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शिमला में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन, मांगें नहीं मानने पर सचिवालय के घेराव की चेतावनी - शिमला में दृष्टिबाधितों का धरना प्रदर्शन

दृष्टिबाधितों ने आज शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान दृष्टिबाधितों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे सचिवालय का घेराव करेंगे और धरना जारी रखेंगे. पढ़ें पूरी खबर... (visually impaired people protest in Shimla).

visually impaired people protest in Shimla
शिमला में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 6:37 PM IST

शिमला में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन

शिमला: राजधानी शिमला में दृष्टिबाधितों ने मांगें न माने जाने पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दृष्टिबाधितों ने आज मांगों को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो यह धरना अनिश्चितकालीन रूप ले लेगा और वे सचिवालय का घेराव भी करेंगे. राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव देवाचंद्र नेगी ने कहा कि सरकार ने काफी लंबे समय बाद बैकलॉग भर्तियों का फैसला लिया है, लेकिन यह त्रुटिपूर्ण है. सरकार एक दो पद निकाल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को रोजगार मेला लगाकर सभी को रोजगार देना चाहिए. पहले 2008 में इस तरह से बैकलॉग की भर्तियां की गईं थी.

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राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव देवाचंद्र नेगी ने कहा कि सरकार ने 35 साल से ज्यादा उम्र वालों को शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का फैसला तो लिया है, लेकिन इसका फायदा दृष्टिबाधितों को नहीं मिल रहा. उन्होंने मांग की कि गरीब और असहाय दृष्टिबाधितों को विशेष छूट दी जानी चाहिए. देवाचंद्र नेगी ने कहा कि दृष्टिबाधितों कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र को भी बढ़ाया जाना चाहिए. पूर्व भाजपा सरकार ने यह 60 से 58 साल कर दी गई थी, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार में इसे 60 साल किया बढ़ाया गया था. उन्होंने सरकार से मांग कि इसे फिर से 60 साल किया जाए.

ये भी पढ़ें- Rahul Talks to Satyapal Malik: राहुल से बोले सत्यपाल मलिक, छह माह की बात है...लिखकर देता हूं, पावर में नहीं आएगी सरकार

देवाचंद्र नेगी ने कहा कि इससे पहले अप्रैल महीने में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था, तब निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से उनको मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. साथ में उनकी बैठक मुख्य सचिव के साथ कराने की भी बात की गई थी, लेकिन न तो बैठक हुई और न ही उनकी मांगें पूरी हुई. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे सचिवालय का घेराव करेंगे और धरना जारी रखेंगे.

ये भी पढ़ें- Rape Case In Baddi: बद्दी की एक निजी कंपनी में कार्यरत हरियाणा की युवती के साथ गैंगरेप, 4 आरोपियों ने दिया घटना को अंजाम

शिमला में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन

शिमला: राजधानी शिमला में दृष्टिबाधितों ने मांगें न माने जाने पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दृष्टिबाधितों ने आज मांगों को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो यह धरना अनिश्चितकालीन रूप ले लेगा और वे सचिवालय का घेराव भी करेंगे. राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव देवाचंद्र नेगी ने कहा कि सरकार ने काफी लंबे समय बाद बैकलॉग भर्तियों का फैसला लिया है, लेकिन यह त्रुटिपूर्ण है. सरकार एक दो पद निकाल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को रोजगार मेला लगाकर सभी को रोजगार देना चाहिए. पहले 2008 में इस तरह से बैकलॉग की भर्तियां की गईं थी.

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राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव देवाचंद्र नेगी ने कहा कि सरकार ने 35 साल से ज्यादा उम्र वालों को शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का फैसला तो लिया है, लेकिन इसका फायदा दृष्टिबाधितों को नहीं मिल रहा. उन्होंने मांग की कि गरीब और असहाय दृष्टिबाधितों को विशेष छूट दी जानी चाहिए. देवाचंद्र नेगी ने कहा कि दृष्टिबाधितों कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र को भी बढ़ाया जाना चाहिए. पूर्व भाजपा सरकार ने यह 60 से 58 साल कर दी गई थी, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार में इसे 60 साल किया बढ़ाया गया था. उन्होंने सरकार से मांग कि इसे फिर से 60 साल किया जाए.

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देवाचंद्र नेगी ने कहा कि इससे पहले अप्रैल महीने में दृष्टिबाधितों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था, तब निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से उनको मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. साथ में उनकी बैठक मुख्य सचिव के साथ कराने की भी बात की गई थी, लेकिन न तो बैठक हुई और न ही उनकी मांगें पूरी हुई. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे सचिवालय का घेराव करेंगे और धरना जारी रखेंगे.

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