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पानी के बिलों पर भड़के शिमला के लोग, पानी का जिम्मा नगर निगम को सौंपने की मांग

शिमला में लोगों का कहना है कि जल निगम ने जो मीटर लगाए हैं वो पूरी तरह से खराब हैं और लोगों को लाखों के बिल दे दिए हैं. लोग सात महीने में कैसे लाखों का पानी पी गए. इसके बारे में जल निगम को बताना चाहिए. उनका कहना है कि जब नगर निगम के पास पानी का जिम्मा था तब इतने ज्यादा पानी के बिल कभी नहीं आते थे और जल निगम ने सीवरेज सेस के नाम पर हजारों रुपए पानी के बिल में जोड़े जा रहे है, जोकि पूरी तरह से गलत है.

water bill problem in shimla, शिमला में पानी के बिलों की समस्या
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Published : Jan 26, 2020, 5:52 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में पानी के भारी भरकम बिलों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. लाखों में आए पानी के बिलों पर लोगों का गुस्सा जल निगम पर फूटने लगा है. लोग अब सरकार से जल प्रबंधन निगम से पानी का वितरण लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग कर रहे हैं.

लोगों का कहना है कि शहर में जल प्रबंधन निगम ने लाखों के बिल थमा दिए हैं और अब उन बिलों को ठीक करवाने के लिए जल निगम के कार्यालय के चक्कर काटने के लिए लोग मजबूर हो गए हैं. जल निगम की गलती का खामयाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

वीडियो.

लोगों का कहना है कि जल निगम ने जो मीटर लगाए हैं वो पूरी तरह से खराब हैं और लोगों को लाखों के बिल दे दिए हैं. लोग सात महीने में कैसे लाखों का पानी पी गए. इसके बारे में जल निगम को बताना चाहिए. उनका कहना है कि जब नगर निगम के पास पानी का जिम्मा था तब इतने ज्यादा पानी के बिल कभी नहीं आते थे और जल निगम ने सीवरेज सेस के नाम पर हजारों रुपए पानी के बिल में जोड़े जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है.

बता दें शहर में पानी का वितरण का जिम्मा दो सालों से जल प्रबंधन निगम को सौंपा गया था. इससे पहले नगर निगम ही पानी का वितरण और बिल जारी करता था, लेकिन सरकार ने पानी के वितरण के लिए अलग से कंपनी का गठन कर दिया है.

ये भी पढ़ें- रिब्बा गांव में मनाया गया गणतंत्र दिवस, देवता कासु राज ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

शिमला: राजधानी शिमला में पानी के भारी भरकम बिलों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. लाखों में आए पानी के बिलों पर लोगों का गुस्सा जल निगम पर फूटने लगा है. लोग अब सरकार से जल प्रबंधन निगम से पानी का वितरण लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग कर रहे हैं.

लोगों का कहना है कि शहर में जल प्रबंधन निगम ने लाखों के बिल थमा दिए हैं और अब उन बिलों को ठीक करवाने के लिए जल निगम के कार्यालय के चक्कर काटने के लिए लोग मजबूर हो गए हैं. जल निगम की गलती का खामयाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

वीडियो.

लोगों का कहना है कि जल निगम ने जो मीटर लगाए हैं वो पूरी तरह से खराब हैं और लोगों को लाखों के बिल दे दिए हैं. लोग सात महीने में कैसे लाखों का पानी पी गए. इसके बारे में जल निगम को बताना चाहिए. उनका कहना है कि जब नगर निगम के पास पानी का जिम्मा था तब इतने ज्यादा पानी के बिल कभी नहीं आते थे और जल निगम ने सीवरेज सेस के नाम पर हजारों रुपए पानी के बिल में जोड़े जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है.

बता दें शहर में पानी का वितरण का जिम्मा दो सालों से जल प्रबंधन निगम को सौंपा गया था. इससे पहले नगर निगम ही पानी का वितरण और बिल जारी करता था, लेकिन सरकार ने पानी के वितरण के लिए अलग से कंपनी का गठन कर दिया है.

ये भी पढ़ें- रिब्बा गांव में मनाया गया गणतंत्र दिवस, देवता कासु राज ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

Intro:राजधानी शिमला में पानी के भारी भरकम बिलो ने लोगो की नींद उड़ा दी है। लाखो में आए पानी के बिलो पर लोगो का गुसा जल निगम पर फूटने लगा है। लोग अब सरकार से जल प्रबधन निगम से पानी का वितरण लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग कर रहे है। लोगो का कहना है कि शहर में जल प्रबधन निगम ने लाखों के बिल थमा दिए है और अब उन बिलो को ठीक करवाने के लिए जल निगम के कार्यालय के चक्कर काटने के लिए लोग मजबूर हो गए है। जल निगम की गलती का खामयाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।


Body:लोगो का कहना है कि जल निगम ने जो मीटर लगाए है वो पूरी तरह से खराब है और लोगो को लाखों के बिल दे दिए है । लोग सात महीने में कैसे लाखो का पानी पी गए इसके बारे में जल।निगम को बताना चाहिए। उनका कहना है कि जब नगर निगम के पास पानी का जिमा था तब इतने ज्यादा पानी के बिल कभी नही आते थे और जल निगम ने सीवरेज सेस के नाम पर हजारों रुपए पानी के बिल में जोड़े जा रहे है जोकि पूरी तरह से गलत है। उनोहने सरकार से जल निगम द्वारा जारी किए गए बिल की जांच और पानी के वितरण का कार्य नगर निगम को देने की मांग की।


Conclusion:बता दे शहर में पानी का वितरण का जिम्मा दो सालों से जल प्रबधन निगम को सौंपा गया था इससे पहले नगर निगम ही पानी का वितरण ओर बिल जारी करता था लेकिन सरकार ने पानी के वितरण के लिए अलग से कंपनी का गठन कर दिया है।
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