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शीतकालीन सत्र में इमरजेंसी की गूंज, संजय रत्न बोले- आपातकाल में जेल गए नेताओं की पेंशन बंद करे सरकार

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में विधायक संजय रत्न ने इमरजेंसी के समय का जिक्र किया और कहा कि पूर्व सरकार के समय इमरजेंसी में जेल जाने वाले नेताओं को जो लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि दी जा रही है, उसे बंद किया जाए. वहीं, इस पर विपक्ष से विपिन सिंह परमार ने पलटवार किया. (winter session of himachal assembly)

MLA Sanjay Rattan jawalamukhi
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Published : Jan 6, 2023, 3:38 PM IST

Updated : Jan 6, 2023, 3:57 PM IST

हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र

शिमला: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी के शासनकाल में लगाई गई इमरजेंसी को लेकर पक्ष-विपक्ष में खूब तकरार हुई. ज्वालामुखी से कांग्रेस के विधायक संजय रत्न ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा में मांग उठाई कि सरकार इमरजेंसी में जेल गए नेताओं की पेंशन बंद करे. (MLA Sanjay Rattan On Emergency)

विधायक संजय रत्न ज्वालामुखी से रविंद्र सिंह रवि को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं. शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा हो रही थी. विधायक संजय रत्न ने चर्चा में भाग लेते हुए अकस्मात इमरजेंसी के समय का जिक्र किया और कहा कि पूर्व सरकार के समय इमरजेंसी में जेल जाने वाले नेताओं को जो लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि दी जा रही है, उसे बंद किया जाए. उन्होंने पूर्व सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य में जयराम सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया. (winter session of himachal assembly)

उन्होंने भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा कि जयराम सरकार पलटू राम सरकार के तौर पर जानी गई. उन्होंने पूर्व सरकार के समय हुए घोटालों का जिक्र भी किया. विधायक संजय रत्न ने कहा कि जनता ने बीजेपी को पांच साल के गलत कामों का नतीजा दिया है. उन्होंने कहा कि ये दुखद है कि मल्टी टास्क भर्ती महिलाओं और पुरुषों को सिर पर सीमेंट की बोरी रखकर दौड़ाया गया. ये एक अमानवीय कृत्य था. संजय रत्न ने कहा कि आखिरी के छह महीने में सरकार ने 900 से ज्यादा संस्थान खोल दिए. यदि इतना ही था तो साल 2017 से लेकर साल 2021 तक चार साल में जयराम सरकार क्या करती रही.

वहीं, चर्चा में भाग ले रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विधायक संजय रत्न की टिप्पणियों पर पलटवार किया. परमार ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान देश की जनता पर काला कानून थोपा गया था. इसके विरोध में ही नेता सड़कों पर उतरे थे. उन्होंने पूछा कि आज ऐसी परिस्थितियां आ जाएं या फिर कोई ऐसा कानून लागू कर दिया जाए, तो क्या मौजूदा नेता उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे? परमार ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तो भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भुलाने का काम किया है.

उन्होंने पूछा कि आखिर किन वजहों से नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुलाया गया. परमार ने पूछा कि क्यों 75 साल तक देश में उनकी प्रतिमा तक नहीं लगी. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा स्थापित की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल की जयराम सरकार ने इमरजेंसी के दौरान विरोध स्वरूप जेल गए नेताओं को लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि देने का फैसला लिया था. वही अब प्रदेश में सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार है.

ये भी पढे़ं: विधानभा में अंतिम दिन सदन की कार्यवाही फिर हुई शुरू

हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र

शिमला: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी के शासनकाल में लगाई गई इमरजेंसी को लेकर पक्ष-विपक्ष में खूब तकरार हुई. ज्वालामुखी से कांग्रेस के विधायक संजय रत्न ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा में मांग उठाई कि सरकार इमरजेंसी में जेल गए नेताओं की पेंशन बंद करे. (MLA Sanjay Rattan On Emergency)

विधायक संजय रत्न ज्वालामुखी से रविंद्र सिंह रवि को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं. शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा हो रही थी. विधायक संजय रत्न ने चर्चा में भाग लेते हुए अकस्मात इमरजेंसी के समय का जिक्र किया और कहा कि पूर्व सरकार के समय इमरजेंसी में जेल जाने वाले नेताओं को जो लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि दी जा रही है, उसे बंद किया जाए. उन्होंने पूर्व सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य में जयराम सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया. (winter session of himachal assembly)

उन्होंने भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा कि जयराम सरकार पलटू राम सरकार के तौर पर जानी गई. उन्होंने पूर्व सरकार के समय हुए घोटालों का जिक्र भी किया. विधायक संजय रत्न ने कहा कि जनता ने बीजेपी को पांच साल के गलत कामों का नतीजा दिया है. उन्होंने कहा कि ये दुखद है कि मल्टी टास्क भर्ती महिलाओं और पुरुषों को सिर पर सीमेंट की बोरी रखकर दौड़ाया गया. ये एक अमानवीय कृत्य था. संजय रत्न ने कहा कि आखिरी के छह महीने में सरकार ने 900 से ज्यादा संस्थान खोल दिए. यदि इतना ही था तो साल 2017 से लेकर साल 2021 तक चार साल में जयराम सरकार क्या करती रही.

वहीं, चर्चा में भाग ले रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विधायक संजय रत्न की टिप्पणियों पर पलटवार किया. परमार ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान देश की जनता पर काला कानून थोपा गया था. इसके विरोध में ही नेता सड़कों पर उतरे थे. उन्होंने पूछा कि आज ऐसी परिस्थितियां आ जाएं या फिर कोई ऐसा कानून लागू कर दिया जाए, तो क्या मौजूदा नेता उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे? परमार ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तो भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भुलाने का काम किया है.

उन्होंने पूछा कि आखिर किन वजहों से नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुलाया गया. परमार ने पूछा कि क्यों 75 साल तक देश में उनकी प्रतिमा तक नहीं लगी. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा स्थापित की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल की जयराम सरकार ने इमरजेंसी के दौरान विरोध स्वरूप जेल गए नेताओं को लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि देने का फैसला लिया था. वही अब प्रदेश में सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार है.

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Last Updated : Jan 6, 2023, 3:57 PM IST
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