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यशालाएं आयोजित कर इस संबंध में जानकारी, जागरूकता और क्रियान्वयन के प्रति सघन रूप से प्रयासरत है.
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