ETV Bharat / state

2500 रुपये मासिक से अधिक आय वाले होंगे BPL से बाहर, नहीं बदलेगी तय शर्तें

मुकेश अग्निहोत्री को जवाब देते हुए ग्रमीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में साफ कहा कि 2500 रुपये आय और ना ही 2 हैक्टेयर से कम भूमि वाली शर्त को हटाया जाएगा. ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 82 हजार परिवार बीपीएल में हैं.

author img

By

Published : Aug 23, 2019, 9:26 PM IST

virender kanwar statement on bpl in vidhansabha

शिमला: नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सदन में नियम 62 के तहत बीपीएल परिवारों के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बीपीएल सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए 2500 रुपये से कम आय का शपथ पत्र देने और 2 हैक्टेयर भूमि संबंधी शर्त लगाई. प्रदेश सरकार के इन फरमानों से पंचायती राज की मूल भावना को आघात पहुंचा है.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि तीन सदस्यों की समिति का बनाया गया नियम गलत है. इसके सहारे परिवारों को बीपीएल सूची से जबरन निकला जा रहा है. जब ग्रामसभा को बीपीएल सूची बनानी है तो फिर कमेटी बनाने का क्या मतलब है. प्रदेश सरकार ने 2500 रुपये से कम आय और 2 हैक्टेयर भूमि वाली शर्त नहीं हटाई तो पूरा प्रदेश अपने आप ही बीपीएल मुक्त हो जाएगा.

मुकेश अग्निहोत्री को जवाब देते हुए ग्रमीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में साफ कहा कि 2500 रुपये आय और ना ही 2 हैक्टेयर से कम भूमि वाली शर्त को हटाया जाएगा. ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 82 हजार परिवार बीपीएल में हैं. भारत सरकार ने 2 लाख 82 हजार 370 परिवारों की संख्या हिमाचल के लिए निर्धारित की है. इसके अलावा 105 पंचायतें बीपीएल मुक्त घोषित हो चुकी हैं.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार ने 1 लाख परिवारों को नई योजनाएं बनाकर बीपीएल रेखा से ऊपर उठाने का टारगेट रखा है. उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति के कारण ही गलत व्यक्ति को बीपीएल में जोड़ा जाता हैं. पंचायतों को बीपीएल मुक्त करना ग्राम सभा के क्षेत्राधिकार में हैं. इसके अलावा अगर किसी की बात ग्राम सभा में नहीं सुनी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति एसडीएम के पास जाकर अपील कर सकता है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 10वीं पंचवर्षीय योजना के बाद ही बीपीएल सूची की समीक्षा की जाती है. इसके अनुसार अपात्र लोगों को बाहर निकाल कर नए योग्य लोगों को शामिल किया जाता है. भाजपा सरकार ही पहली बार बीपीएल सूची की समीक्षा नहीं कर रही.

शिमला: नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सदन में नियम 62 के तहत बीपीएल परिवारों के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बीपीएल सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए 2500 रुपये से कम आय का शपथ पत्र देने और 2 हैक्टेयर भूमि संबंधी शर्त लगाई. प्रदेश सरकार के इन फरमानों से पंचायती राज की मूल भावना को आघात पहुंचा है.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि तीन सदस्यों की समिति का बनाया गया नियम गलत है. इसके सहारे परिवारों को बीपीएल सूची से जबरन निकला जा रहा है. जब ग्रामसभा को बीपीएल सूची बनानी है तो फिर कमेटी बनाने का क्या मतलब है. प्रदेश सरकार ने 2500 रुपये से कम आय और 2 हैक्टेयर भूमि वाली शर्त नहीं हटाई तो पूरा प्रदेश अपने आप ही बीपीएल मुक्त हो जाएगा.

