रोहड़ू/शिमला: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान भारत सरकार की ओर से आयोजित पोषण माह के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र रोहड़ू ने सोमवार को एक वर्कशॉप के जरिए न्यूट्री गार्डन एवं न्यूट्री थाली विषय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न महिला समूहों को आवश्यक जानकारी दी.
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न महिला समूहों को पोषण माह के तहत कृषि विज्ञान केंद्र रोहड़ू में न्यूट्री गार्डन एवं न्यूट्री थाली के बारे जानकारी दी गई. जिससे आगे चलकर महिलाएं अपने घरों पर अपने बच्चों का न्यूट्रिशन स्तर बड़ा सकें, ताकि बच्चों व बुजुर्गों की प्रतिरक्षा बनी रहे.
रोहड़ू में पोषण माह का संचालान कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. वंदना ने किया. डॉ. वंदना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न महिला समूहों को सेब व सब्जियों से बनने वाले कई तरह उत्पाद बनाना सिखा रही हैं. पोषण माह मे भारी संख्या में क्षेत्र की महिलाएं भाग लेकर इस प्रशिक्षण व कार्यक्रम का लाभ उठा रही हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन ने कहा कि बेकार पड़े सेब से हम जैम, अचार, चटनी बनाना सिखा रहे है, जिस हमे काफी फायदा हो रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. नरेंद्र कायथ ने बताया कि पोषण माह के दौरान महिलाओं को न्यूट्री गार्डन विषय पर जानकारी दी गई और न्यूट्री गार्डन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि अच्छा पौष्टिक आहार प्राप्त करने के लिए न्यूट्री गार्डन में विभिन्न प्रकार की सब्जियां होनी चाहिए. न्यूट्री थाली पौष्टिक चीजों से भरी हुई होनी चाहिए. जिसमें शरीर के लिए आवश्यक हर प्रकार के पोषक तत्व मौजूद रहें. कृषि विज्ञान केंद्र का प्रयास रहेगा कि हर परिवार को पोषणयुक्त आहार सामग्री घर के आसपास ही आसानी से मिल सके.
कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. वंदना ले कहा कि हम इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न महिला समूहों को जागरूक करने के लिए हर सप्ताह तीन चार कार्यक्रम कर रहे हैं. हम वेबीनार के जरिए भी हम महिलाओं को जानकारी दे रहे हैं.
पढ़ें: व्यापारियों पर गरमाई राजनीति, व्यापार मंडल की भूख हड़ताल को एडहॉक कमेटी ने बताया ड्रामा