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नाथपा बांध से छोड़ा गया पानी, प्रबंधन ने की नदी तट पर न जाने की अपील

रामपुर में 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी के बांध के गेट शुक्रवार शाम छह बजे से खोल दिए गए हैं. नाथपा बांध प्रबंधन ने पानी छोड़ने के बाद सतलुज नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावनाएं देखते हुए लोगों से नदी तट पर न जाने की अपील की है.

Water released from Nathpa Jhakri Dam
नाथपा बांध से छोड़ा गया पानी
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Published : Jun 12, 2020, 10:03 PM IST

रामपुर: प्रदेश में बीते दिनों भारी बारिश के चलते सतलुज नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिला शिमला के रामपुर में प्रशासन लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को नदी किनारे ना जाने की अपील कर रहा है. सतलुज में लगातार बढ़ते जलस्तर को लेकर नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन ने नाथपा बांध के गेट से भारी मात्रा में पानी को छोड़ा है.

ऐसे में नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन की तरफ से बार-बार जनता से सायरन सुनने और चेतावनी संकेतों की अनुपालना करने का आग्रह किया जा रहा है. नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पॉवर स्टेशन के परियोजना प्रमुख रविचंद्रन नेगी ने बताया कि आए दिन लगातार भारी बारिश और पहाडों पर बर्फ पिघलने से सतलुज नदी का जल स्तर अधिक बढ़ रहा है. ऐसे में परियोजना विभाग की तरफ से लोगों को नदी के पास ना जाने की अपील की जा रही है.रविचंद्रन नेगी ने सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को बार-बार जानकारी दी जा रही है कि वह सतलुज नदी के किनारे न जाएं.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि मटमैला पानी आने से सतलुज नदी में नाथपा के पास गाद की मात्रा 20 हजार पार्ट पर मिलियन से ज्यादा हो गई है. ऐसे हालात में 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी के बांध के गेट शुक्रवार शाम छह बजे से खोल दिए गए हैं. नाथपा बांध प्रबंधन ने नाथपा बांध से पानी छोड़ने के बाद सतलुज नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावनाएं देखते हुए लोगों से नदी तट पर न जाने की सलाह दी है.

गौरतलब है कि अधिक बारिश से सतलुज की सहायक नदियों का पानी मटमैला होने से सतलुज नदी में सिल्ट काफी ज्यादा हो गई है. परियोजना प्रबंधकों का कहना है कि सतलुज नदी का जलस्तर करीब एक हजार क्यूमेक्स प्रति सेकेंड है, जबकि गाद 20 से 25 हजार पार्ट पर मिलियन है.

ये भी पढ़ें: 108 में गूंजी किलकारी, महिला ने एंबुलेंस दिया बच्चे को जन्म

रामपुर: प्रदेश में बीते दिनों भारी बारिश के चलते सतलुज नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिला शिमला के रामपुर में प्रशासन लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को नदी किनारे ना जाने की अपील कर रहा है. सतलुज में लगातार बढ़ते जलस्तर को लेकर नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन ने नाथपा बांध के गेट से भारी मात्रा में पानी को छोड़ा है.

ऐसे में नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन की तरफ से बार-बार जनता से सायरन सुनने और चेतावनी संकेतों की अनुपालना करने का आग्रह किया जा रहा है. नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पॉवर स्टेशन के परियोजना प्रमुख रविचंद्रन नेगी ने बताया कि आए दिन लगातार भारी बारिश और पहाडों पर बर्फ पिघलने से सतलुज नदी का जल स्तर अधिक बढ़ रहा है. ऐसे में परियोजना विभाग की तरफ से लोगों को नदी के पास ना जाने की अपील की जा रही है.रविचंद्रन नेगी ने सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को बार-बार जानकारी दी जा रही है कि वह सतलुज नदी के किनारे न जाएं.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि मटमैला पानी आने से सतलुज नदी में नाथपा के पास गाद की मात्रा 20 हजार पार्ट पर मिलियन से ज्यादा हो गई है. ऐसे हालात में 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी के बांध के गेट शुक्रवार शाम छह बजे से खोल दिए गए हैं. नाथपा बांध प्रबंधन ने नाथपा बांध से पानी छोड़ने के बाद सतलुज नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावनाएं देखते हुए लोगों से नदी तट पर न जाने की सलाह दी है.

गौरतलब है कि अधिक बारिश से सतलुज की सहायक नदियों का पानी मटमैला होने से सतलुज नदी में सिल्ट काफी ज्यादा हो गई है. परियोजना प्रबंधकों का कहना है कि सतलुज नदी का जलस्तर करीब एक हजार क्यूमेक्स प्रति सेकेंड है, जबकि गाद 20 से 25 हजार पार्ट पर मिलियन है.

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