शिमला: राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में हस्तशिल्प और हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. 10 दिन तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने किया.
ये प्रदर्शनी राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फेडरेशन की ओर से आयोजित की गई है. प्रदर्शनी में 23 स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें कई लघु उद्योगों की हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद सजे हैं. मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने इस अवसर पर प्रदर्शनी में विशेष रूचि दिखाई.
कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में कारीगर किस तरह से ऊन के उत्पाद तैयार करते हैं, इसके बारे में भी बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट करना है ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इसका पूरा लाभ मिल सके.
इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चरखा, हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई काम की खड्डी हैं जिन पर मंडी से आए कारीगर काम कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम और दूर दराज के क्षेत्रों में छोटे हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घूमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति और हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी. इससे छोटे उद्योगों को चला रहे लोगों को भी सहायता मिलेगी.
मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग ये उत्पाद खरीद सकते हैं. इस प्रदर्शनी में कई सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं. प्रदर्शनी के माध्यम से ये कोशिश की जा रही है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और मार्केटिंग के लिए बेहतरीन मंच दिया जाए. इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है.
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