शिमला: हिमाचल प्रदेश में हर रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में हर वर्ग अब फिर से परेशान हो रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में कार्यरत दृष्टिबाधित कर्मचारी भी करोनो के बढ़ते मामलों से सहमे हुए हैं और सरकार से कार्यालय तक आने जाने की व्यवस्था करने या फिर उन्हें कार्यालय जाने की छूट देने की मांग कर रहे हैं.
दूसरों के सहारे पहुंचते हैं कार्यालय
दृष्टिबाधित कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाना बेहद जरूरी है, लेकिन वे इसका पालन नहीं कर पाते. उनका कहना है कि वह दूसरों के सहारे ही अपने कार्यालय तक पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें कोरोना संक्रमण फैलने का डर हमेशा सताता रहता है.
कोरोना को लेकर डर
दिव्यांग कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिशु पाल मेहता ने कहा कि प्रदेश में हर रोज कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में संक्रमित होने का डर सता रहा है. दृष्टि बाधित सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं. पहले कोरोना के मामले सामने आने पर सरकार ने उन्हें राहत देते हुए कार्यालय न आने की छूट दी थी, लेकिन अब दोबारा हालात खराब हो रहे हैं. इसके चलते दृष्टिबाधित को डर सता रहा है. प्रदेश में 700 ऐसे कर्मी हैं जो हर रोज बसों में कार्यालय जाते हैं. उन्हें दूसरों का सहारा ले कर ही जाना पड़ता है. ऐसे में स्तिथि सामान्य होने तक इन लोगों को विशेष छूट दी जाए.
कार्यालय न आने की छूट की मांग
दिव्यांग कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से दृष्टिबाधित कर्मचारियों के लिए यह कार्यालय आने जाने के लिए व्यवस्था करने या फिर पहले की तरह दृष्टिबाधित कर्मचारियों को कार्यालय न आने की छूट देने की मांग की. इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी मिलने जा रहे हैं.
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