मुकेश अग्निहोत्री को जवाब देते हुए ग्रमीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में साफ कहा कि 2500 रुपये आय और ना ही 2 हैक्टेयर से कम भूमि वाली शर्त को हटाया जाएगा. ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 82 हजार परिवार बीपीएल में हैं. भारत सरकार ने 2 लाख 82 हजार 370 परिवारों की संख्या हिमाचल के लिए निर्धारित की है. इसके अलावा 105 पंचायतें बीपीएल मुक्त घोषित हो चुकी हैं.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार ने 1 लाख परिवारों को नई योजनाएं बनाकर बीपीएल रेखा से ऊपर उठाने का टारगेट रखा है. उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति के कारण ही गलत व्यक्ति को बीपीएल में जोड़ा जाता हैं. पंचायतों को बीपीएल मुक्त करना ग्राम सभा के क्षेत्राधिकार में हैं. इसके अलावा अगर किसी की बात ग्राम सभा में नहीं सुनी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति एसडीएम के पास जाकर अपील कर सकता है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 10वीं पंचवर्षीय योजना के बाद ही बीपीएल सूची की समीक्षा की जाती है. इसके अनुसार अपात्र लोगों को बाहर निकाल कर नए योग्य लोगों को शामिल किया जाता है. भाजपा सरकार ही पहली बार बीपीएल सूची की समीक्षा नहीं कर रही.

Intro:शिमला। जिन परिवारों की मासिक आय 2500 रुपये से अधिक है या 2 हैक्टेयर से अधिक भूमि है वो परिवार बीपीएल से बाहर होंगे। ग्रमीण विकास मंत्री ने कहा कि ना ही 2500 रुपये आय और न ही 2 हैक्टेयर से कम भूमि वाली आय की शर्त हटेगी।

ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 2 लाख 82 हजार परिवार बीपीएल में हैं। भारत सरकार ने 2,82,370 परिवारों की संख्या हिमाचल के लिए निर्धारित की है। इसके अलावा 105 पंचायते बीपीएल मुक्त घोषित हो चुकी हैं। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि हमने टारगेट रखा है कि 1 लाख परिवारों को नई योजनाएं बनाकर इतना सक्षम किया जाए कि वो बीपीएल रेखा से ऊपर उठ जाए। उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति के कारण ही गलत व्यक्ति को बीपीएल में आते हैं। बीपीएल मुक्त करना ग्राम सभा के क्षेत्राधिकार में हैं इसके अलावा अगर किसी की बात ग्राम सभा में नहीं सुनी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति एस डीएम के पास जाकर अपील कर सकता है।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 10वी पंचवर्षीय योजना के बाद ही बीपीएल सूची की समीक्षा की जाती है इसके अनुसार अपात्र लोगों को बाहर निकाल कर नए योग्य लोगों को शामिल किया जाता है। भाजपा सरकार ही पहली बार बीपीएल सूची की समीक्षा नही कर रही। 2019 की ग्राम सभा अमीर बनने के लिए हो न कि गरीब बनने के किये।


Body:मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जन बूझ कर बीपीएल को कम किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है कि 2500 रुपये से कम इनकम का शपथ पत्र देने की बात कही है। 2500 रूपए की शर्त लगाना गलत है इसके अलावा प्रदेश सरकार ने मनरेगा में 25 दिन लगाने की शर्त भी लगा दी है। इसके अलावा भी कई अन्य शर्ते लगाई है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीपीएल परिवार पर ज़मीन संबंधी शर्त लगाना भी गलत है। प्रदेश सरकार के इन फरमानों से पंचायती राज की मूल भावना को आघात पहुंच रहा है। इसके अलावा तीन सदस्यों की समिति बनाने का जो नियम बनाया गया है वो भी गलत है। इसके सहारे परिवारों को बीपीएल से जबरन निकला जा रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 2500 रुपये से कम आय वाली शर्त सरासर गलत है। इससे पंचायती राज संस्था की मूल भावना आहत होती है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगर यह शर्त नहीं हटाई तो पूरा प्रदेश अपने आप ही बीपीएल मुक्त हो जाएगा।

चर्चा में भाग लेते हुए आशीष बुटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार से ये ठान ली है कि अपनी नोटिफ़िकेशन के सहारे प्रदेश के बीपीएल के लोगों को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2500 रुपये की आय प्रदेश की 35000 रुपये प्रति व्यक्ति की लिमिट को भी पीछे छोड़ देती है। आशीष ने कहा कि प्रदेश सरकार को बीपीएल में गलत तरीके आये लोगों को बाहर करने का अभियान चलाना चाहिए । ऐसे लोगों को बीपीएल से बाहर करना चाहिए कि जिनके पास गाड़ियां हैं पक्का मकान है और तमाम सुविधाएं है। ना कि गरीब लोगों को जबरन कमेटी बनाकर बीपीएल से बाहर किया जा रहा है। बीपीएल मुक्त पंचायतों को इनाम की घोषणा कर के प्रदेश सरकार लालच देकर जबरन पंचायतों को बीपीएल मुक्त कर रहे है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.