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केक काट कर वीरभद्र सिंह ने मनाया 87वां जन्मदिन, बधाई देने वालों का लगा तांता - congress news

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में अपने निवास स्थान होली लॉज में अपना 87वां जन्मदिन मनाया. होली लॉज में सुबह से ही जन्मदिन की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. हालांकि, इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का जन्मदिन सादगी से मनाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए घर के अंदर ही वीरभद्र सिंह ने केक काटा और लोगों की बधाई भी ली.

Virbhadra Singh birthday celebration
वीरभद्र सिंह का जन्मदिन
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Published : Jun 23, 2020, 2:05 PM IST

शिमला: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में अपने निवास स्थान होली लॉज में अपना 87वां जन्मदिन मनाया. होली लॉज में सुबह से ही जन्मदिन की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. वीरभद्र सिंह को जन्मदिन की बधाई देने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ कार्यकर्ता भी काफी तादाद में पहुंचे.

मंगलवार को सुबह पूजा पाठ करने के बाद वीरभद्र सिंह ने केक काटा. हालांकि, इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का जन्मदिन सादगी से मनाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए घर के अंदर ही वीरभद्र सिंह ने केक काटा और लोगों की बधाई भी ली. इस मौके पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, विधायक नंदलाल और अन्य लोगों ने वीरभद्र सिंह को गुलदस्ते देकर जन्मदिन की बधाई दी. साथ ही उनकी लंबी आयु की कामना की.

वीडियो.

वहीं, वीरभद्र सिंह ने इस मौके पर लोगों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते वे धूमधाम से अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं.

इसके अलावा पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है. उनका मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहेगा. आज उनके जन्मदिन पर उनकी लंबी आयु की कामना की गई है.

Virbhadra Singh with his son Vikramaditya Singh
वीरभद्र सिंह के साथ उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह

6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. वीरभद्र सिंह ने पहली बार वर्ष 1962 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और 25 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे. उसके बाद 1967 और 1971 के चुनावों में भी जीत दर्ज की. 1976 और 1977 के बीच वीरभद्र सिंह को केंद्र में पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में उपमंत्री बनाया गया.

1980 में वीरभद्र सिंह ने फिर चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए. उन्हें इस दौरान केंद्र में राज्य उद्योग मंत्री बनाया गया. इसके बाद वीरभद्र सिंह ने प्रदेश राजनीति की. 1983 में वह जुब्बल-कोटखाई सीट से उपचुनाव जीते और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

इसके बाद 1985 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रोहडू विधानसभा क्षेत्र से 1990, 1993, 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव जीते. वर्ष 1998 से लेकर 2003 तक वह नेता विपक्ष भी रहे. 2003 में वह फिर से सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए. वर्ष 2012 में वह छठी बार हिमाचल के सीएम चुने गए. इस समय में भी वह अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के पूर्व CM वीरभद्र का 87वां जन्मदिन, शुभकामनाएं फोन से देने का आग्रह

शिमला: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में अपने निवास स्थान होली लॉज में अपना 87वां जन्मदिन मनाया. होली लॉज में सुबह से ही जन्मदिन की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. वीरभद्र सिंह को जन्मदिन की बधाई देने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ कार्यकर्ता भी काफी तादाद में पहुंचे.

मंगलवार को सुबह पूजा पाठ करने के बाद वीरभद्र सिंह ने केक काटा. हालांकि, इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का जन्मदिन सादगी से मनाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए घर के अंदर ही वीरभद्र सिंह ने केक काटा और लोगों की बधाई भी ली. इस मौके पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, विधायक नंदलाल और अन्य लोगों ने वीरभद्र सिंह को गुलदस्ते देकर जन्मदिन की बधाई दी. साथ ही उनकी लंबी आयु की कामना की.

वीडियो.

वहीं, वीरभद्र सिंह ने इस मौके पर लोगों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते वे धूमधाम से अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं.

इसके अलावा पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है. उनका मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहेगा. आज उनके जन्मदिन पर उनकी लंबी आयु की कामना की गई है.

Virbhadra Singh with his son Vikramaditya Singh
वीरभद्र सिंह के साथ उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह

6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. वीरभद्र सिंह ने पहली बार वर्ष 1962 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और 25 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे. उसके बाद 1967 और 1971 के चुनावों में भी जीत दर्ज की. 1976 और 1977 के बीच वीरभद्र सिंह को केंद्र में पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में उपमंत्री बनाया गया.

1980 में वीरभद्र सिंह ने फिर चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए. उन्हें इस दौरान केंद्र में राज्य उद्योग मंत्री बनाया गया. इसके बाद वीरभद्र सिंह ने प्रदेश राजनीति की. 1983 में वह जुब्बल-कोटखाई सीट से उपचुनाव जीते और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

इसके बाद 1985 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रोहडू विधानसभा क्षेत्र से 1990, 1993, 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव जीते. वर्ष 1998 से लेकर 2003 तक वह नेता विपक्ष भी रहे. 2003 में वह फिर से सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए. वर्ष 2012 में वह छठी बार हिमाचल के सीएम चुने गए. इस समय में भी वह अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

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