शिमला: राजधानी शिमला स्थित ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में इस साल स्केटिंग के लिए इंतजार करना पड़ेगा. हर साल यहां 10 दिसंबर के आसपास स्केटिंग शुरू हो जाती थी, लेकिन खराब मौसम के चलते इस साल स्केटिंग अभी भी शुरू नहीं हो पाई है. बीते दो दिनों से प्रबंधन द्वारा बर्फ जमाने का काम शुरू किया गया है, लेकिन तापमान नीचे न आने से बर्फ नहीं जम पा रही है. हालांकि प्रबंधन आज ट्रायल करने जा रहा था, लेकिन सुबह से आसमान में बादल उमड़ आए हैं. जिसके चलते बर्फ नहीं जम पाई है. वहीं, अब दो दिन का और इंतजार करना पड़ेगा.
खराब मौसम बन रहा बाधा: शिमला आइस स्केटिंग क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी रजत मल्होत्रा ने बताया कि हर साल 10 दिसंबर के आसपास शिमला के ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में ट्रायल्स शुरू हो जाते थे, लेकिन यह रिंक पूरी तरह से मौसम पर निर्भर है. ऐसे में मौसम खराब होने की वजह से ट्रायल नहीं हो पाया. ऐसे में आने वाले एक से दो दिनों में ट्रायल शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि यहां प्रमुख रुप से लेजर स्केटिंग कराई जाती है. इसके अलावा फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग और आइस हॉकी भी यहां करवाई जाती है.
'आर्टिफिशियल रिंक का इंतजार': रजत मल्होत्रा ने बताया कि यहां 4 साल की आयु के ऊपर के बच्चे आना शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यहां से अब तक आई हॉकी में राष्ट्र स्तर पर बच्चे राज्य का प्रतिनिधि कर चुके हैं तो वहीं, आइस हॉकी में दो बच्चे नेशनल स्तर पर जा चुके हैं. मल्होत्रा ने बताया कि लंबे समय से इस क्लब की मांग आर्टिफिशियल रिंक बनाने की है. हालांकि इस बार उनका प्रपोज टेंडर प्रक्रिया तक पहुंच गया है. ऐसे में उन्हें जल्द उम्मीद है कि जल्दी ही इस पर काम होगा और शिमला आइस स्केटिंग क्लब को भी आर्टिफिशियल रिंक मिल सकेगा.
'अंग्रेज यहां खेलते थे टेनिस': बता दें कि ब्रिटिश शासन काल के दौरान अंग्रेजों के लिए शिमला उनकी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक थी, वह यहां तरह-तरह के खेलों के जरिये मनोरंजन करते थे. मौजूदा वक्त में जहां स्केटिंग रिंक है, वहां साल 1920 तक टेनिस खेला जाता था. अंग्रेज ब्लेस्सिंगटन भी यहां टेनिस खेलने आया करता था, लेकिन मुश्किल यह थी कि सर्दियों के समय यह टेनिस कोर्ट जम जाया करता और अंग्रेज यहां खेल नहीं पाते. जिसके बाद यहां स्केटिंग रिंक बनाया गया और हर साल सर्दियों में यहां पर स्केटिंग की जाती है.
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