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शिमला में वूलन एक्सपो प्रदर्शनी का आगाज, कृषि मंत्री ने बताया सरकार का लक्ष्य

शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में हस्तशिल्प और हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें 23 स्टॉल लगाए गए हैं. प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग ये उत्पाद खरीद सकते हैं.

woolen expo exhibition
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Published : Jan 12, 2020, 3:38 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में हस्तशिल्प और हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. 10 दिन तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने किया.

woolen expo exhibition
प्रदर्शनी का शुभारंभ करते कृषि मंत्री

ये प्रदर्शनी राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फेडरेशन की ओर से आयोजित की गई है. प्रदर्शनी में 23 स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें कई लघु उद्योगों की हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद सजे हैं. मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने इस अवसर पर प्रदर्शनी में विशेष रूचि दिखाई.

woolen expo exhibition
कारीगर से मिलते कृषि मंत्री

कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में कारीगर किस तरह से ऊन के उत्पाद तैयार करते हैं, इसके बारे में भी बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट करना है ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इसका पूरा लाभ मिल सके.

वूलन एक्सपो प्रदर्शनी

इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चरखा, हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई काम की खड्डी हैं जिन पर मंडी से आए कारीगर काम कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम और दूर दराज के क्षेत्रों में छोटे हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घूमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति और हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी. इससे छोटे उद्योगों को चला रहे लोगों को भी सहायता मिलेगी.

woolen expo exhibition
प्रदर्शनी में पहुंचे लोग

मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग ये उत्पाद खरीद सकते हैं. इस प्रदर्शनी में कई सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं. प्रदर्शनी के माध्यम से ये कोशिश की जा रही है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और मार्केटिंग के लिए बेहतरीन मंच दिया जाए. इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है.

woolen expo exhibition
हाथकरघा कारिगर

ये भी पढ़ें - हिमाचल को केंद्र की सौगात, कीरतपुर-नेरचौक NH के लिए 1455.73 करोड़ का टेंडर स्वीकृत

शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में हस्तशिल्प और हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. 10 दिन तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने किया.

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प्रदर्शनी का शुभारंभ करते कृषि मंत्री

ये प्रदर्शनी राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फेडरेशन की ओर से आयोजित की गई है. प्रदर्शनी में 23 स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें कई लघु उद्योगों की हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद सजे हैं. मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने इस अवसर पर प्रदर्शनी में विशेष रूचि दिखाई.

woolen expo exhibition
कारीगर से मिलते कृषि मंत्री

कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में कारीगर किस तरह से ऊन के उत्पाद तैयार करते हैं, इसके बारे में भी बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट करना है ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इसका पूरा लाभ मिल सके.

वूलन एक्सपो प्रदर्शनी

इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चरखा, हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई काम की खड्डी हैं जिन पर मंडी से आए कारीगर काम कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम और दूर दराज के क्षेत्रों में छोटे हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घूमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति और हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी. इससे छोटे उद्योगों को चला रहे लोगों को भी सहायता मिलेगी.

woolen expo exhibition
प्रदर्शनी में पहुंचे लोग

मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग ये उत्पाद खरीद सकते हैं. इस प्रदर्शनी में कई सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं. प्रदर्शनी के माध्यम से ये कोशिश की जा रही है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और मार्केटिंग के लिए बेहतरीन मंच दिया जाए. इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है.

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हाथकरघा कारिगर

ये भी पढ़ें - हिमाचल को केंद्र की सौगात, कीरतपुर-नेरचौक NH के लिए 1455.73 करोड़ का टेंडर स्वीकृत

Intro:शिमला में इंदिरा गांधी खेल परिसर में हस्तशिल्प ओर हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फैडरेशन की ओर से आयोजित की गई। प्रदर्शनी में 23 स्टॉल लगाए गए है,जिनमें विभिन्न लघु उद्योगों की हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद सजे हैं। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कृषि, आईटी व जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मार्कंड़य ने किया। यह प्रदर्शनी10 दिन के लिए इंदिरा गांधी खेल परिसर में लगाई है। इस अवसर पर उन्होंने स्वंय भी जनजाति क्षेत्र से होने के आधार पर इस प्रदर्शनी में विशेष रुचि दिखाई।उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में कारीगर किस तरह से ऊन के उत्पाद तैयार किया जाता है, इसके बारे में भी बताया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट किया जाएगा। ताकि स्थानीय व पर्यटकों को इसका भरपूर लाभ मिल सके।
Body:इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिएउपयोग किए जाने वाले चरखा, हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई कार्य की खड्डी हैं जिन पर कार्य मंडी से आए कारीगर काम कर रहे है। उन्होंने अपनी पारंपरिक विरासत को संजोकर रखा है। इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम ओर दूर दराज के क्षेत्रों मेंं छोटे हथकरघा उत्पादोंं को बढ़ावा देना है। इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घुमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति और हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे छोटे उद्योगों को चला रहे लोगों को भी सहायता मिले।
Conclusion:मंत्री राम लाल मार्कडेय ने कहा कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग यह उत्पाद खरीद सकते हैं। इस प्रदर्शनी में विभिन्न सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया जाए। इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।
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