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पिता की मौत पर छलका बेटे विक्रमादित्य का दर्द, सोशल मीडिया पर किया भावुक कर देने वाला पोस्ट

वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है. समर्थक मायूस हैं, हर किसी की आंखें नम हैं. वहीं, विक्रमादित्य सिंह (vikramaditya singh) ने अपने पिता वीरभद्र सिंह को याद करते हए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि आप हमारी यादों और कार्यशैली में हमेशा जीवित रहेंगे.

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वीरभद्र सिंह के साथ विक्रमादित्य सिंह. (फाइल फोटो)
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Published : Jul 8, 2021, 8:04 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former Himachal Pradesh CM Virbhadra Singh) का आज शिमला में निधन हो गया. वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है. समर्थक मायूस हैं, हर किसी की आंखें नम हैं. वहीं, विक्रमादित्य सिंह (vikramaditya singh) ने अपने पिता वीरभद्र सिंह को याद करते हए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि आप हमारी यादों और कार्यशैली में हमेशा जीवित रहेंगे. आगे उन्होंने लिखा है. आपके दिखाए हुए रास्ते पर चलना ही हमारे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है.

इसमें कोई दो रय नहीं कि इस पहाड़ी प्रदेश की नींव हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार (Dr. YS Parmar) ने रखी और वीरभद्र सिंह ने उस नींव पर विकास का मजबूत ढांचा खड़ा किया है. छह बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना अपने आप में बड़ी बात है. यही नहीं, वीरभद्र सिंह ने केंद्र में भी महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं. वे बेशक केंद्र में भी सक्रिय रहे, परंतु उनका मन हिमाचल में ही रमता था और उनकी प्राथमिकता अपने प्रदेश की जनता रही.

कोविड संक्रमण को दो बार पराजित करने वाले वीरभद्र सिंह अंतत: सांसों की लड़ाई हार गए. अप्रैल महीने से आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Shimla) में वे संघर्ष ही करते आए. वे स्वभाव से ही संघर्षशील थे. हिमाचल की राजनीति का जिक्र उनके बिना अधूरा माना जाएगा. यही वजह है कि वीरभद्र सिंह के निधन पर प्रदेश भर में शोक की लहर है. हर किसी की आंखें नम हैं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former Himachal Pradesh CM Virbhadra Singh) का आज शिमला में निधन हो गया. वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है. समर्थक मायूस हैं, हर किसी की आंखें नम हैं. वहीं, विक्रमादित्य सिंह (vikramaditya singh) ने अपने पिता वीरभद्र सिंह को याद करते हए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि आप हमारी यादों और कार्यशैली में हमेशा जीवित रहेंगे. आगे उन्होंने लिखा है. आपके दिखाए हुए रास्ते पर चलना ही हमारे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है.

इसमें कोई दो रय नहीं कि इस पहाड़ी प्रदेश की नींव हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार (Dr. YS Parmar) ने रखी और वीरभद्र सिंह ने उस नींव पर विकास का मजबूत ढांचा खड़ा किया है. छह बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना अपने आप में बड़ी बात है. यही नहीं, वीरभद्र सिंह ने केंद्र में भी महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं. वे बेशक केंद्र में भी सक्रिय रहे, परंतु उनका मन हिमाचल में ही रमता था और उनकी प्राथमिकता अपने प्रदेश की जनता रही.

कोविड संक्रमण को दो बार पराजित करने वाले वीरभद्र सिंह अंतत: सांसों की लड़ाई हार गए. अप्रैल महीने से आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Shimla) में वे संघर्ष ही करते आए. वे स्वभाव से ही संघर्षशील थे. हिमाचल की राजनीति का जिक्र उनके बिना अधूरा माना जाएगा. यही वजह है कि वीरभद्र सिंह के निधन पर प्रदेश भर में शोक की लहर है. हर किसी की आंखें नम हैं.

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फोटो.

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