शिमला: हिमाचल प्रदेश में 14वीं विधानसभा के लिए मतदान संपन्न हो गया है. प्रदेश भर के मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट को सील कर दिया गया है. प्रदेश की सभी 68 सीटों के लिए कुल 7881 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. मतगणना 8 दिसंबर को होगी. बात शिमला जनपद की करें तो यहां की 8 सीटों पर भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ है. मतदान में किसी तरही की कहीं कोई गड़बड़ी ने हो इसके लिए प्रत्येक मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. (voting percentage in shimla)
जिला शिमला में कुल 8 विधानसभा सीटों पर कुल 50 प्रत्याशियों किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. यहां पर तीन शिमला ग्रामीण, कसुम्पटी और ठियोग हॉट सीट मानी जा रही है. शिमला शहरी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पिछले बार 2017 में 63 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार 62.43 फीसदी मतदान हुआ है.
प्रदेश की हॉट सीट में शुमार शिमला शहरी सीट पर इस बार कांग्रेस, बीजेपी, माकपा और 'आप' चारों ही पार्टियों में जंग है. भाजपा ने नए उम्मीदवार संजय सूद को टिकट दिया है. तो वहीं, कांग्रेस की टिकट पर हरीश जनारथा मैदान में हैं. अहम बात ये है कि पिछले तीन विधानसभा चुनावों से यह बीजेपी के कब्जे में रही है, लेकिन इस बार बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदला है.
चौपाल विधानसभा सीट पर पिछली बार 74 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार भी 74 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है. इस सीट पर बीजेपी के सबसे अमीर उम्मीदवार बलवीर सिंह वर्मा चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट का टिकट काटकर रजनीश किमटा को टिकट दिया है. चौपाल की सीट पर ज्यादातर बीजेपी का ही कब्जा रहा है.
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ठियोग विधानसभा सीट पर 2017 में 72 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार 71 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर CPI (M), कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. सीपीआईएम से राकेश सिंघा, कांग्रेस से कुलदीप सिंह राठौर और बीजेपी के अजय श्याम चुनावी मैदान में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. यहां मुकाबला तिकोना है.
कसुम्पटी विधानसभा सीट पर साल 2017 में 66 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार 57 फीसदी ही मतदान हुआ है. इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज और कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह आमने सामने हैं. दोनों ही प्रत्याशियों की जनता के बीच पकड़ काफी मजबूत है.
शिमला ग्रामीण सीट पर 2017 में 72 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार 66 फीसदी मतदान हुआ है. इस बार मुकाबला कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह और भाजपा के रवि मेहता के बीच है.
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जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट में 2017 में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार 70 फीसदी कम 70 फीसदी मतदान हुआ है. यह सीट भाजपा और कांग्रेस के वर्चस्व वाली सीटों में शुमार है. इस सीट पर इन दोनों पार्टियों ने बारी-बारी से चुनाव जीते हैं. कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए रोहित ठाकुर तो भाजपा ने चेतन बरागटा को मैदान में उतारा है.
रामपुर विधानसभा सीट में 2017 में 74 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार 72 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है. इस सीट पर भाजपा अभी तक कमल नहीं खिला पाई है. इस बार मुकाबला तीन बार जीत चुके कांग्रेस विधायक नंद लाल और भाजपा के युवा नेता कौल सिंह के बीच है.
रोहड़ू विधानसभा सीट पर साल 2017 में 71 फीसदी मतदान हुआ था. तो वहीं, इस बार 60 फीसदी मतदान हुआ है. यहां से भाजपा से शशि बाला को तो कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए मोहन लाल ब्राक्टा को चुनावी मैदान में उतारा है. जहां 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.